ताकि जन का गला हो सके तर

सांसद एवं कलेक्ट्रर के प्रयासों से जगी उम्मीद
62 copy-डा.लक्ष्मीनारायण वैष्णव– दमोह / जहां एक ओर जन के गलों को तर करने के प्रयास किये जा रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर सरोवरों को बचाने एवं संरक्षित करने की दिशा में कार्य प्रारंभ होने से लोगों के मन में अब आशा जगना प्रारंभ हो चुकी है। जी हां हम बात कर रहे हैं आने वाले समय के लिये पूर्व से संकेत दे चुके जल संकट की जिसको लेकर सबकी नींद उडी देखी जा रही है। परन्तु यह सौभाग्य ही कहा जायेगा क्षेत्र की जनता का जिसके क्षेत्र का एक एैसा प्रतिनिधि जो लोकसभा में क्षेत्र का नेतृत्व कर जन समस्याओं को उठाने के साथ ही समाधान करने में लगा हो तो दूसरी ओर संकट को समाप्त करने में स्वयं अपना योगदान दे रहा हो। वहीं एक एैसा अधिकारी हो जो दूसरी ओर से अपने लक्ष्य को लेकर आगे बढ रहा हो तो जनता को उन पर गर्व होना ही है। कहने का मतलब साफ है कि क्षेत्रीय सांसद प्रहलाद पटैल एवं जिले के कलेक्ट्रर जल संकट को लेकर भागीरथ सिद्ध होने जा रहे हैं। विदित हो कि क्षेत्रीय सांसद श्री पटैल प्रति रविवार को निर्धारित समय पर नगर के मध्य स्थित सरोवर बेलाताल में सफाई करते हैं। चारों ओर गंदगी एवं जलकुंभी से ग्रस्त उक्त सरोवर को इनकी संकल्प शक्ति के साथ ही श्रमदान ने काफी हद तक साफ कर दिया है। कोई आये न आये परिस्थिति कैसी भी हो,मौसम कैसा भी परन्तु प्रहलाद की इच्छा एवं संकल्प शक्ति के आगे सब नत मस्तक हो जाते हैं। वह कहते हैं कि संकल्प में विकल्प नहीं होता।
वहीं दूसरी ओर इतनी शक्ति हमें दे परमेश्वर कि शहर वासियों के गलों को कर सकंू तर जी हां एैसा ही वरदान को मांग रहे हैं जिले के कलेक्ट्रर स्वतंत्र कुमार सिंह और बढते दिख रहे लक्ष्य को साधे आगे जिसका परिणाम निश्चित रूप से सकारत्मक आने की उम्मीद होने लगी है। पवित्र उद्ेश्य को लेकर एवं मन से एक लम्बे समय बाद किसी अधिकारी को अपने कर्तव्य प्रति इतना सक्रिय देखा जा रहा है अगर यह कहा जाये तो शायद कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। जी हां हम बात कर रहे हैं जल संकट की जिसने दस्तक तो पूर्व में ही दे दी थी । परन्तु घोर लापरवाह संबधित अधिकारियों एवं बेखबर तथा वोट बैंक की राजनीति मेेंं उलझे रहने वाले जनप्रतिनिधियों की अनदेखी का परिणाम जनता को भोगने के लिये मिलने के संकेत प्रारंभ हो चुके थे।

किया पूजन-पाईप लाईन बिछाने कार्य प्रारंभ-
जुझार घाट पेयजल परियोजना अंतर्गत राजनगर से पाईप लाईन बिछाने का काम आज से प्रारंभ हो गया । कलेक्टर स्वतंत्र कुमार ङ्क्षसह ने भूमि पूजन एवं गैती चलाकर कार्य का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कार्य युद्ध स्तर पर चलेगा, पाइप लाइन भी शीघ्र शहर में पहुंच रही है। उन्होंने दमोह के नागरिकों से अपना आर्शीवाद और शुभकामनाओं की अपेक्षा की है। कलेक्टर श्री ङ्क्षसह ने कहा जुझार घाट परियोजना का काम युद्ध स्तर पर चलेगा। काम 24 घण्टे चलेगा। काम की मानीटङ्क्षरग के लिये अधिकारियों की शिफ्ट में डयूटी लगाई जायेगी। उन्होंने कहा वे स्वयं भी आकस्मिक रूप से चल रहे कार्य का निरीक्षण करेंगे। कलेक्टर श्री ङ्क्षसह ने नागरिकों से अवैध कनेक्शन कटवाने में सहयोग करने और लोगों से पानी बचाने तथा अपव्यय रोकने का अनुरोध किया है। श्री ङ्क्षसह कहते हैं कि इस परियोजना में नगर पालिका की काफी राशि लगना है, अत: नागरिक नगरपालिका के लंबित भुगतान कर इस परियोजना में अपना सहयोग दें।

पाईपों के डालने का कार्य प्रारंभ –
जल संकट को दूर करने की दिशा में एक कदम और आगे बढ चुका है वह है पाईप लाईनो को बिछाने का जिसकी शुरूआत युद्ध स्तर पर प्रारंभ हो चुका है। सूत्रों की माने तो कलेक्ट्रर स्वतंत्र कुमार सिंह ने तीन माह की समय सीमा तय जुझार घाट से शहर में पहुंचाने की तय की है। इनको समय सीमा बिछाकर पानी की पूर्ति करने की योजना है।

कम बर्षा भी बना कारण-
ज्ञात हो कि जल संकट की दस्तक से जहां एक ओर जिला प्रशासन चिंता में पड गया है तो वहीं दूसरी ओर जनता में भी हडकंप के माहौल बने हुये हैं? आने वाले संकट के संकेतों को देखते हुये कलेक्ट्रर को भी अब घाट-घाट घूमना पड रहा है? हालांकि इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि इस बर्ष इन्द्र देव की कृपा कुछ कम ही हुई जिसके चलते लगभग 29 इंच बर्षा होने को भी एक बडा कारण माना जा सकता है। परन्तु इसके बाद भी कुछ और भी कारण हैं जो इस दशकों से व्याप्त संकट का कारण हो सकते हैं। इसके समाधान के लिये अरबों रूपयों को लाया और खर्च किया गया फिर नतीजा वही ढाक के तीन पात क्यों रहा? यह चिंतन का विषय हो सकता है कि आखिर पानी लाने में खर्च होने वाले पैसे का एक बडा भाग पानी में कैसे और किसके कारण चला गया जिसकी चर्चा आये दिन लोगों के मध्य सुनी जा सकती है?

कलेक्ट्रर ने जनता से मांगा सहयोग-
कलेक्टर श्री ङ्क्षसह ने दमोह शहर के नागरिकों से यह भी अपील की है कि जल की बर्बादी न हो, यदि कोई व्यक्ति जल का अप व्यय करता है तो नगरपालिका के इंजीनियर मेघ तिवारी के मोबाईल नंबर 94250-96366 पर सूचित कर सकते है। उन्होंने नागरिकों से यह भी कहा है कि शहर में कहीं भी पेयजल पाईप लाईन से पानी बह रहा है या पाइप लाइन लीकेज है तो नगरपालिका के इंजीनियर श्री मेघ तिवारी, नगरपालिका सी.एम.ओ. या अन्य कर्मचारियों को अवगत करायें। कलेक्टर श्री ङ्क्षसह कहते है जल संकट से निपटने के लिए सीमिति उपलब्ध जल संसाधनों के जल का बेहतर उपयोग कर इस वर्ष जल संकट से निपटा जा सकता है।

इन पर भी हो नजर तो निकले समाधान-
देखा जाये तो कडोरों रूपयों की राशि सरोवरों की साफ-सफाई एवं गहरीकरण में हो चुके हैं फिर भी समस्या जस की तस बनी हुई है। बात करें फुटेरा तालाब की तो जानकारों केे अनुसार ३०-३५ एकड की परिधि में फैला है जबकि देखके इस बात का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है कि कितना क्षेत्र अतिक्रमणकारियों के पास है। ज्ञात हो कि यही वह तालाब है जहां दुर्गा एवं गणेश प्रतिमाओं का विर्सजन होता है और नगर की बडी आबादी इसके जल का इस्तेमाल करती है। शहर में पुराना तालाब, दीवान जी की तलैया,धुवा तालाब,धरपुरा की तलैया,किशन तलैया,मछली पालन तालाब सहित छोटे बडे लगभग आधा दर्जन से अधिक सरोवर हैं। एैसी ही प्राचीन कुंओं एवं बाबडियों की संख्या तो लगभग दो दर्जन से अधिक बतलायी जाती है। भला हो क्षेत्रीय सांसद का जिन्होने अपने संकल्प के साथ बेलाताल को स्वयं अपने सहयोगियों के साथ साफ काफी हद तक कर दिया।

इनका कहना है-
संकल्प में विकल्प नहीं होता इसलिये हम अपने संकल्प को लेकर आगे बढ रहे हैं।
-प्रहलाद पटैल, सांसद दमोह

जिले में वर्षा का औसत 1246 मिली मीटर है, इस वर्ष 735 मिली मीटर वर्षा दर्ज हुई है, जल स्रोत सूख रहे है। अत: हम सभी का कत्र्तव्य है जल का सदुपयोग करें। जल की बर्बादी न हो, पानी को सहेजें और जल संकट से निपटने के लिए सीमित जल का बेहतर उपयोग करें।
-स्वतंत्र कुमार सिंह, कलेक्टर

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