रद हो सकता है रामदेव के ट्रस्ट का रजिस्ट्रेशन

काले धन के खिलाफ आंदोलन चलाने वाले योग गुरु बाबा रामदेव को आयकर विभाग का जोरदार झटका लग सकता है। बाबा रामदेव के चैरिटेबल ट्रस्ट का रजिस्ट्रेशन रद किया जा सकता है।

सूत्रों के मुताबिक इनकम टैक्स विभाग ने उनपर शिकंजा कसने की पूरी तैयारी कर ली है। इसके साथ ही रजिस्ट्रेशन खत्म होने के बाद रामदेव के ट्रस्ट को मिली सारी सुविधाएं भी खत्म हो जाएंगी। इनकम टैक्स विभाग के मुताबिक बाबा रामदेव का ट्रस्ट पतंजलि योगपीठ कारोबारिक गतिविधियों में लगा है। इनकम टैक्स विभाग ने पतंजलि योग पीठ का रजिस्ट्रेशन रद करने से पहले सौ सवालों की लिस्ट भेजी है। साथ ही, ट्रस्ट के खिलाफ भारी जुर्माने वसूल करने की तैयारी भी पूरी हो गई है।

इनकम टैक्स विभाग की एक ईकाई को जाच करने पर पता चला है कि बाबा रामदेव का ट्रस्ट पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट 2009-10 के दौरान कई व्यवसायिक गतिविधियों में शामिल था। मतलब साफ है कि पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट चैरिटी के नाम पर कर में छूट लेने के साथ ही कमाई का जरिया बना हुआ था। इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 12 (ए) के तहत पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट को अब तक छूट मिलती रही है। ट्रस्ट आयकर विभाग को दी गई जानकारी में यह कहता रहा है कि उसकी कमाई शून्य है। आयकर विभाग के सूत्रों के मुताबिक ट्रस्ट के खातों और ब्योरे की जाच करने पर पता चला है कि 72.37 करोड़ की कमाई की जानकारी सामने आई है, जिस पर आयकर बनता है। आयकर विभाग की कर छूट देने वाली ईकाई ने बाबा रामदेव के ट्रस्ट से 100 सवाल पूछे हैं। अब विभाग अंतिम कार्रवाई करने की तैयारी में है।

आईटी विभाग के आदेश के मुताबिक टैक्स में छूट लेते हुए पतंजलि योगपीठ ने 74.74 करोड़ की आय और 8.71 करोड़ का खर्च दिखाया है। इसका मतलब है कि कुल आय का महज 12 फीसदी ही खर्च किया गया जबकि 66.03 करोड़ रुपये ‘सरप्लस’ है। नियमों के मुताबिक उसी ट्रस्ट को आयकर छूट दी जाती है जो अपनी आय का 85 फीसदी चैरिटी में इस्तेमाल करे।

आयकर विभाग ने अपनी जाच में पाया है कि पतंजलि ट्रस्ट ने वानप्रस्थ आश्रम योजना के तहत 88.73 लाख रुपये की पूंजी दिखाई है। इस योजना के तहत कुटिया 5.5 लाख रुपये से 21 लाख रुपये के बीच बेची गईं। वहीं, ट्रस्ट ने गुड़गाव में दान के तौर पर जमीन पाई। इन जमीनों के दाम और जगह की आयकर विभाग अभी जाच कर रहा है। ट्रस्ट को हरिद्वार में अपने सहयोगी संगठन-दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट से 38.35 करोड़ रुपये का दान मिला है। 2009-10 के दौरान ट्रस्ट को 14.75 करोड़ रुपये बतौर सदस्यता शुल्क मिला। कोई भी व्यक्ति ‘सम्मानित सदस्य’ बनने के लिए 21,000 से लेकर कॉरपोरेट मेंबरशिप के लिए 11 लाख रुपये तक की राशि चुका सकता है।

आयकर विभाग को जाच में पता चला है कि पतंजलि योगपीठ को योग शिविरों के आयोजन से 15.41 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त हुई। इन शिविरों में अलग-अलग श्रेणियों में लोगों ने कूपन खरीदकर हिस्सा लिया। इन शिविरों में 2100 में वीआईपी कूपन और 1100 में डायमंड कूपन मिलता है। आयकर विभाग के सूत्रों के मुताबिक पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट को अज्ञात स्रोतों से 13. 69 करोड़ रुपये की दान राशि मिली हुई है। हालाकि, ट्रस्ट ने ऐसे स्त्रोतों से महज 1.07 कोड़ रुपये की राशि प्राप्त होने की बात कही है। पतंजलि योगपीठ के आपदा राहत फंड के खातों में गंभीर अनियमितताएं पाई गई हैं। वित्त वर्ष 2009-10 के दौरान इस फंड में ट्रस्ट ने 4.36 करोड़ की राशि को दान के तौर पर दिखाया गया है। दावा किया गया है कि इस फंड में से 1.58 करोड़ रुपये बिहार में बाढ़ पीड़ितों पर खर्च किया गया। इस फंड में से 1.24 करोड़ रुपये की दवाइया दिव्य फार्मेसी से खरीदने का दावा किया गया है। लेकिन इस खरीद का कोई दस्तावेजी सुबूत मुहैया नहीं कराया गया। गौरतलब है कि सर्विस टैक्स डिपार्टमेंट बाबा रामदेव पर पहले ही शिकंजा कस चुका है। सर्विस टैक्स डिपार्टमेंट ने बाबा रामदेव को 4.94 करोड़ रुपये की पेनल्टी लगाते हुए नोटिस भेज चुका है।

 

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