रेप के आरोपी आसाराम की गृह मंत्री राजनाथ ने की तारीफ

rajnath editनई दिल्ली /16 साल की लड़की के साथ यौन शोषण के मामले में जेल में बंद आसाराम की गृह मंत्री राजनाथ सिंह और विश्व हिंदू परिषद के पूर्व अध्यक्ष अशोक सिंघल ने तारीफ की है। अहमदाबाद से प्रकाशित होने वाले के आसाराम की संस्था के मुखपत्र ‘ऋषि प्रसाद’ में वित्त मंत्री अरुण जेटली का भी मीडिया ट्रायल की वजह से कोर्ट पर पड़ने वाले दबाव के बारे में एक लेख प्रकाशित हुआ है। खुद को संत बताने वाले आसाराम की इस पत्रिका के कवर पेज पर राजनाथ, जेटली और सिंघल की फोटो के साथ एक छोटा लेख प्रकाशित किया गया है। कवर पेज पर राजनाथ सिंह और अरुण जेटली को कर्मयोगी बताया गया है। यहां सिंघल के हवाले से लिखा गया है, “76 साल की उम्र में बापूजी को गलत तरीके से फंसाकर प्रताड़ित किया जा रहा है। साजिश के बावजूद देश में संतों के प्रति श्रद्धा में किसी तरह की कमी नहीं आई है। बापूजी को बहुत कष्ट दिए गए हैं, उन्हें जमानत मिलनी चाहिए।”

आसाराम बापू जी की प्रेरणा से शुरू हुआ मातृ-पितृ पूजन दिवस
पत्रिका के पेज 10 पर राजनाथ सिंह के हवाले से लिखा गया है, ”यह जानकर मुझे बहुत सुखद अनुभूति हुई कि पूज्य संत श्री आसाराम बापू की प्रेरणा से 14 फरवरी को मातृ-पितृ पूजन दिवस के कार्यक्रम देश भर में आयोजित किए जा रहे हैं। इससे निश्चित तौर पर बच्चों के अंदर एक अच्छा संस्कार पैदा होगा। आज यह जो भौतिकवादी मूल्यों के प्रति लोगों का आकर्षण बढ़ता जा रहा है, पाश्चात्य मूल्यों के प्रति लोगों का जो रुझान बढ़ रहा है, ऐसी सूरत में आज माता-पिता, अभिभावक उपेक्षित हो रहे हैं। माता-पिता का आशीर्वाद आवश्यक है। इस मातृ-पितृ पूजन अभियान से बहुत ही अच्छा संदेश जाएगा। यह बच्चों के लिए एक अच्छा संस्कार और एक अच्छी परंपरा है।” पेज 10 पर हरियाणा के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी और हिमाचल प्रदेश की राज्यपाल उर्मिला सिंह के फोटो व लेख भी प्रकाशित हुए हैं।

मीडिया को आत्म निरीक्षण करना चाहिए
इसी पेज पर राजनाथ सिंह के लेख से ठीक नीचे अरुण जेटली की फोटो लगी है और उनके हवाले से लिखा है, ”मीडिया ट्रायल्स से अदालतों पर हाई प्रोफाइल मामलों में दबाव बनता है। मीडिया किसी को सीधे दोषी या निर्दोष साबित कर देता है। मीडिया को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए, क्योंकि समानांतर ट्रायल माहौल को प्रभावित करते हैं। मीडिया को अदालत में विचाराधीन मुद्दों, किसी आतंकी घटना या किसी व्यक्ति की निजी जिंदगी से जुड़ी खबरों को प्रकाशित-प्रसारित करते वक्त सावधानी बरतनी चाहिए। मीडिया का काम खबरों के प्रसारण के जरिए सामाजिक तनाव पैदा करना नहीं है।”

कई जमानत याचिाएं हो चुकी हैं खारिज
ध्यान रहे कि आसाराम सितंबर 2013 से ही जोधपुर की जेल में बंद हैं। उनकी कई जमानत याचिकाएं खारिज हो चुकी हैं। इसी साल जनवरी में रेप के एक अन्य मामले में चश्मदीद गवाह उनके रसोइये की उत्तर प्रदेश में गोली मारकर हत्या की जा चुकी है।

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