गांवों को जल आत्मनिर्भर बनाने में एमजेएसए की भूमिका है महत्त्वपूर्ण

जल स्वावलम्बन सप्ताह के तहत जयमलसर में हुए अनेक कार्यक्रम

IMG-20170609-WA0042बीकानेर, 9 जून। संसदीय सचिव डॉ. विश्वनाथ मेघवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान ग्रामीण क्षेत्रों के लिए बेहद लाभदायक सिद्ध हो रहा है। गांवों को जल आत्मनिर्भर बनाने में इस अभियान की भूमिका अत्यंत महत्त्वपूर्ण है।

डॉ. मेघवाल ‘जल स्वावलम्बन सप्ताह’ के तहत शुक्रवार को जयमलसर में आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्थान में प्रारम्भ हुआ यह अभियान पूरे देश में सराहा गया है। कई राज्य इस अभियान का अध्ययन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जयमलसर में शत-प्रतिशत कार्य शीघ्र पूर्ण कर लिए जाएं, जिससे बरसात के दौरान इन जल संग्रहण स्त्रोतों का भरपूर उपयोग हो सके। उन्होंने बूंद-बूंद पानी के महत्त्व को बताया तथा इसके सदुपयोग की सलाह दी। उन्होंने कहा कि पश्चिमी राजस्थान के लोग पानी का मोल समझते हैं। यहां जल संरक्षण की पुरानी परम्परा रही है। सरकार ने इस परम्परा को पुनर्जीवित कर सराहनीय कार्य किया है।

बीकानेर पंचायत समिति की प्रधान राधादेवी सियाग ने कहा कि एमजेएसए ने ग्रामीणों के चेहरों पर मुस्कान लौटाई है। घर-घर में बने जलकुंडों में हजारों लीटर पानी संग्रहित हो रहा है। इससे उनके समय, धन और ऊर्जा की बचत हो रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की इस पहल के दूरगामी परिणाम सामने आएंगे। अधीक्षण अभियंता (जलग्रहण) भागीरथ बिश्नोई ने जयमलसर में एमजेएसए के तहत स्वीकृत और पूर्ण कार्यों की प्रगति बताई। उन्हाेंने बताया कि मानसून पूर्व की बरसात से इन जल स्त्रोतों में बड़ी संख्या में पानी संग्रहित हुआ है।

इस अवसर पर विकास अधिकारी कैलाश चौधरी, अधिशाषी अभियंता अमरसिंह वर्मा, सरपंच पवन सारस्वत, कनिष्ठ अभियंता विजय जाखड़ सहित विभिन्न अधिकारी एवं ग्रामीण मौजूद थे।

निकाली जल चेतना रैली, जल संरक्षण की ली शपथ

इस अवसर पर संसदीय सचिव ने ग्रामीणों को जल संरक्षण की शपथ दिलाई। ‘जल है तो कल है’ और ‘बूंद-बूंद पानी बचाओ’ जैसे नारों के बीच पंचायत भवन से जल चेतना रैली निकाली गई। रैली में जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के अलावा ग्रामीणों ने भागीदारी निभाई। संसदीय सचिव ने पंचायत भवन और सांस्कृतिक भवन में दो-दो लाख रूपये की लागत से बने पचास-पचास हजार लीटर क्षमता वाले दो जलकुंडों का लोकार्पण किया।

श्रीडूंगरगढ़ में अनेक कार्याें का हुआ लोकार्पण

जल स्वावलम्बन सप्ताह के तहत शुक्रवार को श्रीडूंगरगढ़ विधायक किसनाराम नाई ने विभिन्न कार्यों का लोकार्पण किया। एमजेएसए के तहत चयनित सोनियासर मीठिया की भोजाणा तलाई में सार्वजनिक जलकुंड निर्माण, राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय में जल कुंड निर्माण व छत से जोड़ने, चिनानिया तलाई में जलकुंड मरम्मत एवं छत से जोड़ने के कार्य का लोकार्पण किया गया। इसी प्रकार बरजांगसर में जीएसएस में जलकुंड निर्माण एवं इसे छत से जोड़ने के कार्य तथा कुंपालसर में 33 केवी जीएसएस में जलकुंड निर्माण एवं छत से जोड़ने के कार्यों का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर प्रधान रामलाल, उपप्रधान रामगोपाल सुथार, विकास अधिकारी वीरपाल सिंह के अलावा विभिन्न जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं आमजन मौजूद रहे।

—–

चिकित्सा विभाग के नवाचारों से आमजन हो रहे लाभान्वित

बीकानेर, 9 जून। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में अनेक नवाचार किए गए हैं। इन अभिनव प्रयासों से जहां एक ओर आमजन के स्वास्थ्य की समुचित देखभाल हो रही है, वहीं दूसरी ओर पर्यावरण संरक्षण, बालिका उत्थान, रोग नियंत्रण आदि क्षेत्रों में उल्लेखनीय सफलताएं हासिल हुई हैं।

बालिका उपवन योजना- बालिका गरिमा-उत्थान और पर्यावरण संरक्षण को एक सूत्र से जोड़ते हुए राष्ट्रीय बालिका दिवस पर जिले में बालिका उपवन योजना का नवाचार किया गया, जिसके आशातीत परिणाम सामने आए हैं। जिले के राजकीय स्वास्थ्य केन्द्रों-अस्पतालों पर जहां प्रसव सुविधा उपलब्ध है, वहाँ खाली जमीन पर बालिका उपवन विकसित किए गए हैं। योजना के तहत स्वास्थ्य केंद्र पर जब भी किसी बालिका का जन्म होता है, बालिका के परिजन व चिकित्सालय स्टाफ मिलकर बालिका के नाम से एक पौधा लगाकर, उसका संरक्षण करते हैं। जब बालिका का जन्मदिन आएगा, पौधे का भी जन्मदिन परिजन व स्टाफ मिलकर मनाएंगे। अस्पताल प्रशासन द्वारा वन विभाग की सहायता से पौधे उपलब्ध करवाए जाते हैं। जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में अब तक हजारों पौधे लगाए जा चुके हैं। योजना के प्रति आमजन के उत्साह के चलते जहां एक ओर बालिका के जन्म पर उत्सव का वातावरण बन रहा है, वहीं रेगिस्तानी जिले में हरियाली की छटा बिखर रही है।

आगरा-पंजाब तक जाकर पकड़ा कन्या भ्रूण हत्यारों को- जिले में नियमित निरीक्षण व मोनिटरिंग के द्वारा पीसीपीएनडीटी एक्ट की पूरी सख्ती से पालना हो रही है। सभी सोनोग्राफी केन्द्रों पर एक्टिव ट्रेकर व सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, लेकिन भू्रण जांच में लिप्त कुछ असमाजिक तत्व, बीकानेर से बाहर ले जाकर, कन्याओं की कोख में ही हत्या करवा रहे थे। बीकानेर सीएमएचओ डॉ देवेन्द्र चौधरी और पीसीपीएनडीटी समन्वयक महेन्द्र सिंह चारण ने मुखबिर से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर राज्य पीसीपीएनडीटी दल के साथ मिलकर पहले आगरा में और फिर पंजाब में डिकॉय ऑपरेशन को अंजाम देते हुए कन्या भू्रण हत्यारों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।

मिशन अगेंस्ट मलेरिया- जिले में मिशन अगेंस्ट मलेरिया अभियान चलाकर सघन एंटीलार्वा गतिविधियों व जन जागरूकता द्वारा मलेरिया पर प्रभावी नियंत्रण प्राप्त किया गया है। कोलायत बीसीएमओ डॉ अनिल वर्मा द्वारा इस दिशा में विशेष प्रयास किए गए हैं। वर्ष 2013 में मलेरिया के 1 हजार 833 रोगी चिन्हित हुए थे, वहीं चरणबद्ध तरीके से कम होते-होते 2014 में 648, 2015 में 413 व 2016 में 297 रह गए। इस वर्ष में मात्र 9 मलेरिया रोगी ही अब तक रिपोर्ट हुए हैं।

आदर्श पी.एच.सी. योजना- आदर्श पीएचसी योजना के तहत जिले के 7 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों (प्रत्येक ब्लॉक में एक) को आदर्श पीएचसी व वैलनेस सेंटर के रूप में तैयार किया गया है। यहाँ आवश्यक स्टाफ एवं संसाधन उपलब्ध करवा कर समस्त आवश्यक सेवाओं व योजनाओं का बेहतरीन संचालन किया जा रहा है। इन पीएचसी पर एलोपैथी के साथ आयुष चिकित्सक की सेवाएं उपलब्ध करवाते हुए प्रतिदिन योग करवाने और औषधीय पौधों से परिसर को हरा-भरा बनाने का नवाचार किया गया है। आदर्श पीएचसी के द्वितीय चरण में प्रत्येक ब्लॉक से दो पीएचसी का चयन कर उन्हें आदर्श पीएचसी बनाने हेतु प्रक्रिया जारी है।

स्वेच्छा से निःशुल्क सेवाएं- मातृ व शिशु मृत्युदर में प्रभावी कमी लाने के उद्धेश्य से प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस अभियान सफलतापूर्वक संचालित किया जा रहा है। अभियान के तहत जिले में निजी क्षेत्र की 15 गायनेकोलोजिस्ट द्वारा भी शहरी व दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वेच्छा से निःशुल्क सेवाएं दी जा रही हैं।

डॉक्टर्स फॉर डॉटर्स- इस नवाचार के तहत जिले के 40 चिकित्सकों द्वारा अति निर्धन परिवारों की 40 बालिकाओं को बारहवीं कक्षा तक शिक्षित करने के लिए गोद लिया गया है। ये बालिकाएं शिक्षित होकर आत्मनिर्भर बन सकेंगी।
-शरद केवलिया सहायक जनसम्पर्क अधिकारी, बीकानेर

error: Content is protected !!