अमरीकी ड्रोन हमले में हक्कानी कमांडर की मौत

पाकिस्तान के कबायिली इलाके, उत्तरी वज़ीरिस्तान में एक अमरीकी ड्रोन हमले में चरमपंथी हक्कानी नेटवर्क के एक प्रमुख कमांडर बदरुद्दीन हक्कानी मारे गए हैं.

हक्कानी के एक परिजन ने बीबीसी को ये जानकारी देते हुए बताया कि बदरुद्दीन पिछले मंगलवार हुए हमले में मारे गए. हालांकि अमरीका या पाकिस्तान के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है.

हक्कानी नेटवर्क का हाथ अफगानिस्तान में बड़े हमलों के पीछे रहा है. बदरुद्दीन हक्कानी को इस गुट का वरिष्ठ नेता और वित्तीय मामलों का मुखिया बताया जाता है.

वहीं एक अन्य हमले में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने पुष्टि की है कि पाकिस्तान से भागकर अफगानिस्तान में छिपे उनके नेता मुल्लाह दादुल्लाह और उनके 12 साथी गठबंधन सेना के हमले में मारे गए हैं.

पाकिस्तानी तालिबान मुल्लाह दादुल्लाह मारे गए

प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के प्रमुख प्रवक्ता एहसानुल्लाह एहसान ने पुष्टि की है कि अफ़ग़ानिस्तान के प्रांत कुनार में गठबंधन सेना के हमले में तालेबान के बाजौड़ एजेंसी के प्रमुख मुल्लाह दादुल्लाह और उनके 12 साथी मारे गए हैं.

मुल्लाह दादुल्लाह का मुख्य नाम जमाल सैयद था. वर्ष 2010 में सुरक्षा बलों के हमलों से बचने के लिए वो अपने साथियों सहित बाजौड़ एजेंसी से भाग कर अफगानिस्तान के कुनार और नूरिस्तान के पहाड़ी क्षेत्रों में शरण ले ली थी.

बाजौड़ एजेंसी में सैन्य अभियान के दौरान बड़ी संख्या में चरमपंथी अन्य क्षेत्रों की ओर भाग गए थे.

मुल्लाह दादुल्लाह ने अफगानिस्तान से पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाकों पर हमले किए जिनमें सुरक्षा बलों और तालिबान विरोधी मिलीशिया को निशाना बनाया गया.

अफगानिस्तान में तैनात अमरीकी सेना ने शुक्रवार को दावा किया था कि पाकिस्तान की सीमा के पास अफ़ग़ानिस्तान के प्रांत कुनार में छिपे मुल्लाह दादुल्लाह को उनके साथियों सहित एक ड्रोन हमले में मार दिया गया है.

मौलवी अबू-बकर नए नेता

तालिबानी पाकिस्तान के प्रमुख प्रवक्ता एहसानुल्लाह एहसान ने बीबीसी से बातचीत में कहा कि मुल्लाह दादुल्लाह की मौत के बाद भी उनका काम जारी रहेंगी और उनकी मौत का बदला ज़रूर लिया जाएगा.

उन्होंने कहा कि मुल्लाह दादुल्लाह के बाद मौलवी अबू-बकर को तालेबान के बाजौड़ एजेंसी का कार्यवाहक प्रमुख नियुक्त किया गया है.

अफगानिस्तान की धरती से पाकिस्तानी क्षेत्र में कुछ समय से हमले बढ़ गए थे जिसके बाद पाकिस्तान सरकार ने अफगान सरकार और विदेशी सेना प्रमुखों के साथ इस बारे में बातचीत की थी.

ऐसी सूचना भी है कि पाकिस्तान से भाग कर अफगानिस्तान गए तालिबान के खिलाफ गठबंधन सेना की ओर से यह पहली बड़ी कार्रवाई है जिसमें तालेबान के प्रमुख नेता मारे गए हैं.

 

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