स्वराज अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष की ओर से सन्देश

swarajप्यारे साथियों,
देश की दशा और दिशा बदलने के लिए स्वराज अभियान की १४ अप्रैल २०१५ को एक राष्ट्रिय समागम द्वारा बड़ी आशाओं के साथ शुरुआत की गयी. वैकल्पिक राजनीती की इस संकल्प यात्रा की प्रथम वर्षगाँठ के मौके पर अपने पिचले १२ महीनों के कार्य-कलाप की समीक्षा से बहुत संतोष है. क्योंकि हजारों लोगों ने सैकड़ों कार्यक्रमों के जरिये तन-मन-धन से इस यात्रा में सम्मिलित होकर देश का भरोसा बढाया है. राजनीती में नैतिकता और आदर्शवाद की मशाल को बुझाने से रोका है. कुर्सी और व्यक्तिवाद की वासना से ऊपर उठकर समाज के अंतिम व्यक्ति के जरुरी सवालों के लिए राष्ट्रीय आन्दोलन से लेकर अन्ना जी नेतृत्व में संपन्न लोकपाल सत्याग्रह तक की स्वराज रचना की विरासत को आगे बढाया. मैं स्वराज अभियान की प्रथम वार्षिकी के अवसर पर देश-दुनिया में फैले हजारों साथियों को इसके लिए बधाई देना चाहता हूँ.

१४ अप्रैल को गुडगाँव ( हरयाणा) को अपनाये गए प्रस्ताव के प्रकाश में हम सभी ने पुरे देश में सर्वप्रथम २६ स्वराज संवाद आयोजित किये. इसके तुरंत बाद किसान और गाँव की तबाही की कोशिशों में जुटी केंद्रीय सरकार को चुनौती देने के लिए जय किसान अन्दोला की रचना की गयी. १०,००० गांवों से मिटटी लाकर हजारों लोगों ने जंतर-मंतर पर १० अगस्त को प्रतिरोध प्रदर्शन किया. किसान की ललकार से घबराकर सरकार पीछे हटी. इसके बाद आसमानी प्रकोप के प्रति देश को जगाने के लिए सूखे सवाल पर 4,५०० किलोमीटर की संवेदना यात्रा का आयोजन हुआ. फिर सर्वोच्च न्यायलय में गावों को सूखे और अकाल से बचने के लिए जनहित याचिका दाखिल की गयी.

देश के दुसरे सबसे गंभीर सवाल को उठाकर स्वराज अभियान ने ९ नवम्बर को शिक्षा – रोजगार सम्मलेन किया. शिक्षा स्वराज मंच का गठन करके ६ सूत्रीय समाधान प्रस्ताव स्वीकार गया. अब राज्यों में शिक्षा स्वराज का काम बढ़ रहा है. इसके लिए नेतृत्व विकास करना जरुरी मानकर २-३ अक्प्रिल को देशभर के चुने हुए १२५ विद्यार्थी-युवाओं का राष्ट्रीय शिविर संपन्न हुआ. अगला प्रशिक्षण शिविर २६ जून से १ जुलाई तक होने जा रहा है.

भ्रष्टाचार मुक्त भारत के सपने के लिए समर्पित देशभक्तों की जमात को फिर से जोड़ने के लिए २७-२८ फरवरी. ‘१६ को एंटी-करुप्शन टीम के बैनर से देशभर से साहसी नागरिकों से लेकर न्यायविदों तक का सम्मलेन किया गया. इसने व्हीसल ब्लोअर फोरम ऑफ़ इण्डिया की स्थापना का ऐलान किया. अब राज्यों के उच्च न्यायालयों से जुड़े वकीलों के सहयोग से अगला कदम उठाकर देशभर में उच्चा-न्यायलय और जिला न्यायालय स्तर पर सक्रियता का विस्तार किया जा रहा है.

किसी भी देश से जादा भारत को अमन की जरुरत है. हमारा देश अवसरवादी राजनीतिज्ञों के कारन धर्म-और भाषा- और जाति की आंच में कई बार झुलस चूका है. आजकल फिर माहौल बिगाड़ा जा रहा है. इसलिए स्वराज के विस्तार के लिए अमन बुनियादी शर्त बन चुकी है. स्वराज अभियान ने अमन कमेटी बनाकर इस आग को बुझाने में. सहयोग की शुरुआत कर दी है.

दैनिक ज़िन्दगी के सवालों से परेशां नागरिकों के लिए स्वराज अभी भी नेता-राज, बाबू -राज, पैसा-राज और कहीं कहीं गुंडा राज का दूसरा नाम लगता है. इसके लिए सक्रिय नागरिकता ही समाधान है. हर भारतीय को चरित्र-निर्माण, नागरिकता-निर्माण और नेतृत्व निर्माण में सहयोग देने के लिए स्वराज केंद्र बनाने की हम शुरुआत कर चुके हैं.

दुसरे शब्दों में, स्वराज अभियान के संस्थापक भारतीयों ने पिचला १२ महीना ठोस कार्यक्रमों के जरिये सन्देश विस्तार किया है. कार्यक्रमों के लिए 4 मोर्चे खोले हैं. संगठन के लिए सदस्यता और जिला-राज्य-केंद्र के स्तर पर समितियों की शुरुआत की है. आतंरिक लोकतंत्र, पारदर्शिता और स्वच्छ साधनों के जरिये एक साल का सफ़र तय किया है. अब इस विस्तार को आकार देने की जरुरत है. आपके सहयोग से आधार देने की जरुरत है. आइये, इसके स्वराज – दर्शन को स्वराज अभियान.ओआरजी की वेबसाइट से लेकर पढ़ें और अपनी राय भेजें. अपने जैसे कम से कम २० लोगों को सदस्य बनायें. अपनी पवित्र कमाई में से १ से १० प्रतिशत हिस्से का प्रति महीने दान करें. देश में चलरहे अंधेरगर्दी से आगे स्वराज को अपने परिवेश में और अपने आस-पास के अंतिम व्यक्ति की जिंदगी में साकार करें. राजनीतिक ( विकेंद्रीकरण और सहभागी लोकतंत्र), आर्थिक ( रोजगार, उचित दाम और इमानदार उद्यमियों को प्रोत्साहन और काले धन तथा असहनीय दरिद्रता से मुक्ति), सामाजिक ( लिंगभेद, जाति-अन्याय और सांप्रदायिक भेदभाव विहीन समाज व्यवस्था) और व्यक्तिगत ( निजी अस्मिता की मर्यादा और अध्यात्मिक विकास के अवसर का विस्तार) दायरों में स्वराज की सार्थकता का सपना पूरा करें.

याद रखिये कि : “चुप रहने से मर जाते हैं अहसास हमारे. न बोलने से ज़ालिम की मदद होती है.”

जय स्वराज! जय हिन्द!!
आनंद कुमार

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