किरन बेदी ने रविवार को स्वीकार किया था कि उन्होंने अन्ना से फोन पर शनिवार और रविवार को बात करने की कोशिश की थी लेकिन बात नहीं हुई। उन्होंने कहा कि कई बार अन्ना सोए रहते है या फिर आराम कर रहे होते हैं तो फोन पर बात नहीं करते। शुक्रवार को अन्ना हजारे ने पत्रकारों से कहा था कि किरन बेदी ने बीजेपी में जाने से पहले बात तक नहीं की। उन्होंने कहा था कि किरन से पिछले एक साल से कोई बात या मुलाकात नहीं हुई है। 2011 में अन्ना हजारे को इंडिया अगेंस्ट करप्शन मंच से लोगों का जबर्दस्त समर्थन मिला था। यह किसी से छुपा नहीं है कि अन्ना हजारे मुख्यधारा की राजनीति से खुद को अलग रखना चाहते हैं। 2012 में जब अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी बनाने की घोषणा की थी तब बेदी और अन्ना दोनों ने इस कदम की आलोचना की थी। अब किरन का कहना है कि उन्हें राजनीति का बड़ा मंच मिला है और वह इसके जरिए देश में बदलाव लाने की पहल करेंगी।