नई दिल्ली। पिछले साल 31 दिसंबर की रात गुजरात में पोरबंदर बंदरगाह के पास अरब सागर में पाकिस्तानी नाव के धमाके में उड़ जाने के मामले में कोस्ट गार्ड के डीआईजी के नए खुलासे से सरकार की मुश्किल बढ़ सकती है। कोस्ट गार्ड के डीआईजी ने सरकार के दावे के विपरीत ये कहा है कि उनके आदेश पर ही पाकिस्तानी नाव को उड़ाया गया था।
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक डीआईजी बीके लोशाली ने कहा कि उनके आदेश पर ही इस काम को अंजाम दिया गया था। जबकि सरकार की तरफ से ये कहा गया था कि नाव में आतंकी सवार थे और उन्होंने ही खुद को धमाके में उड़ा लिया था। इस घटना पर कांग्रेस और बीजेपी में जमकर तकरार हुई थी।
डीआईजी लोशाली ने कोस्ट गार्ड की इंटरसेप्टर बोट आईसीजीएएस सी-421 के लॉन्च के मौके पर कई सीनियर अधिकारियों की मौजूदगी में यह दावा किया। अखबार के मुताबिक लोशाली ने कहा कि भारत की जल सीमा में घुसी पाकिस्तानी नाव को उड़ाने का आदेश उन्होंने ही दिया था। उन्होंने कहा था, नाव को उड़ा दो, हम उन्हें बिरयानी नहीं खिला सकते।
डीआईजी ने दी सफाई
हालांकि ये खबर छपने के बाद डीआईजी लोशाली ने इसका खंडन करते हुए कहा कि मेरा बयान गलत संदर्भ में लिया गया है। मैंने इस तरह का कोई आदेश नहीं दिया था। मैंने कहा था कि देशविरोधी तत्वों को बिरयानी नहीं खिलाई जानी चाहिए। मैंने नाव को उड़ाने का आदेश नहीं दिया था। कोस्ट गार्ड ने भी इसका खंडन किया है। कोस्ट गार्ड ने कहा है कि डीआईजी के बयान को गलत संदर्भ में पेश किया गया है। लोशाली ने इस तरह का कोई दावा नहीं किया है।
ये था मामला
कोस्ट गार्ड ने पाकिस्तानी नाव का पता लगाया था जो गुजरात में भारतीय जल सीमा में प्रवेश कर गई थी। इससे पहले कि कोस्ट गार्ड नाव को रोक पाती, इसमें धमाके के साथ आग लग गई और पूरी तरह पानी में डूब गई। नाव में चार लोग सवार थे और कोस्ट गार्ड की चेतावनी के बाद भी नाव नहीं रुकी, जिसके बाद इसमें धमाका हो गया। तब कहा गया था कि आतंकियों ने खुद नाव को उड़ाया। लेकिन डीआईजी का खुलासा कुछ और ही कहानी कह रही है।