राजस्व विवादों पूरा ब्यौरा जुटाएगी सरकार

दमोह तहसीलदार मनोज श्रीवास्तव की योजना पर कार्य प्रारंभ

डा.एल.एन.वैष्णव

14601081_1195419357161277_2571512253187088998_nभोपाल/मध्यप्रदेश के राजस्व मामलों में आने वाली बडी समस्या का समाधान हो वह भी अतिशीघ्र इस दिशा में राज्य सरकार ने अपने कदम बढा दिये हैं। बदलते परिवेश में जो कुछ नया होने जा रहा है वह एक उर्जावान एवं कर्तव्य के प्रति लगातार कार्य करने वाले तहसीलदार की योजना है जो जल्द ही मूर्त रूप लेने जा रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश सरकार ने इस दिशा में निर्णय लेते हुये योजना को अस्तित्व में लाने हेतु संबधित अधिकारियों को दिशा निर्देश दे दिये हैं। ज्ञात हो कि राजस्व से जुडे मामलों के निपटारों में कुछ खामियों के चलते शासन की मंशा के अनुरूप परिणाम नहीं आ पा रहे थे। मध्यप्रदेश के दमोह में पदस्थ तहसीलदार मनोज श्रीवास्तव के द्वारा उक्त मामलों में उठाये गये कदम से निकले सार्थक परिणाम का चौंकाने वाले रहे। जानकार बतलाते हैं कि शासन की मंशा के अनुरूप परिणामों को लाने में सहायक सिद्ध हो सकते हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार सरकार ने इस दिशा में कार्य को आगे बढाने के लिये तहसीलदार मनोज श्रीवास्तव को बुलाकार संपूर्ण योजना को समझा ही नहीं अपितु कार्य प्रारंभ करने के दिशा निर्देश राजस्व विभाग द्वारा सभी कलेक्टरों को जारी कर दिए गए हैं।
क्या है योजना-कैसे होगा कार्य-

प्राप्त जानकारी के अनुसार राजस्व विवादों से संबधित जानकारी एकत्रित करने के लिये राजस्व विभाग के अमले को जबाबदारी सौंपी जायेगी। मुख्य भूमिका के रूप में क्षेत्र पटवारी होंगे जबकि वरिष्ठ अधिकारियों को निगरानी करेंगे। इसी क्रम में पटवारी मानीटरिंग कार्ड में दर्ज की जाने वाली रिपोर्ट पर राजस्व निरीक्षक,नायब तहसीलदार एवं तहसीलदार टीप अंकित करेंगे। उक्त कार्य में महिला बाल विकास एवं ग्रामीण विकास विभाग,स्वास्थ्य विभाग को एक अहम जबाबदारी सौंपी जायेगी। पटवारी द्वारा तैयार की गयी रिपोर्ट मानिटरिंग कार्ड के उपर पंचायत सचिव, आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, कोटवार स्वयं के हस्ताक्षर करेंगे।
16 बिन्दु जानकारी-
प्राप्त जानकारी के अनुसार गुलाबी रंग का एक मॉनिटरिंग कार्ड तैयार किया जाएगा, जिसमें राजस्व विभाग से संबंधित सभी कार्यो को लिखा जायेगा। बतलाया जाता है कि विवादित और अविवादित नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, बंटान समेत अन्य मामलों को इसमें सम्मलित किया गया है जिसके लिये 16 बिन्दु तय किए गए हैं। ग्राम में कब किस विभाग के कौन से अधिकारी ने कब-कब दौरा किया एवं दिशा निर्देश दिये दर्ज किया जायेगा। दिये गये निर्देशों के पालन पर नजर रखी जायेगी जो कि मासिक रिपोर्ट में सम्मिलित होगी। जानकारों की माने तो राजस्व विभाग के कार्यों में आने वाले व्यवधान दूर होंगे जनता को लाभ होगा तो वहीं अधिकारियों पर लगने वाले आरोपों में कमी आयेगी। जिसके चलते शासन-प्रशासन की छबि में निखार आयेगा।
मनोज श्रीवास्तव के प्रयोग रहे सफल-
ज्ञात हो कि दमोह में पदस्थ तहसीलदार मनोज श्रीवास्तव के द्वारा बनायी गयी योजना और उसके प्रयोग के सकारात्मक परिणाम सामने आ चुके हैं। अपने कार्यक्षेत्र में उनके द्वारा इस योजना पर सफलता प्राप्त होने पर अधिकारियों ने जमकर सराहना की थी। उक्त कार्यों में मिली सफलता को लेकर स्थानीय विधायक एवं मध्यप्रदेश के वित्त मंत्री जयंत कुमार मलैया ने सम्मानित भी किया था। मध्यप्रदेश राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता एवं प्रमुख राजस्व आयुक्त केके खरे ने तहसीलदार श्रीवास्तव को बुलाकर योजना को समझा और प्रदेश में लागू करने का निर्णय लिया है। ज्ञात हो कि तहसीलदार मनोज श्रीवास्तव अपने लक्ष्य को लेकर सदैव सक्रिय देखे जा सकते हैं। इनके द्वारा दो बार तहसीलदार के अतिरिक्त मुख्य नगर पालिका अधिकारी दमोह की जिम्मेदारी का निर्वाह जिस प्रकार किया गया आज भी लोगों के मध्य प्रशंसा का विषय बना हुआ है। कम समय में अधिक कार्य कैसे किया जाये इस पर उनका फोकस देखा जा सकता है। मात्र कुछ ही दिन में कंगाल नगर पालिका को करोडपति बनाने की बात हो या फिर बर्षों से पेयजल संकट झेलते शहर को पांच की जगह प्रति दूसरे दिन पानी देने पर कार्य हो या फिर अतिक्रमण एवं साफ-सफाई सभी में आज भी सराहना होते सुनी जा सकती है।

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