निकाली रैली, सौंपा ज्ञापन, कहा मांगे नहीं मानी तो बनेगा दूसरा मंदसौर

कलेक्ट्रेड परिसर में कलेक्टर,एसपी के सामने खुली चुनौति

aडा.एल.एन.वैष्णव
दमोह/ मांगों को लेकर रैली में बडी संख्या में उपस्थित किसानों सहित एक राजनैतिक दल के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर जहां प्रदेश सरकार तक अपनी मांगें पहुंचाने का प्रयास किया तो वहीं दूसरी ओर मांगे पूरी नहीं होने की दशा में दूसरा मंदसौर बनाने की धमकी भी दे डाली। ज्ञात हो कि प्रदेश में किसान अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करने में लगे हुये हैं। प्रदेश के मंदसौर सहित समीप के कई जिलों में उक्त आंदोलन ने हिंसात्मक रूप ले लिया है जिसको लेकर शासन-प्रशासन को शांति बहाली के लिये खासी मशक्कत करनी पड रही है। किसानों के उक्त आंदोलन में कांग्रेस के कूदने से यह आग प्रदेश के अन्य जिलों में फैलना प्रारंभ हो चुकी है। एक ही विषय को लेकर लगातार तीन दिन से अलग-अलग नेताओें के नेतृत्व में आंदोलन चल रहे हैं।
गौरव के नेतृत्व में आंदोलन-
किसानों की समस्याओं को लेकर जिला मुख्यालय पर रैली,सभा के माध्यम से जहां किसानों की समस्याओं एवं मांगों को रखा गया तो वहीं दूसरी ओर शक्ति प्रदर्शन करने का प्रयास भी किया गया। गौरव पटेल के नेतृत्व में स्थानीय कृषि उपज मंडी में सैकडों किसानों एवं कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज करायी। जहां आयोजित एक सभा के दौरान वक्ताओं ने जमकर प्रदेश सरकार को कोसते हुये उसे किसान विरोधी एवं हत्यारी सरकार बतलाया। ज्ञात हो कि गौरव पटेल कांग्रेस नेता पथरिया जनपद अध्यक्ष श्रीमती रंजीता पटेल के पति हैं।
राजनीति चमकाने का प्रयास-
उक्त किसान आंदोलन के बहाने अनेक मृत प्राय नेताओं में हरकत होने की जमकर चर्चा बनी हुई है। केन्द्र की भाजपा सरकार के तीन बर्ष पूर्ण होने तथा हर मोर्चे पर केन्द्र सरकार के फेल होने के आरोपों को लेकर प्रेस और जनता के मध्य जाकर प्रदेश भर में आयोजित कार्यक्रम एवं प्रेस वार्ता में नदारद रहे नेता अचानक सामने आते देखे गये जिसकी चर्चा जमकर बनी हुई है? वहीं चर्चा के दौरान सुना गया कि गौरव पटेल पथरिया विधान सभा से कांग्रेस की टिकिट की दावेदारी आगामी विधानसभा चुनाव के समय करने की योजना पर काम कर रहे हैं?
दो धडे में बंटा आंदोलन-
उक्त किसान आंदोलन संयुक्त कलेक्ट्रेड भवन के प्रांगण में अचानक दो धडों में बंटते स्पष्ट्र रूप से देखा गया। रैली के प्रवेश करते ही कांग्रेस के युवा नेता अभिषेक डिम्हा अपने लगभग दो तीन दर्जन साथियों के साथ कलेक्ट्रेड में प्रवेश करने का प्रयास करते रहे। उपस्थित प्रशासन एवं पुलिस के अधिकारियों से टकराने का प्रयास किया तो जमकर नारेबाजी की। इसी क्रम में गौरव पटेल के नेतृत्व में प्रांगण में ही बने चबूतरे के समीप दूसरे धडे के एकत्रित होने की सूचना मिलते ही सभी उसी ओर मुड गये जहां गौरव पटेल ने देश के राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन का वाचन किया तथा गायत्री मंत्र के वाचन के साथ मृतक किसानों को श्रृद्धांजली दी गयी। कलेक्ट्रर डा.श्रीनिवास शर्मा को ज्ञापन एवं किसान हत्यारी सरकार नामक पुतले को सौंपा गया।
तो बनेगा दुसरा मंदसौर खुली चेतावनी-
उक्त आंदोलन में संयुक्त कलेक्ट्रेड भवन परिसर में भी कलेक्ट्रर डा.श्रीनिवास शर्मा एवं पुलिस अधीक्षक तिलक सिंह के सामने खुली चुनौति दी गयी। नेतृत्व कर्ता गौरव पटेल ने एक सप्ताह में मांगे पूरी नहीं होने पर दमोह को दूसरा मंदसौर बना देने की खुली चेतावनी दी। कुछ इसी प्रकार की चेतावनी पूर्व मंडी अध्यक्ष प्रघुम्न सिंह की रही।
पल-पल की नजर-
उक्त आंदोलन को लेकर स्थानीय कृषि उपज मंडी में 11 बजे प्रातःकिसानों का एकत्रित होना प्रारंभ हुआ। 12 बजे के लगभग से भाषण प्रारंभ हुये। दो तीन सौ से बढकर संख्या धीरे-धीरे लगभग दो हजार के करीब पहुंची। नेतृत्वकर्ता सहित नेताओं के चेहरे खिलना प्रारंभ हुये। वक्ताओं ने प्रदेश सरकार को जमकर कोसते हुये किसान विरोधी सरकार बतलाया। 12 बजकर 45 मिनिट पर कलेक्ट्रेड की ओर रवाना हुये। दर्जन के करीब टेक्ट्रर,दो दर्जन के करीब चार पहिया वाहन,लगभग पांच सौ के करीब मोटर साईकिल रैली में सम्मिलित हुई। उक्त रैली स्टेशन चैक,राय तिराहा,घंटाघर,अंबेडकर चैक,कोतवाली चैराहा,बेलाताल होते हुये कलेक्ट्रेड लगभग ढाई बजे पहुंची। उक्त रैली में पथरिया क्षेत्र के किसानों एवं कार्यकर्ताओं की संख्या में तथा अन्य में 65-35 का अंतर होने की चर्चा रही।
सहारे को तलासती कांग्रेस-
उक्त आंदोलन में किसानों के लिये मांगी गई मांगों के साथ कांग्रेस अपनी तलासते सहारे में काफी हद तक कामयाब भी होती दिख रही है। दो दिन पूर्व चार पांच दर्जन के करीब नेताओं द्वारा कलेक्ट्रेड के सामने प्रदर्शन,पुतला दहन,एक दिन पूर्व ही उक्त संख्या से कुछ ही ज्यादा में धरना प्रदर्शन और आज पथरिया क्षेत्र की बहुलता वाले किसान एवं कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में नदारद नेताओं की उपस्थिति के साथ अनेक की अनुपस्थिति भी कुछ-कुछ कहती चर्चाओं में बनी रही।
जिनकों अपना समझा वह अब….?
उक्त आंदोलन में भारतीय जनता पार्टी जिनको अपना मानकर चल रही थी उनकी उपस्थिति देख निश्चित रूप से चिंतन में तो ही चुकी होगी? तो कुछ उसके ही लोगो की भी उपस्थिति भी अनेक प्रश्नों को जन्म दे रही थी? बतलादें कि अवसरवादियों के पार्टी में प्रवेश करने कराने तथा पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की चर्चा लम्बे समय से बनी हुई है?
यह रहे उपस्थित किया संबोधित-
उक्त आंदोलन को गौरव पटेल के साथ ही पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष अजय टंडन,रूद्रप्रताप सिंह,लक्ष्मण सिंह,वीरेन्द्र दबे,महेन्द्र दुबे,तिलक सिंह,राहुल सिंह,मोहन तंतवाय,राव वृजेन्द्र सिंह,रतन चन्द जैन सहित अनेक नेताओं ने संबोधित किया एवं उपस्थिति रही।
नेताओं की सेल्फी-
उक्त आंदोलन के दौरान छपा और दिखा बीमारी से पीडितों के साथ ही सोशल मीडिया पर अपने तथा अपने नेताओं की छबि को चमकाने वाले नेताओं की सेल्फी लेने का सिलसिला चर्चाओं में बना रहा?
प्रशासन,पुलिस ने दिया सूझबूझता का परिचय-
उक्त आंदोलन के समय अनेक बार बिगडती स्थिति को संभालने में जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन ने सूझबूझता का परिचय दिया जिसके चलते माहौल खराब करने वालों के मंसुबों पर पानी फिर गया।

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