आईसीआईसीआई बैंक 100 दिन में 100 गांवों को ‘आईसीआईसीआई डिजीटल विलेज‘ के रूप में बदलेगा

chanda kochhar
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देश का विशालतम ग्रामीण संवर्धन कार्यक्रम, जिसके तहत गांवों में लेनदेन और वाणिज्यिक गतिविधियों का डिजीटलीकरण किया जाएगा, व्यवहारिक शिक्षा एवं ग्रामीणों की आय एवं स्थाई आजीविका के लिए ऋण प्रदान किए जाएंगे
ऽ बैंक सेवाओं वंचित दस हजार गांवों में 100 दिन के भीतर व्यवहारिक प्रशिक्षण प्रदान दिया जाएगा
ऽ यह महत्वाकांक्षी योजना आईसीआईसीआई बैंक द्वारा तैयार किए गए पहले डिजीटल विलेज गुजरात के सांबरकांठा जिले के अकोदरा गांव से प्रेरित है

मुम्बई, 29 नवम्बर, 2016ः समेकित परिसम्पदा की दृष्टि से निजी क्षेत्र में भारत के शीर्ष बैंक आईसीआईसीआई बैंक ने घोषणा की है कि वह 100 दिन के भीतर 100 गांवों को आईसीआईसीआई डिजीटल विलेज‘ के रूप में बदलेगा। बैंक का यह प्रयास मौजूदा उच्च मूल्य की मुद्राओं के विमुद्रीकरण के चलते देश भर को जिसमें ग्रामीण इलाके भी शामिल है, को डिजीटल इकोसिस्टम तक पहुंच बनाने की प्रयास के तहत किया जा रहा है।

देश के एक छोर से दूसरे छोर तक फैले इन गांवोें के निवासी बैंकिंग और लेनदेन के लिए डिजीटल चैनल का उपयोग कर सकेंगे। इन गांवों के लोग अपने बैंक खाते, आधार आधारित ई-केवाईसी के माध्यम से खुलवा सकेंगे और खुदरा स्टोर्स को एसएमएस/यूएसएसडी आधारित मोबाइल समाधान के माध्यम से नकदी रहित भुगतान करने में सक्षम हो जाएंगे। इसके साथ ही आईसीआईसीआई बैंक, आईसीआईसीआई ग्रुप की कॉरपोरेट सामाजिक भागीदारी इकाई आईसीआईसीआई फाउण्डेशन फॉर इन्क्लूसिव ग्रोथ (आईसीआईसीआई फाउण्डेशन) के सहयोग से करीब 10,000 बैंक सेवा से वंचित ग्रामीणों को व्यवहारिक प्रशिक्षण भी प्रदान करेगा विशेषकर महिलाओं को, ताकि वे अपनी स्थाई आजीविका का साधन बना सकें। बैंक ने इन प्रशिक्षित ग्रामीणों के लिए ऋण सुविधा का और विस्तार किया है, ताकि गांवों में स्वरोजगार के अवसर मिल सकें।

यह देश का सबसे बड़ा ग्रामीण प्रोत्साहन कार्यक्रम है, जो कि लेनदेन और व्यवसायिक गतिविधियों का डिजीटाइजेशन करने के साथ ही व्यवहारिक प्रशिक्षण एवं ग्रामीणों की मदद के लिए ऋण सुविधा उपलब्ध करवा रहा है ताकि उनकी आय हो सके और उन्हें स्थाई आजीविका मिल सके।

यह महत्वाकांक्षी योजना आईसीआईसीआई बैंक द्वारा तैयार किए गए पहले डिजीटल विलेज गुजरात के सांबरकांठा जिले के अकोदरा गांव से प्रेरित है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आकोद़रा के इस डिजीटल गांव को गत वर्ष आईसीआईसीआई समूह की 60वीं सालगिरह के उपलक्ष्य में राष्ट्र को समर्पित किया था।

इस पहल पर आईसीआईसीआई बैंक की प्रबन्ध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, मिस चंदा कोचर ने कहा ‘‘आईसीआईसीआई बैंक का देश के विकास के लिए एक मध्यस्थ के रूप में अपना निरंतर योगदान जारी है। हम सुदृढ़ता के साथ महसूस करते हैं कि तीव्र गति से विकास के लिए टेक्नोलॉजी की महत्वपूर्ण भूमिका है। टेक्नोलॉजी से समृद्ध कर हमने गुजरात के अकोदरा गांव की तस्वीर बदली है और इसे गत वर्ष भारत का पहला डिजीटल गांव बनाने में सफलता प्राप्त की है। इसकी सफलता ने हमें काफी प्रेरित किया है और इसकी प्रेरणा से हम पूरे देश में 100 गांवों को डिजीटल गांव बनाने की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। हम इन गांवों में नकदी रहित पारिस्थितिकी तन्त्र विकसित करेंगे, साथ ही पहले 100 दिन के भीतर हम 10,000 ग्रामीणों को व्यवहारिक प्रशिक्षण प्रदान करेंगे तथा उन्हें ऋण लिंकेज प्रदान करेंगे ताकि ग्रामीण अपना स्वयं का व्यापारिक उपक्रम स्थापित कर सकें। मुझे पूरा विश्वास है कि यह वृहद परियोजना माननीय प्रधानमंत्री के डिजीटल इण्डिया की सोच में अपना महत्वपूर्ण योगदान देगी।‘‘

इन सभी आईसीआईसीआई डिजिटल गांवों के तीन आयाम होंगे।

प्रथम आयाम सहज और डिजिटल बैंकिंग के लिए उपयोग को बढ़ाने के लिए है। ऐसा करने के लिएः
ऽ आईसीआईसीआई बैंक टेबलैट-आधार कार्ड आधारित ई-केवाईसी का प्रयोग करेंगे जिससे कुछ ही घंटों में ग्रामीणों के खाते बिना भौतिक दस्तावेज प्रस्तुत किए खोले जा सकेंगे। गांवों में सभी वयस्कों के बचत खातें होंगे, जिन्हें आधार से जोड़ा जाएगा जिससे यह खाते सरकारी लाभ का सीधे हस्तांतरण के लिए सक्षम हो सकें। इन खातों की सेवा के लिए आईसीआईसीआई बैंक की शाखा और एटीएम समर्पित होंगे।

ऽ बैंक एक अनूठी एसएमएस और यूएसएसडी मोबाइल सेवा प्रदान करेगा जिससे ग्रामीणों को धन हस्तांतरण, सचेतक और विवरण और खुदरा स्टोर को भुगतान करने के लिए मोबाइल फोन के द्वारा सुविधा प्राप्त होगी। यह बैंकिंग एसएमएस क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध होगा और बुनियादी मोबाइल फोन पर कार्य करेगा। बैंक भी शुरू से अंत तक व्यापारियों की बुनियादी सुविधाऐं स्थापित करेगा जिससे खुदरा विक्रेताओं को मोबाइल आधारित भुगतान स्वीकार करने में सक्षम बनाया जा सके।

ऽ बैंक इन गांवों के प्रमुख व्यावसायिक गतिविधि के लिए कैशलैस, डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करेगा। उदाहरण के लिए, अकोदरा में, सहकारी दूध समिति और इसके अपने सदस्यों के लिए शुरू से अंत तक मापने और भुगतान के रिकॉर्ड का समाधान बनाया गया है। यह भविष्य के आईसीआईसीआई डिजिटल गांवों में भी दोहराया जाएगा। इसके अतिरिक्त, किसानों को अन्य लोगों के अलावा मजदूरों को किसानों से मंडियों से भुगतान और भुगतान की तरह की गतिविधयों, डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र के तहत लाया जाएगा। बैंक रूपे कार्ड का उपयोग बिना नकद लेनदेन के लिए बीज और उर्वरक दुकानों पर प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीनों की स्थापना करेगा।
पहल का दूसरा आयाम ग्रामीणों को आजिविका प्रशिक्षण देने के लिए है। उसके लिएः
ऽ आईसीआईसीआई फाउंडेशन,‘ग्रामीण पहल कौशल‘ के लिए आईसीआईसीआई अकादमी फॉर स्किल के तहत इन 100 गांवों में प्रशिक्षण प्रदान कार्यक्रम संचालित करेगा। यह प्रत्येक गांव में 100 लोगों को, खासकर महिलाओं को कुछ ही दिनों के भीतर प्रशिक्षित करेंगे। कोई भी वंचित ग्रामीण 18 से 40 वर्ष के आयु वर्ग में निःशुल्क प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए पात्र है। किसी भी गांव की स्थानीय अर्थ व्यवस्था के आधार पर विशिष्ट प्रशिक्षण इन ग्रामीणों को उपलब्ध करवाया जाएगा। विषयों की सूची में कृषि, डेयरी और वर्मी कम्पोस्ट, कृषि उपकरणों की मरम्मत, हाथ की कढ़ाई, डेªस डिजाइनिंग और बलुआ पत्थर काटने और तराशना भी शामिल हैं। इन प्रशिक्षणों की अवधि 30 दिनों की है
ऽ आईसीआईसीआई बैंक और आईसीआईसीआई फाउंडेशन ग्रामीणांे को प्रशिक्षित करते हुए उन्हें इस योग्य बनाएगा कि वह अपने ही गांव में रह कर स्वयं का रोजगार प्राप्त कर सकें । वे अपने लिंकेज बाजार के माध्यम से उत्पाद/सेवाओं माध्यम से स्थानीय और आसपास के क्षेत्रों में विक्रय के लिए भी सहायता प्रदान करेंगे।

पहल का तीसरा आयाम क्रेडिट लिंकेज प्रदान करने के लिए आजीविका के अवसर बढ़ाने के महत्वपूर्ण तत्व हैंः
ऽ आईसीआईसीआई बैंक स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के गठन की सुविधा और सदस्यों को ऋण की पेशकश करेगा। इसके अतिरिक्त, आईसीआईसीआई बैंक भी किसान क्रेडिट कार्ड, टू व्हीलर लोन और कृषि उपकरण ऋण के रूप में प्रशिक्षित ग्रामीणों को ऋण सुविधाओं का विस्तार करेगा
ऽ बैंक ग्रामीणों और स्व सहायता समूहों के घर पर जाकर टेबलैट के माध्यम से ऋण मंजूरी और वितरण करेगा। इस प्रकार उन्हें मदद करके समय की बचत और एक नोडल शाखा तक जाने के श्रम बचायेगा

डिजिटल गांवों की यह पहल अभी तक बैंक की एक और महत्वपूर्ण ढांचागत विकास पहल है। आईसीआईसीआई बैंक ने पिछले दो दशकों में भारत में बुनियादी ढांचे के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह भारत की सबसे बड़ी निजी क्षेत्र की जल विद्युत परियोजना सहित पर्याप्त बिजली उत्पादन क्षमता के निर्माण का वित्त पोषण किया गया है। बंदरगाहों, सड़कों और राजमार्गों, हवाई अड्डों, भारत का पहला ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे और उसके सबसे बड़े हवाई अड्डे के आधुनिकीकरण परियोजना सहित, और अखिल भारतीय दूरसंचार नेटवर्क के रोल आउट, बुनियादी ढांचे में इसकी भूमिका क्षेत्र के लिए नीतियों के विकास में सरकार की सहायता के लिए एक फाइनेंसर के तौर पर अग्रसर है।

आईसीआईसीआई बैंक लि. के बारे में: आईसीआईसीआई बैंक ;छल्ैम्रूप्ठछद्ध भारत का निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा बैंक है, इसकी समेकित कुल सम्पदा 139.14 बिलियन डॉलर 30 जून, 2016 को रही। आईसीआईसीआई बैंक की इकाइयों में भारत की शीर्ष बीमा कम्पनियां, सिक्यूरिटी ब्रोकरेज कम्पनियां, म्युच्युअल फण्ड तथा निजी इक्विटी कम्पनियां शामिल है। आईसीआईसीआई बैंक की उपस्थिति वर्तमान में भारत सहित 17 अन्य देशों में है।
आईसीआईसीआई फाउण्डेशन फॉर इन्क्लूसिव ग्रोथ (आईसीआईसीआई फाउण्डेशन) के बारे मेंः इसकी स्थापना आईसीआईसीआई ग्रुप ने वर्ष 2008 के प्रारम्भ में आईसीआईसीआई बैंक के समावेशी विकास को आगे बढ़ाने के दृष्टिकोण के साथ की थी। आईसीआईसीआई फाउण्डेशन भारत में अर्थिक अवसरों के प्रमुख समर्थक प्रतिभागियों के योगदान के लिए समावेशी विकास को प्रोत्साहित करता है। इसकी प्रमुख चिन्हित पहलों में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल, प्रारंभिक शिक्षा, कौशल विकास एवं स्थाई आजीविका एवं वित्तीय समावेशन हैं, आईसीआईसीआई फाउण्डेशन क्षमता निर्माण एवं विकासशील नवाचारी आदर्शो पर कार्यरत है जिनको भविष्य में और बढ़ाया जाएगा। आईसीआईसीआई एकेडमी फॉर स्किल आईसीआईसीआई फाउण्डेशन के बैनर तले कार्यरत है।

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