सिवकासी पटाखा फैक्टरी आग: सात गिरफ्तार

तमिलनाडु के सिवकासी कस्बे में एक पटाखा फैक्टरी में भीषण आग लगने के मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

बुधवार को विरुधुनगर जिले में हुई इस दुर्घटना में 38 लोग मारे गए हैं और 46 घायल हैं जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है. दमकल कर्मी पांच घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा पाए.

विरुधुनगर के पुलिस अधीक्षक नजमल होडा ने बीबीसी को बताया कि इस हादसे के मामले में 13 लोगों को अभियुक्त बनाया गया है जिनमें से सात गिरफ्तार किए जा चुके हैं.

उनके मुताबिक इस फैक्टरी का लाइसेंस दुर्घटना से एक दिन पहले ही रद्द कर दिया गया था और वहां काम करने की अनुमति नहीं थी.

बड़ा हादसा

पुलिस के अनुसार आग का शिकार हुई फैक्टरी से सभी शवों को निकाल लिया गया है. होडा ने बताया कि कई लोगों की मौत फैक्टरी में विस्फोट के चलते बिखरे छर्रों, पत्थरों और कीलों से हुई.

सिवकासी को भारत में पटाखे और आतिशबाजी उद्योग का मुख्य केंद्र माना जाता है. वहां पटाखा बनाने वाली लगभग 700 फैक्टरियां हैं जिनमें लगभग एक लाख लोग काम करते हैं.

देश में इस्तेमाल होने वाले 90 प्रतिशत पटाखे यहीं बनते हैं. आमतौर पर दीवाली से पहले पटाखों से होने वाली दुर्घटनाओं में बढ़ोत्तरी होती है क्योंकि ये उनके लिए कारोबार का व्यस्त समय होता है.

होडा के अनुसार इस इलाके में छिटपुट हादसे होते रहते हैं लेकिन बुधवार को शिवशक्ति फैक्टरी में लगी आग हाल के वर्षों की सबसे भीषण दुर्घटना है.

मदद करने वाले भी चपेट में

फैक्टरी में विस्फोट के कारण आग लगने के बाद आसपास के गांवों के लोग जो मदद करने पहुंचे थे. उनमें से भी कई आग की चपेट में आ गए. घायलों को कई सरकारी अस्पतालों में ले जाया गया है.

ये पहली बार नहीं है जब सिवकासी की किसी पटाखा फैक्टरी में आग लगी हो. सिकासी के अलावा भी कई पटाखा फैक्टरियों में आग लगने और लोगों के मारे जाने की घटनाएं हो चुकी हैं.

साल 2008 में राजस्थान के भरतपुर में पटाखा फैक्टरी में धमाका हुआ था और कम से कम 26 लोग मारे गए थे.

2008 में ही ओडिशा में भी पटाखा बनाने वाले एक कारखाने में धमाका हुआ था जिसमें कम से कम सात लोगों की मौत हो गई थी.

 

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