सांवला की स्मृति में सडक का नाम रखने पर आभार

vidisha samachar 02विदिषा। माधवगंज के समीप कांच मंदिर के पीछे से मालवीय उद्यान एंव हरिसिंह एंड कम्पनी के बीच की एक सड़क मार्ग का नामकरण कल्याण जी गोविंद जी सांवला की स्मृति में रखने पर नगर के नागरिको ने विदिषा न.पा. परिषद के प्रति अपना आभार व्यक्त किया है। आभार व्यक्त करने वाले व्यक्तियों में स्व.कल्याण जी भाई के साथ लंबे समय तक रहे। जैन हायर सेकेंण्डरी स्कूल के व्याख्याता श्री अंबिका प्रसाद शुक्ल ने अपने संस्मरण सुनाते हुये कहा कि स्व.कल्याण जी भाई को लोग भाई जी कहते थे। क्योंकि वे भाईयों में सबसे बड़े थे।भाई जी एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होने विदिषा को दुर्गा उत्सव संचालन समिति की एक पहचान दी। नगर का दुर्गा उत्सव संचालन समिति उन्ही के द्वारा खड़ा किया एक प्रकल्प है। यही नही उन्होने कामापार दुर्गा मंदिर जो रंगई से सांची के मध्य है। उस भव्य देवी मंदिर का निर्माण भाई जी की देन है। वे खेल और संगीत के बड़े प्रेमी थे। विदिषा जिला कबडड्ी टीम का नेतृत्व भी करते थे। संगीत को बढ़ावा देने उन्होने नगर के प्रसिद्व संगीतज्ञ स्व.श्री मथुरा मोहन जी के सहयोग से एक संगीत विद्यालय भी खुलवाया। वे लोक गीतों के सुनने के शौकीन थे। हर अमावस्या पूर्णिमा और बड़े पर्वो में निषंक्तजनो को चौराहे पर भोजन बंटवाते थे। अस्पताल या नगर में कोई भी यदि लावारिस व्यक्ति की मृत्यु होती थी तो स्व. कल्याण जी भाई अपने पैसे से उसका दाह संस्कार करवाते थे। कई छोटे व्यापारी ये मानते थे कि भाई जी के पैसे में बड़ी वरकत है। इसलिये कई लोग अपनी रकम मंें भाई जी से लाया हुआ पैसा जोड़ते थे। स्व.कल्याण जी भाई हर आने वाले व्यक्ति को दो रुपये सैकड़े ब्याज पर पैसा देते थे।और जब पैसा लोटकर आता था तो उनका मुनीम मूूल रकम अलग और ब्याज की रकम भाई जी के हाथों में देता था । उसके ब्याज से आई रकम को वे परोपकार में खर्च करते थे। उनकी विषेषता यह थी कि वे एक बड़े से गल्ला व्यापारी थे। किन्तु वे कभी गल्ला मंडी खरीदने बेचने कभी नही जाते थे। समस्त कार्य उनके मुनीम और कर्मचारी करते थे।भाई जी के इस तरह कई संस्मरण सुनाते हुये उनके शुभचिन्तकों ने नगर पालिका अध्यक्ष बहिन ज्योति शाह के प्रति अपना आभार व्यक्त किया है। जिनमें नगर सेठ श्री राजेन्द्र कुमार जैन ,घनष्याम डागा ,जयकुमार जैन पवन पाटनी ,ओमकार प्रसाद सेन,अषोक जैन ,रमेष अग्रवाल ,महावीर सिंघई ,नारायण सिंह दांगी ,निरंजन पाटनी ,डॅा.वीरेन्द्र जैन ,विषाल माहेष्वरी ने अपना आभार व्यक्त किया । Harish Kontu

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