मध्यप्रदेश के प्रथम दृष्टिहीन कलेक्टर कृष्ण गोपाल तिवारी

उमरिया जिले की संभाली कमान
krasn gopal tiwari– डा. एल. एन. वैष्णव- भोपाल/ संकल्प शक्ति तथा कुछ कर गुरजने की तमन्ना हो तो बाधा कितनी ही बडी हो उसको आखिर झुकना ही पडता है फिर वह शारीरिक ही क्यों न हो। एैसा ही कुछ उदाहरण उस समय देखने को मिला जब मध्यप्रदेश के एक जिले के मुखिया की कमान एक दृष्टिहीन के हाथों में सौप दी गयी। जी हां राज्य के उमरिया जिले के कलेक्टर का दायित्व निभाने वाले नव पदस्थ कृष्ण गोपाल तिवारी दृष्टिहीन हैं। ज्ञात हो कि मध्यप्रदेश शासन ने बड़े प्रशासनिक फेरबदल कर 24 जिलों के कलेक्टरों के साथ 76 अधिकारियों     के स्थानंतरण के आदेश जारी करते हुये सूची को जारी गत दिवस कर दिया था । इसी में एक नाम था कृष्ण गोपाल तिवारी का जिनको उमरिया जिले की कमान सौंपी गई है। राज्य के इतिहास में प्रथम बार किसी दृष्टिहीन को कलेक्टर बनाया गया है। जानकारी के अनुसार वह 2008 बैच के अधिकारी तिवारी   होशंगाबाद में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत एवं पदेन अपर कलेक्टर (विकास) होशंगाबाद के रूप में सेवाये दे रहे थे। विभाग के सूत्रों के अनुसार भोपाल में प्रशासनिक अकादमी में प्रशिक्षण के दौरान तिवारी के लिए विशेष प्रकार के कम्प्यूटर एवं ब्रेल लिपि की पुस्तकें इनको प्रदान की गयी थी।
 2008 बेच के आईएएस-
प्राप्त जानकारी के अनुसार कृष्ण गोपाल तिवारी उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर के एक कृषक स्वामी नाथ तिवारी के पुत्र हैं। इन्होने देश के देहरादून के लाल बहादुर शास्त्री एकेडमी में प्रशिक्षण प्राप्त किया है। ततपश्चात् मध्यप्रदेश केडर में भारतीय प्रशासनिक सेवा के तहत कार्य करना प्रारंभ किया। 27 बर्षीय श्री तिवारी के बारे में प्राप्त जानकारी के अनुसार वह शारिरिक एवं आर्थिक दोनो ही समस्याओं से ग्रसित रहे,परन्तु संकल्प एवं हौसला दोनो ही बुलंद रहे। अर्थशास्त्र विषय में स्नातक श्री तिवारी को सिविल सर्विस परीक्षा में 142वां रैंक प्राप्त हुआ था। जन्मान्ध श्री तिवारी के पिता आर्थिक तंगी के चलते इनकी चिकित्सा नहीं करा पाये थे।

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