कृष्णा पण्डित ने मुम्बई में अपने संघर्ष की दास्तान बयान की

विदिषा में आगामी माह आयोजित कार्यक्रम के माध्यम से क्षेत्रीय प्रतिभाओं को भी प्राप्त होगा अवसर
vidisha samacharविदिषा। फिल्म दबंग के साँग ‘‘चिपकाले सैंया फेबिकोल से’’, पीपली लाइव के गाने ‘‘सखी सैंया तो खूबई कमात हैं‘‘ तथा फिल्म बिल्लू बार्बर के ट्रेक साँग ‘‘कहो न कहो‘‘ सहित मध्यप्रदेष गान ‘‘सुख का दाता-सबका साथी’’ को अपने संगीत से लोकप्रिय बनाने वाले बॉलीवुट के फिल्मी म्यूजिक डायरेक्टर तथा केएपीएस प्रॉडक्षन के सीएमडी कृष्णा पण्डित ने आज एक ओर जहां अपने व्यक्तित्व तथा कृतित्व पर पत्रकारों के प्रष्नों के उत्तरों के माध्यम से उजागर किया, वहीं दूसरी ओर विदिषा में आगामी माह आयोजित होने वाले विरले कार्यक्रम ‘‘एक शाम पुलिस और प्रषासन के नाम‘‘ की तैयारियों की जानकारी भी ली।
सत्याग्रह संघ के संयोजक दीपक पाण्डे के संयोजन में 18 मार्च को आयोजित यह कार्यक्रम विदिषा क्षेत्र की संगीत प्रतिभाओं को मंच तथा उपयुक्त अवसर प्रदान करेगा। कृष्णा पण्डित इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उपस्थित रहकर प्रस्तुतियों से परिपूर्ण मार्गदर्षन देंगे। विदिषा में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में भागीदारी हेतु मोबा.नं. 75663-16444 पर संपर्क किया जा सकता है। दीपक पाण्डे के अनुसार कार्यक्रम के पूर्व नगर के स्कूलों-कॉलेजों में ऑडिषन कर प्रतिभाओं का चयन किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि पुलिस तथा प्रषासन के लोग अपनी तनावभरी जिन्दगी से कुछ सकून-राहत प्राप्त कर सकें, इसीलिए उन्हीं के लिए विषेष रूप से कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा हे। इसी के साथ स्थानीय-क्षेत्रीय गायन प्रतिभाओं का चयन भी होगा। उन्होंने कहा कि विदिषा के सुपात्र सिंगरों को भी एल्बम में प्रस्तुति देने का अधिकार दिलाने ऐसे कार्यक्रम भविष्य में भी जारी रहेंगे।
इस अवसर पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए कृष्णा पण्डित ने बताया कि मन में जज्बा कुछ करने का हो तो मंजिल भी पास होती है। उन्होंने कहा कि उनके पिताजी उद्योगपति हैं और उन्हें भी औद्योगिक क्षेत्र में आगे बढ़ाने हेतु इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिल कराया, पर वे तो बॉलीवुड में अपनी किस्मत आजमाना चाहते थे, इसीलिए उन्होंने इंजीनियरिंग की चतुर्थ वर्ष की पढ़ाई के बाद कॉलेज छोड़ दिया और मुम्बई जा पहुंचे। उनकी अन्तर्रात्मा तो उन्हें संगीत में केरियर बनाने प्रबल प्रेरित कर रही थी। उन्होंने कहा कि बॉलीवुड में राह आसान नहीं थी। लम्बे कठोर संघर्ष के बाद ही कामयाबी मिली। इसी कामयाबी की बदौलत वे वहां 3 स्टूडियों का निर्माण कर सके और फिल्मों, एल्बमों तथा टीवी सीरियलों में संगीत देने में सफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि भोपाल में भी 10 करोड़ रू. लागत के एक स्टूडियों के निर्माण पर तेजी से काम चल रहा है। इस स्टूडियो में छोटे नगरों, कस्बों, आंचलिक ग्रामों की प्रतिभाओं को उभारने, परिष्कृत कर मंच सुलभ कराने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने इस सदंर्भ में दीपक पाण्डे के सक्रिय सहयोग की भी सराहना की। इस अवसर पर नन्हीं गायिका कुमारी सौम्या शर्मा, हरि लोधी, पीलेष शर्मा, हर्ष माहेष्वरी, राकेष, अंकुर, संजू, राजेन्द्र, राजू सहित अनेक कार्यकर्ता और प्रतिभाएं उपस्थित रहीं।

दीपक पाण्डे
संयोजक
सत्याग्रह संघ विदिषा
मोबा. नं. 75663-16444

error: Content is protected !!