छतरपुर। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जेपी सिंह की अदालत ने हत्या के छ: आरोपियों को उम्रकैद के साथ 18 हजार रूपए के जुर्माने की सजा सुनाई। जघन्य एवं सनसनीखेज मामले में सराहनीय कार्य करने वाले एएसपी सहित छ: लोगों को प्रशासन द्वारा सम्मानित किया जाएगा।
एडवोकेट लखन राजपूत ने बताया कि 26 जनवरी 2014 को दिन के 2 बजे करीब थाना शाहगढ़ क्षेत्र अंतर्गत स्थित रावतपुरा निवासी फरियादी दुबा अपने पिता जोता मां अज्जूबाई के साथ खेत में पत्थरों की वाउण्ड्री बना रहा था, तभी जंगल की तरफ से गांव के ही खुम्मा, नरेश, नानसिंह, तौल सिंह, शोभन एवं मनिया भील (आदिवासी)लाठी-डंडों से लैश होकर आ गए और जोता पर प्राणघातक हमला कर हत्या कर दी। बचाने आई अज्जूबाई को भी लाठियों से मारपीट कर घायल कर दिया था। थाना शाहगढ़ में सभी छ: आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर 7 अप्रैल को मामला अदालत को सौप दिया।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जेपी सिंह बिजावर की अदालत ने 5 माह के भीतर ही मामले की अंतिम सुनवाई करते हुए सभी आरोपियों को जोता की हत्या का दोषी करार देकर आईपीसी की धारा 302 में उम्रकैद के साथ 3-3 हजार रूपए के जुर्माने की सजा सुनाई।
एसपी, कलेक्टर करेंगे सम्मान
गौरतलब है कि यह मामला वर्ष 2014 में छतरपुर जिले के जघन्य एवं सनसनीखेज अपराधों में शामिल किया गया था। इस मामले में एएसपी नीरज पाण्डे, धीरज तिवारी एजीपी, केके गौतम एडीपीओ, एसआई केएस परिहार, प्रधान आरक्षक महेंद्र सिंह और आरक्षक चंद्रभान अहिरवार द्वारा मामला दर्ज होने से लेकर फैसला होने तक सराहनीय कार्य करने पर पुलिस अधीक्षक ललित शाक्यवार ने सभी को 10 हजार रूपए के नगद पुरस्कार से कलेक्टर डॉ. मसूद अख्तर ने वधाई देते हुए प्रशस्ति पत्र से सम्मानित करने की घोषणा की। Santosh Gangele