चौ.मुनव्वर सलीम का सुषमा स्वराज के नाम ज्ञापन

मोहतरमा सुषमा स्वराज साहिबा
सादर आदाब,
विदिशा लोकसभा का नुमाइंदा होने के कारण सिसकते,बिलखते,मानवीय अधिकारों से वंचित अमानवीय एवं साम्प्रदायिक कार्यवाहियों और टिप्पणियों से आहत आपके क्षेत्र के मुसलमान पिछले एक वर्ष से अधिक समय से एक ऐसे गिरोह द्वारा प्रताड़ित किये जा रहे है जो साम्प्रदायिक षड्यंत्रों के माध्यम से विदिशा को अशांत कर साम्प्रदायिकता की आग में झोंकने की लगातार कोशिश कर रहा है और हर छोटी बड़ी घटना को सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास करता है ! यूं तो क्षेत्रीय नुमाइंदा होने के नाते कुछ बातें अपनी-अपनी तरह से लोगों ने आप तक पहुंचाई होंगी लेकिन संभवतः कमज़ोर मुसलमानों पर होने वाली मानसिक प्रताड़ना की पहली रिपोर्ट अपने माध्यम से आप तक पहुंचा रहा हूँ !
20160127_153233आपके विदेशमंत्री होने के कारण विदिशा की हर छोटी बड़ी घटना का प्रभाव अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कुछ न कुछ ज़रूर होता है ! अभी हाल में बरोज़ जुमाँ दिनांक 15 जनवरी 2016 को दिन दहाड़े मोहित नामक युवक पर एक आपसी रंजिश के तहत हमला हुआ जिसमे मोहित घायल हो गया इन्हीं दोनों के बीच 14 जनवरी 2016 की रात्री में भी झगड़ा हुआ था ! दिन के उजाले में होने वाले इस झगडे में कौन और कितने लोग थे न सिर्फ आम लोग बल्कि थोड़ी ही दूरी पर मौजूद पुलिस के लोग भी जानते हैं जो इस घटना के चश्मदीद हैं ! परन्तु इस घटना में, पिछले अनेक महीनों से दो समुदायों के बीच विवाद की स्थिति निर्मित करने वाले केवल दो लोगों ने इस घटना को सांप्रदायिक रंग देते हुए हज़ारों लोगों के बीच जुमे की नमाज़ में मौजूद लोगों के नाम,परिक्षा हाल में भोपाल में परिक्षा दे रहे छात्र का नाम,घटना के समय सिरोंज में मौजूद एक युवक का नाम जिसके फूटेज सिरोंज के एक बैंक ATM में मौजूद हैं, लिखवा दिए हैं ! अफ़सोस यह है कि रोज़ विवाद की स्थिति निर्मित करने वाले व्यक्तियों के प्रभाव में बिना किसी जांच के FIR लिख दी गई ! जबकि यह पहला मौक़ा नहीं है जब इन व्यक्तियों ने इस तरह का कृत्य किया हो आमतौर से घटनाओं में रात का अँधेरा हो या दिन का उजाला यह लोग गवाह के तौर पर अपने आपको घटना स्थल पर मौजूद दिखाते हैं !
इसके बाद कलेक्ट्रेट परिसर में हमेशा की तरह जिस भाषा शैली का इस्तेमाल करते हुए उन्मादी हालात निर्मित किये वोह पूरी तरह संविधान की धारा 153A का उल्लंघन है और दो समाजों के बीच विवाद पैदा करने का प्रयास है ! जिसे आम अवाम के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारी भी इन लोगों के षड्यंत्र और शरारत को खामोश देख रहे थे !
मान्यवर,इन शहर के गांधी रूपी सज्जन लोगों ने मेरे परिवार में तो संभवतः पहली दूसरी में पढ़ने वाले कुछ बच्चों और महिलाओं को छोड़ बाकी सबको अपराधी घोषित कर दिया है ! इसी के साथ अनेक मुस्लिम परिवार जो अपनी गरीबी और बदहाली से जूझ रहे हैं उन पर भी क्षेत्र के विधायक,सांसद और मंत्री से ज़्यादा प्रभाव रखने वाले इन व्यक्तियों के दबाव में मुकदमा बना दिया गया !
मान्यवर,आज़ादी के बाद पहली बार सैकड़ों की तादाद में पर्दानशीं औरतों ने एक खामोश जुलूस निकाल कर विदिशा के शांत माहौल को ख़ौफ़ज़दा बनाने के लिए ज़िम्मेदार लोगों पर तथा नफरत अंगेज़ नारे लगाने वालों पर कार्यवाही की मांग की थी लेकिन इन कमज़ोरों की आहें विदिशा की प्रशासनिक दीवारों से टकराकर खामोश हो गईं और नफरत की आँधियाँ चलाने वाले आज भी सड़कों पर उसी शिद्दत के साथ बेख़ौफ़ घूम रहे हैं और प्रशासन तथा मुसलमान दोनों को धमका रहे हैं !
मान्यवर, आपके विदेशमंत्री होने के बाद आपके द्वारा दुनिया में गुटनिरपेक्षता के सिद्धांत को मज़बूती और विश्वबंधुत्व के भाव को क़ायम करने की जो पहल हो रही है उसके कारण विदिशा दुनियां के मानचित्र पर एक बार फिर विशेष राजनैतिक क्षेत्र के रूप में पहचाना जाने लगा है ! किन्तु जब आपके ही चुनाव क्षेत्र के कलेक्ट्रेट परिसर में अधिकारीयों की मौजूदगी में यह नारा लगेगा कि “मुसलमान काटे जायेंगे राम-राम चिल्लायेंगे”,”मुल्ला का न क़ाज़ी का यह देश है वीर शिवाजी का ” तथा “हथियार उठाओ और चलो सीधा मुसलमानों के घर पर हमला करो,अब ज्ञापन देने से काम नहीं चलेगा” तब एक सुसंस्कृत भारतीय नारी के रूप में भारत सरकार की नुमाइंदगी करते हुए जब आप किसी मुस्लिम देश जा कर प्रेम का सन्देश देंगी तो वह अप्रभावी होगा !
मान्यवर,हम न भी चाहे कि विदिशा के मुस्लिम विरोधी तत्वों द्वारा किए जा रहे ज़ुल्म को दुनिया जाने और यह चाहे कि भोपाल तथा विदिशा के बीच ही इसका हल हो जाए लेकिन यह संभव इसलिए नही हैं चूंकि आपका विदिशा से नुमाइंदगी किए जाना अपने आप में विदिशा में होने वाली किसी भी छोटी या बड़ी अप्रिय घटना को देश व दुनियां तक पहुंचा देता है ! अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए कोई संगठन नहीं बल्कि केवल दो व्यक्ति यदि पूरी दुनियां में विदेशमंत्री के रूप में आपके द्वारा किए जा रहे प्रयासों को अगर दफन करने पर आमादा हैं तब प्रशासन की ज़िम्मेदारी भी बनती है कि वह सख्त क़ानूनी कार्यवाही कर इन व्यक्तियों की मंशा को शहर और देश के सामने लाये ! और यदि कोई गंभीर और मज़बूत संगठन इन व्यक्तियों की इमदाद कर रहा है तब आपके द्वारा इनकी जांच कराई जाना चाहिए कि यह संगठन उस चुनावी क्षेत्र में जहाँ से आपकी नुमाइंदगी देहली होती हुई कभी इराक़,कभी ईरान,कभी बंगलादेश,कभी पाकिस्तान,कभी अफ़गानस्तान जाकर इंसानियत और भाईचारे का सन्देश देती है क्यों दुनियां के नक़्शे पर मुसलमानों की मज़्लूमियत के माध्यम से परिचित कराने का प्रयास कर रहे हैं ?
मान्यवर,पिछले एक वर्ष से अधिक समय से विदिशा के मुसलमान इसलिए दहशत के माहौल में जी रहे चूंकि उनको इन्साफ मिलने की कोई उम्मीद इसलिए भी नज़र नहीं आती चूंकि साम्प्रदायिक तत्व संविधान की मंशा और क़ानून को अपने पैरों से रौंदते हुए कमज़ोर लोगों को धमकाते हुए खुद अधिकारीयों के बीच दिखाई देते हैं !
मैं चाहता हूँ कि केवल उन दो षड्यंत्रकारी व्यक्तियों की जीवन शैली की,आचरण की,गतिविधियों की,उद्देश्य की तथा 15 जनवरी 2016 को दिन के उजाले में घटित मोहित प्रकरण की CBI अथवा CID जांच हो जाये ताकि विदिशा के मुसलमानों का क़ानून पर विश्वास क़ायम रहे ! मान्यवर,एक तरफ तो दो लोगों को गुमनाम संगठन का होते हुए भी धमकाने के ,डराने के,लोगों को अपमानित करने के,झूठे आरोप लगाने के,लोगों के पुतले जलाने के,शरीफ लोगों के दरवाज़ों पर उन्मादी नारे लगाने के तथा रोज़ थानों में घंटों बैठकर झूठी गवाहियें और झूठे प्रकरण दर्ज कराने के और निष्पक्ष तथा ईमानदार अधिकारीयों के संदर्भ में अपशब्द बोलने के तमाम अधिकार मिले हुए हैं ! और दूसरी तरफ सक्षम होते हुए,सच्चे होते हुए,निर्दोष होते हुए और मज़लूम होते हुए भी आपके क्षेत्र में बसने वाले मुसलमानों को न तो पुलिस कार्यवाही के माध्यम से न्याय मिल पा रहा है और न ही गांधीवादी रास्ते से विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार प्राप्त हो पा रहा है !
मान्यवर,यदि आपके चुनावी क्षेत्र में रहने वाले एक सांसद के परिजन तक केवल दो दिशाहीन व्यक्तियों के प्रभाव के कारण झूठे फंसाये जा कर प्रताड़ित किये जा रहे हैं तब आपका एक लंबा राजनैतिक जीवन है जिससे मैं खूब परिचित हूँ आप ज़रूर सोच सकती हैं कि आम मुसलमान किस दहशत के माहौल में जी रहा होगा ! आप विदिशा की एक संवेदनशील सांसद हैं और दुनियाँ के देशों में आपके व्यक्तित्व का जो प्रभाव हो रहा है उसे सामने रखकर मैं उम्मीद करता हूँ कि अगर आप फलस्तीन के बिलखते हुए कमज़ोर लोगों के समर्थन में दुनियाँ के मंच पर बोलने का साहस रखती हैं तब आप अपने क्षेत्र के कमज़ोर लोगों को इन्साफ दिलाने का ज़रूर ज़रिया बनेंगी ! मैं सोचता हूँ कि रोज़ अपमान झेल रहे मुसलमान क़ानून पर एतमाद करते हैं,खुद इन्साफ मांगने से ज़्यादा उन लोगों पर कार्यवाही का इंतज़ार कर रहे है जिन्होंने मोहर्रम और दशहरा एक साथ मनाने वाले और भाइयों की तरह रहने वाले हिन्दू मुस्लिम समाज के बीच अपने स्वार्थ की खातिर दूरी बनाने का प्रयास किया है !
मप्र के सहशुणिता और भाईचारे से लबरेज़ माहौल में जो मज़हबी नफरत फैलाने का प्रयास हो रहा है, उस पर आप जैसे दुनिया घूमने वाले राष्ट्रीय नेता और प्रादेशिक नेतृत्व को मिलजुल कर ज़रूर समाधान निकालने का प्रयास करना होगा एक ओर हरदा में भोजन को अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित करने का माध्यम बनाया जाता है तथा दूसरी ओर अपनी भोली-भाली और मिलीजुली संस्क्रती के लिए मशहूर धार सहित अनेक मालवांचल के शहरों को साम्प्रदायिक नफरत की आग में जलाने का प्रयास किया जा रहा है ! मप्र ने शांतिपथ पर चलने के लिए हमेशा दलगत राजनीत से ऊपर उठकर समाधान निकालने की कोशिश की है एक बार फिर विदिशा सहित समूचा मप्र साम्प्रदायिक नफरत का समाधान चाहता है !
उम्मीद करता हूँ कि आप भी इस परस्थिति के लिए चिंतित होंगी और कमज़ोर लोगों को इंसाफ,संरक्षण तथा विश्वास दिलाने की दिशा में कदम उठाएंगी और क़ानून को अपने पैरों से रौंदने वालों को जेल की सलाखों के पीछे पहुँचने का साहस दिखाएंगी !
धन्यवाद !


चौ.मुनव्वर सलीम

प्रतिष्ठा में,
श्रीमती सुषमा स्वराज साहिबा
विदेशमंत्री भारत सरकार
नई दिल्ली

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