हैदराबाद हिन्दुस्तान नहीं है, बल्की हिन्दुस्तान में हैदराबाद है-मुनव्वर सलीम

90 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तथा समाजवादी विचारक डॉ जी.जी.पारीख के अभिनन्दन समारोह में मुम्बई आये सपा सांसद चौधरी मुनव्वर सलीम ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि मौजूदा हिन्दुस्तान में जब संवैधानिक पदों पर बैठे हुए लोग भी मुल्क में फिरकापरस्त नारों के ज़रिये नफरत बाँट रहें हैं तब सेक्युलरिज्म पर यकीन रखने वाले हिन्दू-मुस्लिम नेताओं को अपनी राजनैतिक भाषा शैली पर नियंत्रण रखना आव्यशक है !
मुम्बई के उप चुनाव में प्रचार हेतू आये सांसद असद उद्दीन ओवैसी द्वारा मुलायम सिंह यादव और मो.आज़म खान के संदर्भ में की गयी विवादग्रस्त टिपण्णी पर प्रतिक्रिया देते हुए सपा सांसद चौधरी मुनव्वर सलीम ने कहा कि ओवैसी को यह समझना चाहिए कि हैदराबाद हिन्दुस्तान नहीं हैं बल्की हिन्दुस्तान में हैदराबाद है !
सपा सांसद ने ओवैसी की टिपण्णी का जवाब देते हुए कहा कि एक लम्बे राजनैतिक संघर्ष और इंतज़ार के बाद मोहतरम मुलायम सिंह यादव जी जैसे धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के लिए कुर्बानी देने वाले लीडर पैदा होते हैं ! जो बेबाकी से अपनी बात कहने की हिम्मत रखते हैं और अनेक बार अमली तौर पर इम्ताहनात से गुजरने के बाद सेक्युलर सिद्धांतों के अलमबरदार कहलाते हैं !
इसी तरह मोहतरम मुलायम सिंह जी के सहयोगी के रूप में मोहतरम मो.आज़म खान साहब की 40 साला राजनैतिक ज़िंदगी काँटों भरे रास्ते से गुज़र कर मुल्क के सबसे बड़े सूबे में कमज़ोर लोगों का ऐतमाद बनकर मुल्क के सामने एक मज़बूत सियासी तस्वीर बनकर दिखायी दे रही है !
मुनव्वर सलीम ने तल्ख़ लहजे में कहा कि मुलायम सिंह यादव जी और मो.आज़म खान साहब का राजनैतिक वजूद किसी खानदानी उत्तराधिकारी के रूप में मंज़र-ए-आम पर नहीं आया है बल्की जेल फावड़ा और वोट की राजनीती के सिद्धांत के गर्भ से जन्में यह फौलादी लीडर कमज़ोर लोगों का ऐतमाद बनकर राजनीत के मैदान में दिखाई दे रहे है ! सलीम ने ओवैसी ब्रदर्स की राजनैतिक तहरीक को भाजपा और फिरकापरस्त ताकतों के लिए खाद बताते हुए कहा कि यह ऐसी नूर कुश्ती है जिसे हिन्दुस्तानी अवाम ने अब समझ लिया है ! इसीलिए मैं पूरी ज़िम्मेदारी से कहता हूँ कि माननीय मुलायम सिंह यादव जी और मोहतरम मो.आज़म खान साहब राजनैतिक सामाजिक और शैक्षणिक आन्दोलन के तारीखी किरदार के रूप में सदियों तक रास्ता दिखाते रहेंगे !
मुनव्वर सलीम ने उत्तेजित भाव में कहा कि सपा के सिपाही के रूप में भारत की सर्वोच्च संस्था राज्यसभा में मुसलमानों की तकलीफों को लेकर मैंने जो सवाल खड़े किये हैं चुटकुलों की राजनीत करने वाले नेताओं को वोह सवाल आईना हैं ! सलीम ने कहा कि आतंकवाद के झूठे इलज़ामात में गिरफ्तार मुसलमानों के मामलात हों ,उर्दू को दूसरी राष्ट्र भाषा बनाये जाने की मांग हो, मदरसों की अज़मत का सवाल हो या फिर जंग-ए-आजादी में मुसलामानों द्वारा दी गयी कुर्बानियों से संसद को अवगत कराना हो, जंग-ए-आजादी के सिपहसालार मौलाना मो अली जौहर के लिए भारत रत्न की मांग हो , टीपू सुलतान की सेक्युलर सोच पर उंगली उठाने वालों को संसद के भीतर तारीखी मिसालों के ज़रिये ललकारने की बात आयी हो या रामजादे और हरामजादे की बहस चलाने वालो पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग की हो, सडक पर नहीं संसद में खड़े होकर तथाकथित राष्ट्रवाद का नारा लगाने वालों को यह कह कर ललकारा हो कि “ चलो आओ मिलजुल कर सरहद पर जान देते हैं ,बहुत आसां हे कमरे में वन्दे मातरम् कहना ” यह चंद सवालात ऐसे है जिन्हें मैंने मुलायम सिंह जी के सिपाही और मो.आज़म खान साहब के अनुयायी के रूप में उठाया है मगर अफ़सोस मुलायम सिंह जी और मो.आज़म खान साहब के विरुद्ध टिपण्णी करने वाले और चुटकुलों की सियासत करने वाले यह नेता संसद में तो खामोश रहते हैं और सड़कों पर आकर मुल्क में साम्प्रदायिकता की हवाएं चला कर साम्प्रदायिक ताकतों को तकवियत देने का काम अंजाम देते हैं !
मुम्बई आये सपा सांसद मुनव्वर सलीम ने तल्ख़ प्रहार करते हुए असद उद्दीन ओवैसी को समझाइश दी कि मौजूदा हिन्दुस्तान के सियासी हालात में सेक्युलर ताकतों और नेताओं के खिलाफ वह गैर सियासी और गैर मयारी ज़बान का इस्तेमाल बंद करें !