नई दिल्ली / बीजेपी की सहयोगी शिवसेना सोमवार को नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होगी। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे इस समारोह में शिरकत करेंगे। पहले खबरें थीं कि मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ की मौजूदगी के कारण शिवसेना इससे दूर रह सकती है। नवाज शरीफ को बुलाने का जहां अधिकतर राजनीतिक दलों ने स्वागत किया, वहीं बीजेपी की अहम सहयोगी शिवसेना इस पर पूरी तरह चुप्पी साधे हुई थी। शिवसेना के नई लोकसभा में 18 सदस्य हैं और वह बीजेपी के बाद एनडीए की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है। मोदी सरकार में शिवसेना कोटे से मंत्री बनना तय माना जा रहा है। शिवसेना के सांसद अनंत गीते का नाम सबसे आगे चल रहा है। शिवसेना की चुप्पी पर कांग्रेस ने भी चुटकी ली थी।
कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने एक बयान में कहा था कि उनकी पार्टी हमेशा से मानती रही है कि विवाद को द्विपक्षीय बातचीत से सुलझाया जा सकता है लेकिन शिवसेना और बीजेपी पहले अलग राग अलापते थे। उन्होंने कहा, कांग्रेस ने हमेशा पड़ोसियों के साथ शांति और सौहार्द बनाने को प्राथमिकता दी है और जब जरूरत पड़ी है तो पाकिस्तान को उसके क्षेत्र में घुसकर सबक सिखाया गया। लेकिन बीजेपी और शिवसेना हमेशा कांग्रेस की नीति के आलोचक रहे हैं। शिवसेना पाकिस्तान के भारत में आतंकवाद प्रायोजित करने के खिलाफ काफी मुखर रही है। शिवसेना ने लोकसभा चुनाव में एनडीए की जबर्दस्त जीत के बाद पाकिस्तान के साथ ‘जैसे को तैसा’ नीति अपनाने की वकालत की थी। नरेंद्र मोदी को बीजेपी संसदीय दल का नेता चुनने के लिए मंगलवार को दिल्ली में हुई एनडीए बैठक में भी शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा था कि यदि पाकिस्तान देश में कोई संकट खड़ा करता है तो भारत को उसे सबक सिखाना चाहिए। ध्यान रहे कि शिवसेना ने पाकिस्तानी क्रिकेटरों को मुंबई में क्रिकेट खेलने से रोक दिया था जिसके चलते मैचों को अन्य शहरों में आयोजित करना पड़ा था। इसके पहले पाकिस्तानी टीम के खेलने के खिलाफ उन्होंने फिरोजशाह कोटला की पिच खोद दी थी।