नौगॉव कस्बा से लगा छोटे से ग्राम बीरपुरा में 11 दिसम्बर 1956 को जन्म लेकर कस्बा नौगॉव से पत्रकारिता के क्षेत्र में बर्ष 1980 से लेखन ष्षुरू करने वाले श्री संतोष गंगेले ने अपनी लेखनी के कारण सैकड़ों स्थानों पर सम्मान प्राप्त किया । हिन्दी-अंग्रेजी कम्प्युटर ज्ञान के साथ ही प्रदेष व देष के समाचार पत्रो से जुड़कर क्षेत्रीय समस्याओं का उठाया आम जनता की मदद करते हुए समाजिक कार्यकर्ता बन गये । बर्ष 2004 से महाराजपुर विधान सभा क्षेत्र के में भारतीय संस्कृति एवं संस्कारों की रक्षा के लिए षिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, समरसता, समाज, बेटी बचाओं-बेटी पढ़ाओं, मतदाता जन जाग्रति अभियान जैसे अनेक सामाजिक कार्यो में हमेषा अपना देते आ रहे है । स्कूलों में बाल सभाओं को चलाकर हजारों बच्चों को प्रोत्साहित कर उन्हे साहित्य की पुस्तके देकर सम्मानित करते है । महाराजपुर विधान सभा क्षेत्र के बाहर प्रदेष स्वतंत्रता संग्राम सैनानियों, जन प्रतिनिधिओं, समाजसेवी नागरिकों, प्रतिभाओं, षिक्षकों आदि का सम्मान कर प्रदेष में ख्याती प्राप्त कर चुके है । प्राथमिक एवं माध्यमिक पाठषालाओं में बाल सभाओं के माध्यम से हजारो बच्चों को जीवन जीने की कला एवं भारतीय संस्कृति की रक्षा की दिषा देकर अपना मानवता का परिचय दिया है । दीन हीन व गरीवों की मदद के लिए हमेषा सहयोग करने वाले श्री संतोष गंगेले की लेाकप्रियता किसी से छुपी नही है । उन्हे भले ही उच्च स्तर पर मीडिया ने नही उछाला है लेकिन वह आम जनता में सामाजिक एवं सम्मानित नागरिकों में गिने जाते है । पत्रकारों को एक सूत्र में रखने के लिए ब्लाक, जिला एंव प्रदेष स्तर के अनेक पत्रकार सम्मेलन कराकर प्रदेष स्तर तक कस्बा नौगॉव का नाम रोषन कर चुके है । बुन्देलखण्ड के युवाओं को अपना जीवन सवॉरने के लिए ऐसे कर्मयोगी समाजसेवी के जीवन की दिनचर्या को समझना चाहिए ।
सामाजिक समरसता के धनी सत्य व ईमान की पत्रकारिता करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता बरिष्ठ पत्रकार श्री संतोष गंगेले को देष की राजधानी आजाद भवन दिल्ली में, राष्ट्रीय पत्रकार संघ के प्रान्तीय सम्मेलन चन्द्रलेख होटल मथुरा उत्तर प्रदेष में हुआ जिसमें उनको सम्मान किया गया । मध्य प्रदेष के लगभग 15 जिला में आयोजित पत्रकार सम्मेलनों में उनके एक निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए मंचों पर सम्मान मिल चुका है । सम्पूर्ण ब्राम्हण समाज के प्रान्तीय सम्मेलन में उनका जबलपुर मानस भवन में समाज गौरव सम्मान से सम्मानित करने पर ं उन्होने अपने बेटा का बिबाह बिना दहेज कर समाज को दिषा दी है । कथनी-करनी में समानता को लेकर चलने वाले बरिष्ठ पत्रकार श्री संतोष गंगेले का जीवन संघर्षो से भरा हुआ है । यदि उन्हे बुन्देलखण्ड के कर्मयोगी से हम आप संबोधित करते है तो कोई अनुचित नही होगा ।