साध्य का निर्णय किए बिना साधन की सीमा नहीं होती

IMG-20160528-WA0078विदिशा में चल रहे ज्ञानांनद महोत्सव के तहत शिक्षण प्रशिक्षण शिविर में ं बाल ब्रं. सुमत प्रकाश भैया जी ने अपने प्रवचन में कहा कि साध्य का निर्णय के बिना साधन की सीमा नहीं रहती , कितना जीवन है, कितने खाने वाले है, हम मात्र लक्ष्य की ओर देखकर अपनी पढ़ाई 12, 14 घंटे करते है, फिर कमाई तथा फिर दवाई व बाद में विदाई ले लेते है। मरते समय धन किसके लिए छोडऩा, खाने वाला स्वयं कमाता है, अन्याय अनीति और भ्रष्टाचार से धन जोड़ा, उसका पाप, वर्तमान में भोगा और पकड़े जाने पर जेल व अपमान की पीड़ा होगी, उससे उत्पन्न अवसाद से आत्म घात कर लेते है। जितना भोग सकों उतना ही कमाना चाहिए। अपना समय आत्म हित में लगाए , तो आत्म कल्याण होगा।
भगवान नेमिनाथ की दिव्य ध्वनि कैसी : डां. भारिल्ल
प्रवक्ता डां. एमएल जैन ने बताया कि स्वर्ण जयंती शिविर में शिविर शिल्पी डां. हुकुमचंद भारिल्ल की अनुपम कृति वैराग्य पर लेखक डां. भारिल्ल ने तर्क पूर्ण प्रवचन में कहा कि जब यादव गण उत्तर से पलायन कर पश्चिम में जाकर समुद्र में 24 मील दूर , टापू पर इन्द्र की आज्ञा से कुबेर ने द्वारिका बनाई , जिसमें 21 तीर्थकरों की नगरी बसाई। भगवान नेमि नाथ की दिव्य ध्वनि में 12 वर्ष बाद द्वारिका दीपायन मुनि जो बलदेव के भाई थे, उनके निमित्त से द्वारिका भस्म होगी , इसका विस्तृत वर्णन करते हुए , द्वारिका के भस्म होने पर बलदेव और श्री कृष्ण के सुरक्षित बचने का बृतंात विस्तृत रूप से प्रस्तुत किया। उन्होंने शराब बंदी ,जो कि गुजरात में पूर्व प्रधानमंत्री मुरारजी देसाई के समय से तथा इसके पूर्व भगवान कृष्ण ने द्वारिका में कराई थी, इसका भी उल्लेख किया है।
प्रवक्ता मक्खन लाल जैन ने बताया कि रात्रि में शिविर में बालिकाओं द्वारा ज्ञानानंद महोत्सव के शुभारंभ से सभी शिक्षण प्रशिक्षण गतिविधियों , व विभिन्न समितियों के द्वारा किए कार्यो की आध्यात्मिक और प्रेरणा स्पद प्रस्तुति ने सबका मन मोहा। शिविर समिति द्वारा मध्यप्रदेश कांग्रेस के महामंत्री , शशांक भार्गव, व्यापार महासंघ के अध्यक्ष मुन्नालाल जैन, एवं विनायक बैकंट हाल के मालिक अक्षय वर्मा को सम्मानित किया गया।
प्रवक्ता
डां. एम.एल.जैन,
लोहा बाजार , विदिशा

error: Content is protected !!