दमोह नगर पालिका के परिणामों पर लगी सबकी निगाहें

भाजपा गढ़ भेदने, कांग्रेस बचाने प्रयासरत
भाजपा जिलाध्यक्ष ने भी किया था पार्टी विरोधी कार्य
सांसद प्रहलाद पटेल की किले बंदी से हो रहे विरोधी ढ़ेर
दमोह में 94569, पथरिया में 14133, हिन्डोरिया में 1072 मतदाता
-डा. एल. एन. वैष्णव- दमोह/ प्रदेश में चल रहे नगरीय निकाय निर्वाचन की प्रक्रिया अंतिम चरणों में है गत 28 नबम्बर को प्रदेश की 135 सीटों पर वोट डाले जा चुके हैं तथा शेष पर आगामी 2 दिसम्बर को मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। जिले की 06 में 05 पर मतदान होना था जिसमें से 02 पर 28 को मतदान हो चुका है तो वहीं 03 पर 02 दिसम्बर को मतदान होने जा रहा है। निर्वाचन कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार दमोह नगरपलिका में अध्यक्ष एवं पार्षद पद के लिये 94 हजार 569 नगर पंचायत पथरिया में 14 हजार 133 तथा हिन्डोरिया नगर पंचायत में 10 हजार 72 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। नगरीय निकाय के चुनावों को लेकर नजदीक आती मतदान तिथि को लेकर जहां एक ओर प्रत्यासियों की धडकने बढ रही हैं तो वहीं दूसरी ओर राजनैतिक दल के दिग्गज गढ भेदने और बचाने के लिये लगातार प्रयास करते हुये रणनीति बनाकर कार्य कर रहे हैं।
प्रदेश की लगी निगाह-

प्रहलाद पटैल
प्रहलाद पटैल

नगरीय निकाय चुनावों के परिणामों पर प्रदेश की कुछ प्रमुख सीटों पर नजरें लगी हुई हैं उनमें दमोह नगरपालिका भी एक प्रमुख है। इसके पीछे का कारण मध्यप्रदेश शासन के कदबर मंत्रियों में से एक जयंत कुमार मलैया का गृह नगर होना है। विदित हो कि इनकी पत्नि को डा.सुधा मलैया पूर्व राष्ट्रीय सचिव रह चुकी हैं तथा एक प्रखर वक्ता तथा कुशल राजनीतिक के रूप में इनकी पहचान है। देखा जाये तो बर्ष 2004 से लेकर 2009 के मध्य के कार्यकाल को छोड दिया जाये तो लगातार कांग्रेस के पास यह नगर पालिका रही है। अब भाजपा इसे अपने पास लाना तो कांग्रेस इस पर पुन:काबिज होना चाहती है। यहां यह उल्लेख कर देना आवश्यक हो जाता है कि गत चुनाव में कांग्रेस ने 135 मतों से जीत दर्ज करायी थी।
प्रहलाद की किले बंदी, विरोधी हो रहे ढेर-

जयंत कुमार मलैया
जयंत कुमार मलैया

उक्त निर्वाचन की प्रक्रिया की बात करें या फिर अन्य क्षेत्र में क्षेत्रीय सांसद प्रहलाद पटैल की किले बंदी से समस्त विरोधी लगातार ध्वस्त होते जा रहे हैं? जिसके कारण एक विशेष खेमें में प्रसन्नता तो दूसरे में हडकंप के माहौल को कहीं भी देखा जा सकता है। विदित हो कि श्री पटैल को एक ईमानदार,कर्मठ,दबंग तथा समर्पित कार्यकर्ता के रूप में लोग बर्षों से जानते हैं। वह कहते हैं कि मेहनत एवं ईमानदारी ही मेरी पूंजी है। क्षेत्र की जनता ने उन्हे रिकार्ड मतो से विजयी बनाया है । एक विशेष जगह घूमने वाली राजनीति को इन्होने मोड कर सही दिशा में लाने का प्रयास किया है एैसा लोगों का मानना है। प्रत्येक मंच पर यह कहना कि भैया यह सच है कि सैकडों करोड रूपया यहां आप लाये पर दिखता नहीं है? मतदाताओं को शायद देश की आजादी के बाद यह प्रथम बार एहसास हो रहा है कि सांसद है कोई? क्योंकि पूर्व में जो भी सांसद निर्वाचित हुये वह या तो क्षेत्र से कटे रहे या फिर जिन्होने कार्य करने का प्रयास किया तो उनको यहां के चर्चित राजनेता रोढा बने? परन्तु अब इसके विपरीत कार्य से राजनीति की दिशा उस ओर मुडने लगी है जो राजनीति का उद्ेश्य माना जाता है एैसा जनता का कहना है? सांसद प्रहलाद पटैल इस समय अपने तरीके से लगातार मतदाताओं के भाजपा के पक्ष में रिकार्ड मतदान करने की लगातार अपील करने में लगे हुये है।
भाजपा जिलाध्यक्ष ने भी किया था पार्टी विरोधी कार्य-

नरेन्द्र व्यास
नरेन्द्र व्यास

जिले में इन दिनों एक प्रश्न जमकर उपजते सुना जा रहा है वह है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते निस्कासन का। हाल ही में हुये निस्कासनों के संबध में लगातार प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है। प्रभावित नेताओं की माने तो वह कहते हैं कि पहले तो जिलाध्यक्ष नरेन्द्र व्यास तथा साथ ही पथरिया विधायक लखन पटैल पर भी कार्यवाही होनी चाहिये। प्राप्त जानकारी के अनुसार बर्ष 2009 में जब प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार भाजपा को सत्ता में वापिसी के लिये दौरे कर रहे थे। संगठन लगातार प्रदेश सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचा रहा था तो एैसे समय जड में मठा डालने का कार्य यानि पार्टी के विरोध में श्री व्यास कार्य कर रहे थे । भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय मंत्री पीएम मुजुमदार द्वारा नरेन्द्र व्यास,लखन पटैल,गंगाराम पटैल को भाजपा की छबि जनता में धूमिल करने पार्टी संविधान की धारा 25 क,ख एवं ब का दोषी माना था।
महिला या उसके पति कौन करेगा कार्य-
उक्त निर्वाचन की प्रक्रिया के चलते जिले में समस्त नगरपालिका,परिषद,नगर पंचायतों में महिला प्रत्याशी तो वार्ड पार्षदों के लिये अधिकांश सीटों पर आरक्षण के चलते महिलायें मैदान में हैं। अगर एक दमोह सीट से चुनाव लड रही भाजपा प्रत्याशी श्रीमती मालती असाटी को छोड दिया जाये तो अधिकांश को उनके पति के नाम से पहचाना जाता है? जनता के बीच यहंा विभिन्न प्रकार के प्रश्रों को सुना जा सकता है जिसमें से एक यह भी है कि जब अभी जनता के मध्य वह या तो आ ही नहीं रही हैं और अगर आ भी रही हैं तो बहुत ही कम तो फिर कार्य कौन करेगा?
मालती-चमेली आमने सामने-

मालती असाटी
मालती असाटी

उक्त निर्वाचन की प्रक्रिया के चलते मध्यप्रदेश की कुछ प्रमुख सीटों इस समय चर्चाओं में बनी हुई हैं। जिनमें दमोह नगर पालिका भी सम्मिलित है जिसका प्रमुख कारण प्रदेश के कदवर मंत्रियों में से एक वित्त एवं जल संसाधन मंत्री जयंत कुमार मलैया का गृह नगर होना है। इस चर्चित सीट से भारतीय जनता पार्टी के संगठन ने श्रीमती मालती असाटी को तो कांग्रेस ने श्रीमती चमेली जैन को उतारा है। मालती असाटी लगभग तीन दशकों से भारतीय जनता पार्टी की जमीनी कार्यकर्ता हैं तो वहीं चमेली जैन कृषि उपज मंडी की अध्यक्ष रह चुकी हैं। यहां उल्लेख कर देना आवश्क हो जाता है कि श्रीमती मालती असाटी को उनके नाम से तो श्रीमती चमेली जैन को उनके पति के नाम रतन चंद जैन के नाम से पहचाना जाता है? मुख्य मुकाबला दोनो के मध्य होना तय है। दोनो राजनैतिक दलों के नेताओं एवं प्रत्यासियों के अपने-अपने दावे तथा वादे हैं और मतदाता अपना निर्णय करने के लिये तैयार दिखलायी दे रहा है।
जातिगत समीकरण खेल बनाने बिगाडने तैयार-
उक्त सीट पर जहां भारतीय जनता पार्टी एवं कांगे्रस के प्रत्यासियों के मध्य मुकाबला होना तय है तो वहीं दूसरी ओर जातिगत समीकरणों के चलते खेल बनाने एवं बिगाडने की पूरी तैयारी दिखलायी दे रही है?जानकार बतलाते हैं कि इस बात की पूरी आशंका है कि एक वर्ग विशेष पूरी तरह से एक तरफा वोट करने के लिये प्रयासरत है? जिसके चलते नगर में जमकर चर्चाओं का बाजार गर्म है? हालांकि परिणामों के समय यह एकदम साफ हो जायेगा कि आशंका कितनी सच्चाई में परिवर्तित हुई पर अगर एैसा हुआ तो परिणाम अप्रत्याशित,चौंकाने वाले होने के साथ ही भविष्य के लिये चिंता करने को विवश करने वाले होंगे? ज्ञात हो कि इस चर्चित सीट से भाजपा प्रत्यासी असाटी एवं कांग्रेस प्रत्यासी जैन समाज की है।
भाजपा के नेता बने आंखों की किरकिरी-
उक्त निर्वाचन की प्रक्रिया के चलते कुछ नेता आंखों की किरकिरी बने हुये देखे जा सकते हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार पूर्व जिलाध्यक्ष द्वय पं.विद्यासागर पांडे,हेमंत छाबडा,पूर्व महामंत्री किशोर अग्रवाल,हाकमसींग के नाम शामिल बतलाये जाते हैं। इनके अनुसार हम लोगों ने गत विधानसभा चुनाव के समय टिकिट की मांग की थी इसलिये हम लोगों को दरकिनार किया जा रहा है। हम लगातार पार्टी के वफादार सिपाही की तरह कार्य करते थे करते हैं और करते रहेंगे।
जीत-हार दो से तीन अंको में-
उक्त निर्वाचन में परिणामों के चौकाने वाले हो सकते हैं राजनीति के जानकार एवं नगर में होने वाली चर्चायें जीत हार का अंतर दो से तीन अंको में होने की आशंका को व्यक्त कर रहा है? हालांकि गत चुनावों के परिणामों पर नजर डालें तो कांग्रेस प्रत्यासी ने मात्र 135 मतों से जीत दर्ज करायी थी। तो वहीं इस के कुछ माह ही पूर्व हुये विधान सभा निर्वाचन में मंत्री मलैया 131 मतों से जीते थे। चर्चा के दौरान जो परिणाम उभरकर सामने आ रहे हैं उसके अनुसार अधिकांश वार्डों में दोनो ही दलों के प्रत्यासियों की हालत दयनीय बतलायी जाती है। वहीं दूसरी ओर बागी एवं र्निदलीय प्रत्यासी या तो खेल बिगाडेंगे या फिर अपनी जीत दर्ज करायेंगे?
कितने और कौन मैदान में-
नगरपालिका दमोह के अध्यक्ष 07 उम्मीदवार चुनाव मैदान में है। वहीं दूसरी ओर पार्षद पद हेतु 39 वार्डो के रिक्त स्थानों को भरने के लिये 144 उम्मीदवार चुनाव मैदान में है। निर्वाचन कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार वार्ड क्रमांक 24 में 01 अभ्यर्थी होने से निर्विरोध निर्वाचित हुआ। इसी प्रकार नगरपालिका पथरिया के अध्यक्ष पद के लिये 05 उम्मीदवार चुनाव मैदान में है तो वहीं पार्षद पद हेतु 52 उम्मीदवार चुनाव मैदान में है। इसी प्रकार नगरपालिका हिण्डोरिया के अध्यक्ष पद के लिये 04 उम्मीदवार तो 39 उम्मीदवार चुनाव मैदान में है। प्र्राप्त जानकारी के अनुसार वार्ड 04 एवं वार्ड 13 में निर्विरोध निर्वाचन हुआ।
यहां ईव्हीएम में हुआ कैद-
गत 28 नबम्बर को हुये मतदान में हटा नगर पालिका एवं तेंदूखेडा नगर पंचायत के लिये हुये मतदान में मतदाताओं ने प्रत्यासियों के भाग्य को ईव्हीएम मशीन में कैद कर दिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार हटा में अध्यक्ष पद के 03 एवं 38 पार्षद प्रत्यासियों तथा तेंदूखेडा में अध्यक्ष पद के 04 तथा पार्षद पद के लिये 41 प्रत्यासियों की किस्मत को ईव्हीएम मशीन में मतदाताओं ने कैद कर दिया है। यहां वार्ड क्रमांक 07 का प्रत्यासी निर्विरोध जीत चुका है। निर्वाचन कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार हटा के 15 वार्डो के 22 हजार 296 मतदाताओं में से 71.38 तथा तेंदूखेडा में 15 वार्डों के 09 हजार 333 में से 81.79 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।

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