करीब 14 साल तक लगातार लाखों बच्चों तक पहुंचने वाले दूरदर्शन के चार चैनल्स ज्ञान दर्शन I एंड II और जीडी-3 एंड जीडी-4 इस महीने की 4 तारीख को बंद हो गए हैं। समस्या के समाधान के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) ने एक बैठक भी की है। खबरों के मुताबिक दूरदर्शन अधिकारियों ने प्रस्तावित 50 एज्युकेशनल चैनलों में से चार को मानव संसाधन विकास मंत्रालय का हिस्सा बनाए जाने का सुझाव दिया है। एचआरडी और प्रसार भारती के बीच पहले ही एक समझौता है, जिसके मुताबिक इन चारों चैनलों को लेकर कोई भी स्पष्टीकरण दूरदर्शन द्वारा ही लिया जाएगा। वैसे इस पर मानव संसाधन मंत्रालय का यह कहना है कि आगर ये 4 चैनल दूरदर्शन से बाहर हो जाएंगे, तो क्या ये देश के लाखों बच्चों तक मुफ्त में पहुंच सकेंगे। बता दें कि 2 जून को अंतरिक्ष विभाग ने एचआरडी को आखिरी नोटिस भेजकर बताया था कि जिस ट्रांस्पोंडर पर इंसेट-3सी चल रहा है वह स्ट्रैटजिक यूजर की जरूरी आवश्यकताओं के चलते तुरंत बंद हो जाएगा। इस मामले में स्ट्रैटजिक यूजर इंडियन नेवी है, जो जीएसएटी-7 की इस्टरन बीम चाहता है क्योंकि उसका एक बड़ा युद्ध जहाज सेंट्रल प्रशांत महासागर में बहुपक्षीय प्रक्षिशण के लिए जाने वाला है।
अंतरिक्ष विभाग का नोटिस एकदम नहीं आया है। पिछले साल जून में इसरो ने इग्नू को जानकारी दी थी कि ज्ञानदर्शन चैनल्स इंसेट-3सी से जीएसएटी-10 में शिफ्ट कर दिए गए हैं। हालांकि, इग्नू को एनओसी से मंजूरी लेने की उम्मीद थी। जब इग्नू ने एनओसीसी को इसके लिए प्रस्ताव भेजा तो बताया गया कि संस्थाओं और मंत्रालयों को चैनल्स चलाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। इग्नू को दूरदर्शन से अनुमति लेने की सलाह दी गई क्योंकि ये चैनल्स दूरदर्शन का हिस्सा हैं। अब इग्नू ने एनओसीसी से मंजूरी लेने के लिए दूरदर्शन को प्रस्ताव भेजा है।