घेराव करने पहुंचे अरविंद केजरीवाल हिरासत में

टीम अन्ना के प्रमुख सदस्य अरविंद केजरीवाल को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के घर के बाहर धरना देने के लिए पुलिस ने हिरासत में लिए लिया है.

टीम अन्ना के एक अन्य सदस्य गोपाल राय को भी साथ ही में हिरासत में लिया गया है.

इस दौरान अरविंद केजरीवाल ने कहा, “हमें हिरासत में लिया जाना पूरी तरह से गैर कानूनी है क्योंकि हमने कोई भी कानून नहीं तोड़ा है. यहाँ तक की धारा 144 भी नहीं.”

इसे देखते हुए दिल्ली पुलिस ने इस दिन सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए 6 मेट्रो स्टोशनों को बंद करने का फैसला किया था. यह स्टेशन हैं – केंद्रीय सचिवालय, उद्योग भवन, पटेल चौक, रेसकोर्स, जोरबाग और खान मार्केट.

टीम अन्ना के कार्यकर्ताओं ने रविवार को कोयला ब्लॉक आवंटन के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कॉंग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी और बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी के निवास का घेराव करने का फैसला किया है.

अरविंद केजरीवाल ने कार्यकर्ताओं को रविवार दिन 10 बजे जंतर मंतर पर जमा होने के लिए भी कहा है.

मतभेद

केजरीवाल, सिसोदिया और कुमार विशवास जैसे टीम अन्ना के सदस्यों का कहना है की कोयला घोटाले में भाजपा कॉंग्रेस दोनों शामिल हैं.

वहीं लेकिन टीम की एक सदस्य किरण बेदी ने गडकरी के आवास के बाहर प्रदर्शन पर अपनी आपत्ति जताई है. उनका कहना है कि वर्तमान परिदृश्य में विपक्षी दलों के पास कोई ताकत नहीं है. इसलिए वो चाहेंगी कि टीम अन्ना को अपना ध्यान सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ ही केंद्रित करना चाहिए.

किरण बेदी का कहना है कि वर्तमान परिदृश्य में विपक्षी दलों के पास कोई ताकत नहीं है.

‘रोड़े अटकाने की कोशिश’

मेट्रो स्टेशन बंद करने के लिए अरविंद केजरीवाल ने सवाल पूछा है, ‘क्या कांग्रेस और बीजेपी की रैलियों के दौरान भी ये स्टेशन बंद किए जाते हैं ? क्या इसका अर्थ यह लगाया जाना चाहिए कि राजनीतिक दल और राजनीतिज्ञ देश के लिए खतरा नहीं हैं बल्कि देश के लोग उसके लिए खतरा बन गए हैं ?’

किरण बेदी का कहना है कि मेट्रो स्टेशन बंद कर सरकार लोगों के जंतर मंतर रैली में आने में रोड़े अटकाना चाहती है, जो कि पूरी तरह से ‘ग़ैर लोकतात्रिक ’ है.

वैसे नितिन गडकरी के घर का घेराव करने का शायद उतना असर न पड़े क्योंकि वह कल ही अपने परिवार के साथ कनाडा की दो सप्ताह की यात्रा पर निकल गए हैं.

केजरीवाल ने मनमोहन सिंह और नितिन गडकरी के निवासों के अलावा मध्य प्रदेश, छत्तीस गढ़ और उड़ीसा के मुख्यमंत्रियों के आवासों को भी घेरने की धमकी दी है क्योंकि उनके अनुसार ये राज्य खनन की दृष्टि से काफी अमीर राज्य हैं और सीएजी की रिपोर्ट में भी इन राज्यों का ज़िक्र किया गया है.

 

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