बाल अधिकारों के लिए भरतपुर में मीडिया कार्यशाला

SARD 02SARD 01भरतपुर। ऑल राउण्ड डवलपमेन्ट सोसायटी(सार्ड) एवं प्रयत्न संस्था द्वारा ‘‘सेव द चिल्ड्रन‘‘ के सहयोग से बाल अधिकारों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए भरतपुर में जिला स्तरीय मीडिया कार्यशाला का आयोजन हुआ। जिसमें शिक्षा के अभाव में बालकों के हो रहे शोषण व अत्याचार, जिसमें विशेष रूप से गरीब व बालकों के अधिकारों के हनन के अनेक उदाहरण सामने आए।
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष आलोक शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित हुई मीडिया कार्यशाला में उन्होंने मीडिया कर्मियों से आग्रह किया कि वे बालकों के अधिकारों के सम्बन्ध में फैली भ्रान्तियों के लिए समुदाय के सहभागी बनें व उत्प्रेरक के रूप में काम करें। उन्होंने सुझाव दिया कि मेवात क्षेत्र में दूसरे राज्यों से सन्तान प्राप्ति के उद्देश्य से लाई गई नाबालिग लडकियों एवं उनकी सन्तानों को अधिकार दिलाने की आवश्यकता है। ऐसी लडकियों को मेवात क्षेत्र में पारो के नाम से जाना जाता है। इस प्रथा पर भी प्रभावी अंकुश लगाने तथा इनकी सन्तानों को इनके अधिकार दिलाने की आवश्यकता है। उन्होंने नदबई क्षेत्र में ईंट-भट्टों पर बन्धुआ श्रमिकों के बालक-बालिकाओं के मानवीय मूल्यों पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि उन्हें अपने अधिकारों के साथ शिक्षा, चिकित्सा जैसी सुविधाऐं मुहैया हो सकें। जिसके लिए ग्राम पंचायत स्तर पर जागरुकता लाने की जरूरत है।
जयपुर से आए मीडिया सलाहकार कल्याण सिंह कोठारी ने बाल अधिकारों के संरक्षण में मीडिया की उत्तरदायित्व भूमिका का रेखांकन करते हुए मीडिया के द्वारा कई उदाहरणों में उल्लेखनीय कार्यवाही किये जाने की सराहना की। कार्यशाला में प्रयत्न संस्था के कार्यक्रम अधिकारी मुकेश कौशिक एंव प्रयत्न संस्था के दीपेन्द्र सिंह तोमर ने उद्देश्यों को स्पष्ट करते हुए बताया कि परियोजना के तहत् कांमा व नदबई में गत चार वर्षों में बालकों के कल्याण व शिक्षा से जोडने के कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। जिसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आए हैं। उन्होंने बताया कि संस्था ने पिछले वर्षों में 10 बाल विवाहों को रुकवाने तथा कई ईंट भट्टों पर कार्य करने वाले बाल श्रमिकों को छुडाने का उल्लेखनीय कार्य किया है। उन्होंने बालकों के अधिकारों को दिलाने व उनके कल्याण में मीडिया की सकारात्मक भूमिका की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि समाज की उत्तरदायित्वता को स्वीकार कर हम सबको बाल अधिकारों के लिए भी कार्य करना होगा।
कार्यशाला में वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप शर्मा ने बाल अधिकारों में सामाजिक कुरीतियों से होने वाले कारणों का विश्लेषण करने की आवश्यकता प्रतिपादित की। उन्होंने सुझाव दिया कि बालकों पर होने वाले अत्याचारों को रोकने में माता-पिता की भागीदारी तय करने, कानून की पालना कराने पर भी ईमानदारी से कार्य करने पर जोर दिया।
कार्यशाला में कांमा व नदबई क्षेत्र के बालक-बालिकाओं ने सार्ड एवं प्रयत्न संस्था द्वारा अनामांकित बालक-बालिकाओं को विद्यालय से जोडने की सराहना करते हुए कहा कि विद्यालयों में गठित की गई बाल पंचायतों के माध्यम से बच्चों में बाल-अधिकारों के प्रति जागृति आई है। इस चर्चा में कांमा क्षेत्र के बालक विजय, गौतम, नदबई की नगीना, शकील व विजय कुमार ने भी अपने अनुभव सुनाए।
इस अवसर पर पत्रकार राजेन्द्र जती, बाबूलाल, दीपक लवानिया, घनश्याम होल्कर, संजीव चीनिया, सतपाल सिंह, रघुवीर सिंह, दिनेश शर्मा, चाइल्ड लाइन के सुरेश, सार्ड दिल्ली के जगदीश मोहन्ती सहित अन्य सम्भागियों ने अपने सुझाव दिये। कार्यशाला में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता के उपनिदेशक रामनिवास यादव, बाल कल्याण समिति के गंगाराम पाराशर सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे। इस अवसर पर संस्था की ओर से बाल-अधिकारों पर प्रकाशित पुस्तिकाओं की प्रदर्शनी भी लगाई गई तथा बाल अधिकार सम्बन्धी लधु फिल्में भी दिखाई गईं। अन्त में सार्ड के मुकेश कौशिक ने सबका आभार व्यक्त किया।
कल्याण सिंह कोठारी
मीडिया सलाहकार
मो.ः 9414047744

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