उज्जैन। नववर्ष 2015 की पहली भस्मारती में पहली बार दो हजार भक्त राजाधिराज महाकाल के दर्शन कर सकेंगे। अब तक अधिकतम 1500 लोगों को ही इस दिन भस्मारती प्रवेश की अनुमति दी जाती रही है। साल 2014 के आखिरी दिन 31 दिसंबर को भी करीब इतने ही श्रद्धालुओं को परमिशन देने की मंदिर प्रशासन की तैयारी है।
राजाधिराज के देश-विदेश के भक्त साल की पहली व आखिरी भस्मारती में शामिल होने की चाह रखते हैं। अभी से 1 जनवरी तक की ऑनलाइन परमिशन फुल हो चुकी है। अब भक्तों को पुलिस चौकी के समीप बने काउंटर से एक दिन पहले ऑफलाइन अनुमति दी जा रही है।
भारी भीड़ के मद्देनजर शनिवार से मंदिर प्रबंध समिति ने फॉर्म संख्या बढ़ाकर 150 कर दी है। एक फॉर्म पर करीब 6 लोगो को परमिशन दी जा रही है। ऐसे में करीब 900 लोगों को दर्शन अनुमति मिल सकेगी। इसके लिए प्रत्येक व्यक्ति का आईडी देना अनिवार्य है।
बिना आईडी के अनुमति नहीं दी जाएगी। फॉर्म खत्म हो जाने के बाद काउंटर के समीप स्थित कियोस्क से परमिशन देने की शुरुआत हो जाती है। यहां से 200 लोग अनुमति प्राप्त कर सकते हैं। पंडे-पुजारी के यजमान तथा वीआईपी को मंदिर प्रशासक द्वारा अलग से अनुमति दी जाती है।
दो लाख भक्तों के दर्शन का अनुमान
31 दिसंबर व 1 जनवरी को करीब 2 लाख भक्तों के महाकाल दर्शन करने का अनुमान है। दर्शनार्थियों की संख्या बढ़ने पर मंदिर समिति द्वारा बाहर से दर्शन व्यवस्था लागू की जाएगी