एक्जिट पोल कभी सही तो कभी गलत साबित हुए

नई दिल्ली / लोकसभा चुनाव के आखिरी दौर की वोटिंग आज शाम छह बजे खत्म हो जाएगी और फिर हर ओर बस एक ही सवाल होगा कि आखिर सरकार किसकी बनेगी और कौन बनेगा पीएम। इसको लेकर लोगों की नजर एग्जिट पोल पर रहती है। आज शाम जैसे ही वोटिंग खत्म होगी, न्यूज चैनलों पर एग्जिट पोल छा जाएंगे। लेकिन क्या एग्जिट पोल वाकई में सही साबित होते हैं? इन एग्जिट पोल पर आप कितना भरोसा करें, इसके लिए हम आपके सामने रख रहे हैं पिछले चार लोकसभा चुनावों के एग्जिट पोल के नतीजों और असली नतीजों की पूरी तस्वीर।
1998
1998 का एग्जिट पोलः 1998 के लोकसभा चुनावों का एग्जिट पोल काफी हद तक सही साबित हुआ था। इसमें बीजेपी गठबंधन को 252 सीटें मिली थीं। एग्जिट पोल में भी बीजेपी और गठबंधन को 214 से 249 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया था। चुनाव में कांग्रेस गठबंधन को 166 सीटें मिलीं थीं। एग्जिट पोल में कांग्रेस को करीब-करीब इतनी ही सीटें मिलने का अनुमान जताया गया था।
1999
1999 का एग्जिट पोलः 1998 में बीजेपी गठबंधन को 300 से 334 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया था, लेकिन बीजेपी को मिलीं 296 सीटें। कांग्रेस को 134 सीटें मिलीं, जबकि उसके लिए 134 से 146 सीटों का अनुमान जताया गया था।

20042004 का एग्जिट पोलः 2004 में सभी चैनलों के एग्जिट पोल बुरी तरह फ्लॉप रहे। अधिकांश चैनलों के एग्जिट पोल में बीजेपी की सरकार बनने का अनुमान जताया गया था। बीजेपी गठबंधन को 284 सीटें तक दी गई थीं, लेकिन मिलीं 189 सीटें। जिस कांग्रेस गठबंधन को 164 तक सीटें मिलने की बात कही गई थी, उसे 222 सीटें मिलीं।

20092009 का एग्जिट पोलः 2009 में भी एग्जिट पोल्स हकीकत से काफी दूर रहे। इसमें बीजेपी गठबंधन को 175 से अधिक सीटें मिलने का अनुमान जताया गया, लेकिन मिलीं 159 सीटें। वहीं यूपीए को 262 सीटें मिलीं, जबकि उसके लिए 191 से 216 सीटों का अनुमान था।

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