सफलता के साथ साकार होती योजनाओं से निखरता स्वरूप
धर्म,संस्कृति एवं गौरवशाली इतिहास की गौरवगाथा से होगें देशवासी परिचित
-डा. लक्ष्मीनारायण वैष्णव- दमोह / विकास एवं सौंदर्य की नयी ईबारत लिखने के लिये उठते कदम से वह दिन दूर नहीं जब जिले की धर्म,संस्कृति के साथ यहां के गौरवशाली इतिहास से देशवासी परिचित होंगे तो वहीं यहां के निवासी अपने आपकों गौरवाशाली महसूस करेंगे। जहां एक ओर क्षेत्र का सिद्धक्षेत्र जागेश्वरनाथ धाम बांदकपुर भगवान औघढदानी के क्षेत्र को सांसद आर्दश ग्राम के रूप में विकसित करने एवं एक ही झटके में करोडों रूपये की राशि को स्वीकृत करने का कार्य क्षेत्रीय सांसद प्रहलाद पटैल ने किया। जबकि कलेक्ट्रर श्री सिंह ने इस कार्य को बेहतर ढंग से करने एवं पर्यटन के मानचित्र पर अंकित करने के दिशा में कार्य को प्रारंभ कर दिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार 15 मई तक पूर्ण करने के निर्देश दिये गये। जबकि सड़क, गार्डन और लाइङ्क्षटग आदि कार्य 30 अप्रैल और आंगनबाड़ी और सामुदायिक भवन 15 मई की समय सीमा में कार्य पूर्ण करने हिदायत दी गई है। ज्ञात हो कि बर्षों से जल संकट से जूझ रहे शहर वासियों के कंठों को तर करने के लिये एक निश्चित समय सीमा में कार्य करके एक नया कीर्तिमान स्थापित श्री सिंह ने करके दिखला दिया है।
क्या होगा-
उक्त कार्य की प्रगति को देखने के लिये गये कलेक्ट्रर श्री सिंह सर्वप्रथम आम चौपरा बावड़ी पहुंचे, अवलोकन कर कहा यहां म्यूरल पेंङ्क्षटग दीवारों पर कराई जायेगी। उन्होंने यहां पर आर्कषक लाईङ्क्षटग के निर्देश दिये। कलेक्टर ने कहा यहां की जाने वाली लाइङ्क्षटग ऐसी हो जो आर्कषक हो, मन को भाये, आंखों में न चुभें। उन्होंने सीमेंट कांक्रीट मार्ग, नाला निर्माण, कलवर्ट मुख्य मार्ग से मंदिर तक सड़क निर्माण का जायजा लेकर अधिकारियों को समुचित दिशा निर्देश दिये। परिसर में धर्मशाला भवन के निर्माण के संबंध में कहा इसमें मार्बल स्टोन बेहतर क्वालिटी के हो और यहां आर्कषक लाईट के साथ ही साउण्ड सिस्टम भी लगाया जाये। उन्होंने यहां केंन्टीन सुविधा प्रारंभ करने के लिये भी कहा। साथ ही यहां पर पी.पी.मॉडल पर डेरी तत्काल प्रारंभ कराये जाने की बात कही।
पार्क के कार्य की प्रगति-
कलेक्टर ने मंदिर परिसर में बन रहे गार्डन का निरीक्षण किया। यहां गार्डन में सड़क का निर्माण चल रहा है को त्वरित पूर्ण करने के निर्देश दिये गये। प्राप्त जानकारी के अनुसार गार्डन का कार्य उद्यानिकी विभाग द्वारा किया जाना है। कलेक्टर ने एसडीओ लोक निर्माण श्री एस.डी.पटैल को आर्कषक लाइङ्क्षटग के संबंध में निर्देश दिये। यहां पर गजीबो लगाने के भी निर्देश दिये गये।
जटाशंकर-सक्रिट हाउस पहाडी-
शहर में जहां एक ओर सौन्दर्यीकरण का कार्य लगातार जारी है तो वहीं दूसरी ओर आप देखेंगे कि जटाशंकर सर्किट हाउस पहाडी पर भी लगातार कार्य चल रहा है। मार्ग में ही पत्थरों की नक्काशी के द्वारा स्मारक एवं पक्षियों की सुन्दर आकृतियों से सजाने का कार्य प्रगति पर है। बतलाया जाता है कि आधुनिक लाईटों के साथ इस मार्ग को और अधिक आर्कषक बनाया जायेगा। यहां इसी पहाडी पर एक बजट होटल का कार्य भी शीघ्र प्रारंभ होने वाला है।
विश्व की सबसे बडी वाल पेंटिग-
शहर में जहां सौन्दर्य एवं विकास की ईबारत लिखने के कार्य जारी है तो वहीं इसी कडी में एक और कार्य यहां किया जा रहा है। कई किलोमीटर वाल पेंटिग का जिसके संबध में जानकार बतलाते हैं कि यह विश्व की लम्बी वाल पेंटिंग हो सकती है। सूत्रों की माने तो गिनीज बुक में इसका नाम दर्ज कराने की योजना पर भी कार्य चल रहा है। ज्ञात हो कि शहर के अंदर जितने भी शासकीय परिसर हैं चाहे वह विद्यालय,महाविद्यालय हों या फिर शासकीय कार्यालय एवं आवासीय परिसर सभी को आर्कषित पेंटिंग से सुसज्जित करने का सिलसिला आज भी जारी है।
राष्ट्रीय-राज्य पुरातत्वीय स्मारकों के विकास योजना
जिले में स्थित राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर के पुरातत्वीय स्मारकों के लिये कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार गत दिवस ही कलेक्टर स्वतंत्र कुमार ङ्क्षसह ने इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिये है कि राष्ट्रीय और राज्य स्तर के पुरातत्वीय स्मारकों के विकास के लिए कार्य योजना बनाकर उस पर काम किया जायें। उन्होंने कहा पुरातत्व विभाग इनके संरक्षण और विकास के काम करायें साथ ही यहां विद्युतीकरण भी कराया जायें। कलेक्टर ने कहा जिले में सही तरीके से इन पुरातत्वी स्थलों के प्रचार- प्रसार की आवश्यकता है। उन्होंने कहा इसका अगर अच्छा प्रचार हो जायें तो चाईना और अन्य देशों से पर्यटक जिले में आयेंगे। कलेक्टर ने कहा सांची में जो पर्यटक आते हैं, उन्हें दमोह जिले के इन पुुरातत्वी स्थलों की जानकारी हो जाये तो निश्चित ही इस क्षेत्र में विदेशी पर्यटक आयेंगे।
इन्होने कहा ग्राम दौनी और अलौनी के पुरातत्वीय महत्व के धरोहर खुजराहो शैली का टच देते हैं। उन्होंने कहा दौनी-अलौनी की दीवार चाईना की दीवार की तरह है। कलेक्टर ने कहा जिले में पुरातत्व के अवशेष के संरक्षण में कदम उठाये जा रहे हैं, अन्य विभाग भी इसमें अपना सहयोग करें।
मुख्य मार्गो और विश्राम गृहों और बस स्टेण्ड में पुरातत्वीय स्थलों के संबंध में साइनेज लगवाने के लिए कहा। उन्होंने कहा टूरिज्म विभाग के साइनेज मुख्य मार्गो के लगाये जाते हैं इस तर्ज पर पुरातत्वीय स्मारकों के बोर्ड लगवाये जायें। कलेक्टर ने अधिकारियों से कहा वे इस स्थलों को देखने के लिए दौरे पर जाते है तो जरूर जायें स्वयं देखें और परिवार को भी अवकाश के दिनों पर ले जायें। उन्होंने कहा दमोह स्थित रानी दमयन्ती संग्रहालय जायें और इसका व्यापक प्रचार-प्रसार में सहयोग करें। बैठक के दौरान बताया गया कि दमोह के रानी दमयन्ती संग्रहालय की 22 लाख और पुराने प्रार्थना घर के 11 लाख की कार्ययोजना बना ली गयी है। यहां शीघ्र ही विकास कार्य कराये जायें्रे। कलेक्टर ने वंशीपुर, दौनी अलौनी सहित अन्य पुरातात्वीक स्थलों का विकास कार्यो का प्राकलंन बनवाने के निर्देश दिये। ज्ञात हो कि दमोह जिले में 11राष्ट्रीय स्तर के और 4 राज्य स्तर के पुरातत्वी महत्व के स्मार्क है। इन सभी का पॉवार प्वाइंट प्रजेक्टेशन बैठक के दौरान प्रस्तुत किया गया। यह प्रजेन्टेशन संयुक्त कलेक्टर एस.के. अहिरवार द्वारा तैयार कराया गया है कि कलेक्टर ने सराहना की।
राष्ट्रीय स्तर के पुरातत्व स्मारक-
अम्बिका मठ, कुण्डलपुर, सकौर गुप्तकालीन मंदिर, मडियादौ किला, भिलौनी जटाशंकर किला, बरी कनौरा, रनेह मठ, रंगमहल हटा किला, का़ेडल शिव मंदिर, नोहटा, सिगौंरगढ़, वराह प्रतिमा बड़ी देवी मंदिर दमोह उपरोक्त सभी राष्ट्रीय स्तर के पुरातत्व स्मारक हैं।
राज्य स्तर के पुरातत्व स्मारक –
चित्राख़ेडा ( छित्रा ख़ेडा), रूकमणि मठ कुण्लपुर, रानी दमयंती पुरातत्व संग्रहालय दमोह, पुराना प्रार्थना घर दमोह शामिल है। इसमें नये प्रस्तावित पुरातत्व स्मारक इस प्रकार है – खारी देवरी, मोहड़, वंशीपुर, दौनी, दौनी-अलौनी दीवार, राजनगर किला दमोह, पण्ढ़रीनाथ मंदिर पथरिया शामिल है।