‘जय हिंद’ को लेकर सेना ने लगाई मौलवी पर बंदिश

aaचंडीगढ़ / नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने ‘जय हिंद’ नारे को जन-जन तक पहुंचाया था, लेकिन यह नारा आजाद हिंद फौज के मेजर आबिद हसन जाफरानी ने दिया था। जाफरानी की मृत्यु के दो दशक बाद भारतीय सेना के एक मौलवी ने राष्ट्रपति, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि उनके वरिष्ठ अधिकारियों ने इस नारे का इस्तेमाल करने के लिए उन पर बंदिश लगा दी है क्योंकि यह ‘धार्मिक नफरत और उग्रवाद का संदेश देता है।’
सूबेदार इशरत अली ने आरोप लगाया है कि उनके कमांडिंग ऑफिसर ने एक नोटिस देकर उन्हें ‘संकीर्ण मानसिकता से ऊपर उठने’ की चेतावनी दी है और बटालियन के आधिकारिक नारे ‘राम, राम’ और ‘जय माता दी’ के साथ सैल्यूट करने को कहा है। ऐसा न करने पर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की बात कही गई है।
अली ने बीकानेर से ईटी को बताया कि उन्होंने इसका विरोध करते हुए अपने वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखकर कहा है कि उनके लिए हिंदू धार्मिक नारों का इस्तेमाल कर सैल्यूट करना संभव नहीं है क्योंकि वह एक मुस्लिम मौलवी हैं। अली की पत्नी ने उनकी ओर से राष्ट्रपति और अल्पसंख्यक आयोग के साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर ‘मानसिक उत्पीड़न’ की शिकायत की है और न्याय मांगा है। अली के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल चित्र सेन ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से मना कर दिया और कहा कि सेना मुख्यालय के पास इससे संबंधित सभी जानकारी है।
सेना के पब्लिक इंफर्मेशन विंग के अडिशनल डायरेक्टर जनरल मेजर जनरल शौकीन चौहान ने कहा, ‘सेना पूरी तरह धर्मनिरपेक्ष है। हम जय हिंद और युद्ध से जुड़े सभी नारों का सम्मान करते हैं।’

बॉर्डर सिक्यॉरिटी फोर्स से रिटायरमेंट लेने वाले प्रमुख लॉयर राजीव आनंद ने अली को मिले नोटिस की निंदा की। उनका कहना था, ‘यह पूरी तरह गलत है। सलाम देश के नाम पर होता है और एक धर्म के नाम पर नहीं। वे भारत के सैनिक हैं।’ अली का दावा है कि उनकी 22 वर्ष की सर्विस के दौरान इस वर्ष जुलाई तक कभी भी उनसे ‘जय हिंद’ का इस्तेमाल न करने को नहीं कहा गया।

उन्होंने कहा, ‘मैं सेना में 22 वर्ष से हूं और मैंने जनरल वी. के. सिंह सहित बहुत से सैन्य प्रमुखों को सलाम किया है जिन्होंने कभी आपत्ति नहीं जताई। जय हिंद एक नारा है, जो देशभक्ति का संकेत है। देश भक्त होने पर मुझे गलत कैसे ठहराया जा सकता है?’ अली का दावा है कि उनका ‘उत्पीड़न’ इस वर्ष मई में सात महीने के स्पेशल असाइनमेंट पर सूडान से लौटने पर शुरू हुआ। अली ने कहा कि उन्हें सूडान भेजे गए एक जूनियर मौलवी के खिलाफ शिकायत करने पर टारगेट बनाया जा रहा है।

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