वर्तमान की आवश्यकता तो स्वर्णिम भविष्य है जीएसटी -मलैया

जीएसटी को लेकर न घबरायें समझे तो लगेगा सबसे आसान-राघवेन्द्र सिंह
एक जुलाई से देश में पुराना रदद् नया कर कानून लागू होगा

डा.लक्ष्मीनारायण वैष्णव

J 1दमोह/ एक राष्ट्र,एक निशान,एक विधान के साथ ही एक समान कानून के तहत भारत में समान कर को लेकर एक नया कानून लागू होने जा रहा है। एक स्वर्णिम युग की शुरूआत के तहत जहां विभिन्न प्रकार के करों से मुक्ति मिलेगी तो वहीं एक ही कर के साथ होने वाली तमाम झंझटों से मुक्ति भी मिलेगी। जी हां हम बात कर रहे हैं जीएसटी की जिसको आने वाली एक जुलाई से लागू कर दिया जायेगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार भारत के संसद के सेन्ट्रल हॉल में 30 जून की रात्रि 11 बजे देश के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी,प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ देश भर के अपेक्षित मंत्री,सांसद की उपस्थिति में मध्य रात्रि में लागू करने की तैयारी पूरी हो चुकी है। उक्त नये कानून जिसको ”जीएसटी ” नाम दिया गया है जिसमें एक देश, एक कर और एक बाजार व्यवस्था 01 जुलाई से लागू हो जायेगी। उक्त कर कानून को लेकर देश भर में विभिन्न माध्यमों से जनता को इसके लाभ बतलाने का प्रयास किया जा रहा है। इसी क्रम में प्रदेश के दमोह जिला मुख्यालय पर एक वृहद कार्यशाला का आयोजन स्थानीय मानस भवन में किया गया। जिसमें ”जीएसटी ” की परिकल्पना,लागू करने,उसके फायदों के साथ उपस्थित व्यवसाईयों की शंकाओं का समाधान विशेषज्ञों द्वारा किया गया।
साकार होते अटल के सपने-
ज्ञात हो कि तत्कालीन प्रधान मंत्री पं.अटल बिहारी बाजपेयी द्वारा समान कर को लेकर शुरूआत एवं उसको मूर्तरूप देने का कार्य किया था। प्राप्त जानकारी के अनुसार बर्ष 2000 में पं.बाजपेयी सरकार में राज्य वित्त मंत्रियों की एम्पावर्ड कमेटी बनायी गयी थी। उद्ेश्य था वर्तमान करों को हटाकर नये वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) का प्रारूप तैयार करना। एम्पावर्ड कमेटी का अध्यक्ष पश्चिम बंगाल के वित्त एवं एक्साईज मंत्री असीम दास गुप्ता को बनाया गया था। श्री गुप्ता के नेतृत्व में उक्त कमेटी ने कार्य करना प्रारंभ किया। आने वाली एक जुलाई को पं.बाजपेयी का सपना साकार होने जा रहा है जिसमें एक देश एक कानून के तहत कार्य प्रारंभ हो जायेगा।
सरकार ने कसी कमर-
उक्त जीएसटी के मामले को लेकर सरकार पूरी तरह से कमर कस चुकी है जिसको लेकर वह सभी प्रकार की शंकाओं का समाधान करने के लिये देश भर में व्यापारियों,आम नागरिकों के असमंजस को दूर करने के लिये छोटे व्यापारियों का संगठन कैट देशभर में 100 जीएसटी क्लीनिकों का आयोजन करने जा रहा है। जो कि (जीएसटी) को अपनाने में व्यापारियों की मदद करेगा। वहीं ई-कामर्स, नई कंपनियों के लिए जीएसटी पंजीकरण 25 जून से प्रारंभ कर दिया गया है। ई-कामर्स परिचालकों तथा टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) काटने वाले 25 जून से खुद का जीएसटी नेटवर्क पर पंजीकरण करा पाएंगे.उस दिन पोर्टल नए पंजीकरणों के लिए फिर खुलेगा.। प्राप्त जानकारी के अनुसार जीएसटीएन मौजूदा कर दाताओं को भी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन से पांच दिन पहले स्थानांतरण का मौका देगी.कुल 81 लाख करदाताओं में से 65.5 लाख पहले ही इस पोर्टल पर स्थानांतरित हो चुके हैं।
जीएसटी है देश का स्वर्णिम भविष्य-मलैया
स्थानीय विधायक एवं प्रदेश के वित्त एवं वाणिज्यक कर मंत्री जयंत कुमार मलैया ने जीएसटी को वर्तमान की आवश्यकता और आने वाले समय का स्वर्णिम भविष्य बतलाया। उन्होने कार्यशाला में उपस्थितों को संबोधित करते हुये कहा कि संघीय व्यवस्था में केन्द्र के साथ राज्यों के अपने अधिकार है। पूर्व में जीएसटी पर विरोधाभास था इसे दूर किया गया है। अलग-अलग जीएसटी की 18 बैठके हुई, एक बार भी वोटिंग नहीं हुआ, निर्णय आम सहमति से हुए। गरीबों को राहत देने की कोशिश की गई है। उन्होंने कहा जीएसटी कानून आसान कानून है, श्री मलैया ने सेमीनार में मौजूद व्यापारियों से कहा कि मन में शंका ना रखें, प्रश्न पूछे, उसका समाधान अधिकारियों द्वारा किया जायेगा। उन्होंने व्यापारियों और मीडिया से पॉजिटिव एटीट¬ूड अपनाने का आग्रह किया। श्री मलैया ने कहा 30 जून को दिल्ली में जीएसटी की बैठक है। उन्होंने कहा जीएसटी शुरूआती पहल कांग्रेस सरकार ने की थी। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा यह आसान है, किसी तरह की शंका मन में ना पालें। श्री मलैया ने कहा पढ़ने सुनने को मिलता है, जीएसटी को विरोध हो रहा है कि महंगाई बढ़ जायेगी। लोगों को यह भी शंका थी कि वे जेल चले जायेंगे। ऐसा इसमें कुछ नहीं है, आसान प्रक्रिया हैं, आसान कानून है। यह भी कहा कि एक फार्म भरना है शेष दो फार्म कम्प्यूटर डेवलप करेगा। टेक्सेंशन की बारीकियां आप जान सकते हैं।
न घबरायें समझे तो लगेगा सबसे आसान-राघवेन्द्र सिंह
कार्यशाला में आयुक्त वाणिज्यिक कर राघवेन्द्र सिंह ने जीएसटी को लेकर विस्तार से बात रखते हुये कहा कि देश की आजादी से आज तक एक बड़ा कर सुधार और एक क्रांतिकारी कदम और उपलब्धि है। उन्होने कहा कि जीएसटी एक राष्ट्र, एक कर की परिकल्पना है। उन्होंने ने कहा केन्द्र और राज्यों के अधिकार कराधान को सबको एक करने के कोशिश की गई है। केन्द्रीय उत्पाद शुल्क अन्य बहुत से उपकर वेल्यू एडीट टेक्स, इंट्री टेक्स और एक राज्य से दूसरे राज्य में गुड्स जाने पर टेक्स देना होता था, अब 01 जुलाई से सब खत्म होकर जीएसटी लागू हो जायेगा और देश में एक कानून हो जायेगा। श्री सिंह ने कहा 16-17 वर्षो से इसकी तैयारी चल रही थी, छोटी-छोटी बारीकियों पर गौर किया गया, चर्चा की गई, 18 बैठके जीएसटी काउंसिल की केन्द्रीय वित्त मंत्री और राज्यों के वित्त मत्रीयों तथा अधिकारियों के साथ हुई। उन्होनें कहा 160 देशों में ऐसा कानून बनाये गये हैं। जीएसटी में आम आदमी को बिन्दु में रखा गया है। 300 वस्तुओं और सेवाओं पर कर की दर समेकित रूप से कम रखी गई है। श्री सिंह ने कहा कि जीएसटी का बीजारोपण तत्कालीन प्रधान मंत्री पं.बाजपेयी के कार्यकाल में हुआ था जो कि अब मूर्तरूप लेने जा रहा है। आयुक्त श्री सिंह ने जीएसटी को लेकर विस्तार से अपनी बात रखते हुये उपजे प्रश्नों का समाधान भी किया।
किसने क्या कहा-
उक्त कार्यशाला में उपायुक्त वाणिज्यिक कर एनएस चौहान ने जीएसटी के बारे में कहा कि एक क्रांतिकारी कदम और उपलब्धि है। इसमें जितनी कठिनाईयां थी उनका समाधान लेकर हम आये हैं, हम सभी के लिए गौरवशाली क्षण है, जुलाई से पूरा देश में एक कानून हो जायेगा। जीएसटी एक राष्ट्र, एक कर की परिकल्पना है। वहीं वरिष्ठ उपायुक्त वाणिज्यिक कर एवं मध्यप्रदेश राज्य जीएसटी के र्सोस पर्सन सुदीप गुप्ता ने कहा जीएसटी में बिजनिस करने पंजीयन जरूरी है जो वेट कर में रजिस्टर्ड है, सेन्टल टैक्स, सर्विस टेक्स में है उनका आटोमेटिक पंजीयन होगा। उन्होंने कहा जिस तरह से काम कर रहे यहां पर मौजूद व्यापारियों और अन्य लोगों के प्रश्न के समाधान किया गया। उक्त कार्यक्रम का शुभारंभ मां वीणापाणी के समक्ष दीप प्रज्जवलन के साथ मंत्री जयंत कुमार मलैया एवं आयुक्त राधवेन्द्र सिंह ने किया। जबकि भाजपा जिला अध्यक्ष देव नारायण श्रीवास्तव, विधायक लखन पटैल, विधायक उमादेवी खटीक, जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण पटैल, नगरपालिका अध्यक्ष मालती असाटी, संचालक वाणिज्यिक कर एनएस मरावी ने सहभागिता की। इस अवसर पर नवोदित निगम विद्या भारद्वाज द्वारा भक्ति गीत और स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया।
एक जुलाई से प्रदेश में कमर्शियल चेक पोस्ट बंद होंगे-
मध्यप्रदेश के व्यापारियां और ट्रांसपोटर्स के लिये एक अच्छी और बड़ी खबर है, अब प्रदेश सरकार एक जुलाई से प्रदेश की तमाम कमर्शिलय टैक्स चेक पोस्ट बन्द करने जा रही है। इस आशय के उद्गार आज प्रदेश के वित्त, वाणिज्यिक कर मंत्री जयंत कुमार मलैया ने जीएसटी सेमीनार अवसर पर व्यक्त किये। मंत्री श्री मलैया ने कहा सरकार के इस कदम का लाभ सूबे के व्यापारियों और ट्रांसपोटर्स को मिलेगा। प्रदेश में फिलहाल कुल 29 कमर्शियल चेक पोस्ट है, जिनमें 3 अस्थाई चौकियां, 2 प्रदेश के एयरपोर्ट पर बनी चौकियां है, और 18 इट्रीगेटेड चौकियां है जो दूसरे विभागों के साथ काम करती है। शेष 24 चौकियां साधारण तौर पर काम करती है। आंकड़े बताते हैं कि बीते वर्ष 2016-17 में इन चौकियों से तकरीबन 22 करोड़ की राजस्व आय हासिल हुई थी जबकि साल, दर साल ये आंकड़ा बढ़ता जाता है। इसके साथ ही सरकार इस बात पर भी विचार कर रही है कि दूसरे विभागों की चेक पोस्ट भी बन्द की जाएं।

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