स्वामी विवेकानंद कि जयंती बड़े धूमधाम से मनाई

swami-vivekananda thumbआगरा। अखिल भारतीय लोधी राजपूत टेलीफोन डायरेक्टरी के देहतोरा स्थित कार्यालय पर स्वामी विवेकानंद कि जयंती बड़े धूमधाम से मनाई गयी इस अवसर पर स्वामी विवेकानंद के चित्र पर माल्यापर्ण का उन्हें श्रध्दा सुमन अर्पित किये गए।
इस अवसर पर अखिल भारतीय लोधी राजपूत टेलीफोन डायरेक्टरी के सम्पादक मानसिंह राजपूत एडवोकेट ने कहा कि स्वामी विवेकानंद का जन्मदिन राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाए जाने का प्रमु्ख कारण उनका दर्शन, सिद्धांत, अलौकिक विचार और उनके आदर्श हैं, जिनका उन्होंने स्वयं पालन किया और भारत के साथ-साथ अन्य देशों में भी उन्हें स्थापित किया। उनके ये विचार और आदर्श युवाओं में नई शक्ति और ऊर्जा का संचार कर सकते हैं। उनके लिए प्रेरणा का एक उम्दा स्त्रोत साबित हो सकते हैं।
अखिल भारतीय लोधी राजपूत टेलीफोन डायरेक्टरी के उपसम्पादक ब्रह्मानंद राजपूत ने कहा कि किसी भी देश के युवा उसका भविष्य होते हैं। उन्हीं के हाथों में देश की उन्नति की बागडोर होती है। आज के पारिदृश्य में जहां चहुं ओर भ्रष्टाचार, बुराई, अपराध का बोलबाला है जो घुन बनकर देश को अंदर ही अंदर खाए जा रहे हैं। ऐसे में देश की युवा शक्ति को जागृत करना और उन्हें देश के प्रति कर्तव्यों का बोध कराना अत्यंत आवश्यक है। विवेकानंद जी के विचारों में वह क्रांति और तेज है जो सारे युवाओं को नई चेतना से भर दे। उनके दिलों को भेद दे। उनमें नई ऊर्जा और सकारात्कमता का संचार कर दे।
अरब सिंह बॉस ने कहा कि स्वामी विवेकानंद की ओजस्वी वाणी भारत में तब उम्मीद की किरण लेकर आई जब भारत पराधीन था और भारत के लोग अंग्रेजों के जुल्म सह रहे थे। हर तरफ सिर्फ दुख और निराशा के बादल छाए हुए थे। उन्होंने भारत के सोए हुए समाज को जगाया और उनमें नई ऊर्जा-उमंग का प्रसार किया।
हरिप्रसाद राजपूत एडवोकेट ने कहा कि स्वामी जी को यु्वाओं से बड़ी उम्मीदें थीं। उन्होंने युवाओं की अहं की भावना को खत्म करने के उद्देश्य से कहा है श्यदि तुम स्वयं ही नेता के रूप में खड़े हो जाओगे, तो तुम्हें सहायता देने के लिए कोई भी आगे न बढ़ेगा। यदि सफल होना चाहते हो, तो पहले ‘अहं’ ही नाश कर डालो।
पवन राजपूत ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने युवाओं को धैर्य, व्यवहारों में शुध्दता रखने, आपस में न लड़ने, पक्षपात न करने और हमेशा संघर्षरत् रहने का संदेश दिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता अरब सिंह बॉस ने की और संचालन ब्रह्मानंद राजपूत ने किया इस अवसर पर पवन राजपूत, दुष्यंत लोधी, मोरध्वज राजपूत, दीपक लोधी, विष्णु लोधी, लोकेन्द्र लोधी, नीतेश राजपूत, संदीप राजपूत, राकेश राजपूत, मुकेश लोधी, दिनेश लोधी, भूरीसिंह, जीतेन्द्र लोधी, राजवीर सिंह, राहुल लोधी, रवि लोधी सहित समाज के प्रमुख गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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