तीन-तलाक के विरोध में चलाया जन-जागरूकता अभियान

aagra newsआगरा। ग्रामीण विकास संघर्ष समिति ने शुक्रवार को तीन तलाक के विरोध में जन-जागरूकता अभियान चलाया। ग्रामीण विकास संघर्ष समिति ने तीन तलाक के विरोध में दहतोरा, मगताई, घोगे, नगला कलवारी, नगला चिचाना, शास्त्रीपुरम में रहने वाले मुस्लिमों में जन-जागरूकता अभियान चलाया।
इस मौके पर ग्रामीण विकास संघर्ष समिति के ब्रह्मानंद राजपूत ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के तीन तलाक वाले कानून से मुस्लिम महिलाओं को तमाम अत्याचार झेलने पड़ते हैं। तीन तलाक तो मुस्लिम महिलाओं पर अत्याचार की पराकाष्ठा है। साथ ही साथ मुस्लिम पुरुष समाज को एक पत्नी होते हुए बहुविवाह की आजादी भी मुस्लिम महिलाओं पर अत्याचार है। तीन तलाक मानवाधिकार और संविधानप्रदत्त मौलिक अधिकारों के खिलाफ है। आज मुस्लिम समाज की आधुनिक सोच की हजारों महिलाएं इन कानूनों के विरोध में आगे आ रही हैं। यह काबिलेतारीफ है। उनके साहस को मुस्लिम समाज सहित सम्पूर्ण देश को समर्थन करना चाहिए। और तीन तलाक का विरोध करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के जमाने में हिन्दू सती-प्रथा तथा बाल-विवाह पर बंदिश के कानून का हिंदू कट्टरपंथियों द्वारा विरोध हुआ था। ब्रह्मानंद राजपूत ने कहा कि आजादी के बाद डॉ. अंबेडकर जैसे प्रगतिशील और आधुनिक सोच रखने वाले लोगों के कारण हिंदू सिविल कानून भी कट्टरपंथियों के विरोध के बावजूद पारित हुआ। ऐसे ही आज मुस्लिम धर्म में अंबेडकर जैसे प्रगतिशील और आधुनिकता का अनुकरण करने वाले लोगों की जरुरत है। अगर देश में सामान नागरिक संहिता नहीं तो कम से कम मुस्लिम सिविल कानून तो लागू हो। जिससे की मुस्लिम समाज के लोगों खासकर मुस्लिम महिलाओं को रूढ़िवादी कानूनों के बोझ न दबना पड़े।
इस मौके पर ग्रामीण विकास संघर्ष समिति के निनुआ खान ने कहा कि सांप्रदायिक आधार पर मुस्लिम महिलाओं के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। तीन तलाक को राजनीतिक और सांप्रदायिक मुद्दा बनाने के बजाय कुरान के जानकारों को बैठाकर इस पर सार्थक चर्चा करवाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि आज देश में हजारों मुस्लिम महिलाएं तीन तलाक से प्रताड़ित हैं और उनकी सुनने वाला कोई नहीं है।उन्होंने कहा कि एक ही बार में तीन बार तलाक बोलकर पत्नी को तलाक देने की व्यवस्था कुरान में नहीं है। तीन तलाक गैर-इस्लामिक है इसका पूरे मुस्लिम समाज को विरोध करना चाहिए।
जन-जागरूकता अभियान में प्रमुख रूप से डॉ. सुनील राजपूत, विष्णु मुखिया, राहुल खान, शाहरुख अब्बास, वसीम खान, नदीम खान, उमेश राजपूत, हेमेंद्र सिंह, निनुआ खान, चन्द्रवीर राजपूत, जीतू राजपूत, अजय मुखिया, गौरव राजपूत, रोहित शर्मा, शिवा बघेल, रजत राजपूत, संतोष, इकबाल खान, थानसिंह, बन्टी लोधी, करन शर्मा, फहीम खान, सतीश राजपूत, सुनील लोधी, आदि मौजूद रहे।

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