जीना यहां मरना यहां से नोहलेश्वर महोत्सव का समापन

राजकपूर के रूप में डा.वैष्णव की प्रस्तुति ने सबका मनमोहा
DSC_0869दमोह/जीना यहां मरना यहां इसके सिवा जाना कहां के गीत और नृत्य के साथ तीन दिनों तक चलने वाले नोहलेश्वर महोत्सव का समापन हो गया। अंतिम प्रस्तुति देते हुये राजकपूर की प्रसिद्ध फिल्म मेरा नाम जोकर के उक्त गीत पर जोकर के रूप में प्रस्तुति देते हुये रंगकर्मी एवं पत्रकार ने अपनी प्रस्तुति देते हुये सबका मन मोह लिया। दो भागों में प्रस्तुत उक्त कार्यक्रम को देते हुये जहां एक ओर डा.वैष्णव ने अकेले प्रस्तुति दी तो वहीं इसके बाद उपस्थित सभी को मंच पर झूमने पर मजबूर कर दिया। आयोजन समीति के साथ सभी सहयोगी भी जमकर नाचे और प्रसन्नता जाहिर की। विदित हो कि उक्त महोत्सव का शुभारंभ भी गत बर्ष की भांति डा.वैष्णव ने शिवतांडव की प्रस्तुति से किया और समापन भी जीना यहां मरना यहां से किया।
कला के जोहर बर्षो से-
ज्ञात हो कि डा.वैष्णव कई दशकों से कला के जोहर रंग मंच सहित विभिन्न कार्यक्रमों में दिखाते रहते है। हजारों की भीड में होने वाली रामलीला और हनुमान जयंती में पवन पुत्र का सजीव चित्रण हो या फिर नरसिंह अवतार ,औघढदानी का पात्र की प्रस्तुति सभी की प्रस्तुति सराहनीय होती है। विदित हो कि उनकी धर्मपत्नि जो कि स्वयं कलाकार एवं पत्रकार हैं पूरी सहयोगी के रूप में साथ रहती हैं तो वहीं दोनो पुत्र भी लीला प्रभु श्रीराम की में श्रीराम और लक्ष्मण के किरदार को रजत दास वैष्णव और कुणाल दास वैष्णव बचपन से करते आ रहे हैं।
जमकर झूमे हुये हुई सराहना-
नोहलेश्वर महोत्सव के समापन अवसर पर आदित्य सालोमन,एसडीएम सीपी पटेल,पत्रकार आजम खान,महेन्द्र दुबे,धमेन्द्र राय,विनोद खानवलकर,विनोद दुबे,प्रदीप राजपूत सहित आयोजन समीति के सभी पदाधिकारी,सहयोगी एवं स्थानीय गणमान्य नागरिकों ने जमकर उक्त गीत पर डा.वैष्णव के साथ नृत्य करके प्रसन्न्ता जाहिर की।

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