प्रेस की आजादी पर हमला करने वाले को मृत्यु दण्ड देना चाहिए

स्वतंत्रता संग्रानी श्री प्रताप सिंह से खास बातचीत
DSC07949छतरपुर – गर्रोली रियासत के उत्तराधिकारी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, पूर्व विधायक श्री प्रताप सिंह (नन्हे राजा) ने गत दिवस राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर छतरपुर जिला के पत्रकारों की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि छतरपुर जिला की पत्रकारिता का गौरवषाली इतिहास रहा है, मध्य प्रदेष की नक्षा में छतरपुर जिला अपना स्थान बनाकर रखता आ रहा है ।

पूर्व विधायक श्री प्रताप सिंह (नन्हे राजा) प्रेस दिवस पर देष के पत्रकारों को अपनी ओर से बधाई व ष्षुभ कामनाऐ देते हुए कहा कि देष में पत्रकारों पर हो रहे हमले व हत्यायें यह ष्षंका जाहिर करती है कि प्रदेष की सरकारें पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कठोर कानून नही बना रही है, प्रेस से जुड़े लोगों पर हमला करने वालेा को मृत्यू दंड की सजा का प्रावधान करना चाहिए । साथ ही उन्होने पत्रकारों से अनुरोध किया है िकवह अपनी कलम की कीमत न लगाऐ , स्वच्छ व ईमानदारी से पत्रकारिता करें , पत्रकारिता व्यवसाय नही समाजसेवा है जनता की आवाज है । पत्रकार की लेखनी पर जनता को भरोसा रहता है इसलिए निष्पक्ष व जन कल्याणकारी समाचारों को समाचार पत्रों, चैनलों में स्थान देना चाहिए । नकारात्मक समाचारों से समाज का वातावरण दूषित हो रहा है ।

पूर्व विधायक श्री प्रताप सिंह (नन्हे राजा) ने कहा कि देष की आजादी में मीडिया की महत्व पूर्ण भूमिका रही,षहीद गणेष षंकर विद्यार्थी जैसे महान पत्रकारों की कलम ने आजादी में अपना योगदान किया । गणेषषंकर विद्यार्थी प्रेस क्लब मध्य प्रदेष संगठन प्रदेष में अपना स्थान बना हुआ है । छतरपुर जिला के बरिष्ठ स्वतंत्रता संग्राम सेनानी 97 बर्षीय पूर्व विधायक श्री प्रताप सिंह (नन्हे राजा) ने प्रदेष व देष के नेताओं की कथनी करनी पर चिन्ता जाहिर करते हुए कहा कि जनप्रतिनिधिओं को जनता के बीच अपनी सही बात रखना चाहिए झूठ बोलकर सत्ता तक पहुॅच जाते है, जनता से किए वादे भूलने पर उन्हे अपमानित होना पड़ता तथा प्रजातंत्र की साख कम होती है ।

पूर्व विधायक श्री प्रताप सिंह (नन्हे राजा) ने भारतीय संस्कृति पर चर्चा करते हुए कहा कि आज आवष्यकता है कि प्रत्येक परिवारों में अपने बच्चों को परिवार में भारतीय संस्कृति से परिचित कराये तथा मर्यादाओं का ध्यान रखा जावें । प्रत्येक परिवारों में अपनी जाति व धर्म के अनुसार बच्चों को धार्मिक पुस्तकों का भी ज्ञान कराना चाहिए । बर्तमान युवा पीढ़ी अपना रास्ता भटक रही है जिससे क्षेत्र व देष में अपराध व दुघर्टनायें बढ़ रही है ।
Santosh Gangele

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