गुरुग्राम (गुडगाँव) // काव्य साधना समिति, संस्कार भारती, गुरुग्राम द्वारा आज माधव भवन गुरुग्राम, गुडगाँव के सभागार में काव्य संगोष्ठी, साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाली प्रतिभाओं का सम्मान, कार्यक्रमों की श्रंखला में एक और यादगार आयोजन के रूप में दर्ज़ की गयी।
संस्कार भारती के कार्यक्रम का शुभारम्भ अखिल भारतीय प्रमुख “रविन्द्र भारती” एवं प्रांतीय अध्यक्ष मेजर दीनदयाल, समिति के प्रमुख कार्यकारिणी सदस्य कमल गोयल, कमलेश कौशिक कमल, ऐ.डी. अरोडा, अंकिता सिंह, कृष्णा जैमिनी द्वारा सभी आगन्तुक मित्रों का स्वागत कर काव्य साधना समिति, संस्कार भारती के संक्षिप्त परिचय के साथ की, तत्पश्चात सभी अथितिगण द्वारा द्वीप प्रज्ज्वलन कर माँ शारदे की वंदना की गई । इस अवसर पर विभिन्न कवियत्रीओ ने खूबसूरत गीत प्रस्तुत कर दर्शकों को मन मुग्ध कर दिया ।
तत्पश्चात काव्य साधना समिति, संस्कार भारती द्वारा सभी मंचासीन अतिथियों का सम्मान किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कवि शैल भदावरी ने की, विशिष्ठ आथिति जयपुर से निशा माथुर थी एवं अन्य अथिति घमण्डी लाल, हरिन्द्र यादव नरेन्द्र खामोश, रवि भटनागर, रामानंद सागर भी आयोजन मे मौजूद रहे ।
काव्य संगोष्ठी के क्रम में मंचासीन अतिथियों में शैल भदावरी ने राजनीतिक मुद्दों पर व काव्य शैली में काव्य के माध्यम से मात्रिक त्रुटी की ओर ध्यान इंगित कराया । कमलेश कौशिक ने भ्रुण हत्या पर अपनी मुक्त छंद कविता पढ़ कर अपनी सामाजिक जिम्मेदारी एवं संवेदनशील मन का परिचय दिया,
कालीशंकर सौम्य ने हिन्दी भाषा के महत्व और हिन्दी प्रेम को उजागर करती रचना पढ़ सभागार में मौजूद सभी प्रबुद्ध जनों को सम्मोहित कर दिया ।
“हिन्दी भाषा बोलिये, दीजिये इसको मान”
“ये हमको दिलवाएगी, दुनिया में सम्मान”
काव्य संगोष्ठी को विविधता प्रदान करने के क्रम में निशा मथुर और बहुत से कवियों ने बसंत ऋतु पर गीत कहे। कवियों ने नोट बंदी व अन्य राजनीतिक मुद्दों पर गोष्ठी में काव्य पाठ कर गोष्ठी को अविस्मर्णीय रूप प्रदान किया किया । रवि सरोहा ने श्रृगार रस और विरह पर गीत गजल बोल गोष्ठी के आयोजन को सार्थक सिद्ध किया । दिल्ली से मनोज मिश्रा कप्तान ने बहुत सुंदर रचना प्रस्तुत कर कार्यक्रम को भव्यता प्रदान की ।
अजब हालात है बदले ये घर घर की कहानी है। बहुत ही बदले ये घर जो ना बिखरी जवानी है।।
कहर टूटे जवानी के,जमाने में भी ऐसे घर । इधर आंखो भरा पानी ,उधर आंखो में पानी है।।
ऐश अली खान, काजल गुप्ता एवं साधना शर्मा गीत ने काव्य संगोष्ठी में यह कविता/ गीत पढ़ समाः बाँध दिया ।
माना की तेरी बज्म से कुछ दूर.हो गये। पर ये ना समझना के हम दूर हो गये।।
कुछ रंग जिन्दगी ने दिखाये है बदलकर। बस उनको समझने में ही हम चूर हो गये।।
ऐश अली खान
बहुत याद आए भुलाते भुलाते, तुम्हे जिन्दगी से मिटाते मिटाते।।
काजल गुप्ता
इस जिन्दगी का कारवां कब कहा रूक जाऐ । ख्वाहिशों की मिट्टी कब राख बन उड जाऐ।।
साधना शर्मा गीत
कवि पवन पागल के गीत ने सभी को भावुक कर दिया
दुनिया है दगा बाज,यहाँ प्यार नहीं मिलता, राही मैं अन्धेरों का, प्यार नहीं मिलता।
मिलते है यू तो हर मोड पर मुसाफिर। गम से है जो बचाता वो यार नहीं मिलता।
अखिल भारतीय प्रमुख रविन्द्र भारती ने अपने विशिष्ट संबोधन में काव्य साधना समिति संस्कार भारती समूह के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कविता एवं साहित्य में नयी युवा पीढ़ी की बढती दिलचस्पी को सकारात्मक बताते हुए अपने अनुभवों से युवा पीढ़ी को जागरूक करने हेतु अपनी काव्यात्मक शैली में दोहों शेर आदि के उदहारण से प्रशिक्षित एवं प्रेरित किया तथा समय समय पर इस तरह के आयोजनों की जरुरत पर जोर दिया, साथ ही काव्य गोष्ठियों में कुछ सुधार की आवश्यकता पर बल दिया। साधना शर्मा “गीत” ने हमें बताया की काव्य साधना समिति संस्कार भारती का उद्देश्य साहित्य के क्षेत्र में देश, विदेश में छुपी प्रतिभाओं को सामने लाना हैं ।
कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम की संयोजिका साधना शर्मा “गीत” द्वारा अपने मनमोहक अंदाज से किया जिसकी सभी उपस्थितजनों ने भूरी भूरी प्रसंशा की। अंत में कार्यक्रम की संजोयक साधना शर्मा “गीत”द्वारा सभी उपस्थितजनों का आभार प्रकट कर समारोह का समापन किया