नई दिल्ली । केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद और उनकी पत्नी लुईस खुर्शीद ने उनके ट्रस्ट पर लगाए जा रहे आरोपों का कड़ा खंडन करते हुए कहा कि आरोपों को गलत साबित करने वाले सबूत संबद्ध मीडिया संस्थानों को मुहैया कराए गए थे, पर उन्होंने इन सबूतों को अहमियत नहीं दी। हालांकि इन सबूतों से अरविंद केजरीवाल संतुष्ट नहीं हुए। उन्होंने कहा कि वह सोमवार को खुर्शीद के खिलाफ और सबूत पेश करेंगे। खुर्शीद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू होते ही सबसे पहले यह साफ कर दिया कि वह किसी सड़क चलते आदमी (इशारा अरविंद केजरीवाल की तरफ था) के सवालों का जवाब नहीं देने वाले। इन सवालों के पीछे गंभीरता नहीं है। मगर, मीडिया के एक हिस्से ने भी ये आरोप लगाए हैं और इसलिए उनका पूरा जवाब देने हम यहां आए हैं। इस्तीफे के मसले पर उन्होंने कहा कि ‘अगर इस मसले पर गलत आरोप लगाने और अपने पाठकों-दर्शकों को बेवकूफ बनाने वाले संस्थान (इंडिया टुडे) के अरुणपुरी ग्रुप के चेयरमैन पद से इस्तीफा देते हैं तो मैं भी इस्तीफा दे दूंगा।’ खुर्शीद ने कहा कि इन तमाम आरोपों से उभरा सबसे बड़ा सवाल सवाल यह है कि सरकार से मिली रकम विकलांग लोगों पर खर्च की गई या नहीं। उन्होंने कहा कि सरकार से सिर्फ 71 लाख रुपए मिले थे, हमने 77 लाख रुपए खर्च किए। उन्होंने कहा कि आरोप यह लगाया जा रहा है कि हमने कैंप आयोजित नहीं करवाए। खुर्शीद ने रामपुर, एटा, सिद्धार्थनगर, मुरादाबाद में कैंपों की तस्वीरें दिखाईं। एटा के कैंप का उद्घाटन खुद मैंने किया था। जिस अधिकारी के हवाले से आरोप लगाए जा रहे हैं, उस अधिकारी (जे बी सिंह) की कैंपों में मौजूदगी वाली तस्वीरें भी सलमान खुर्शीद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखाईं।