बिहार बंद का व्यापक असर, लालू-रामविलास गिरफ्तार

बिहार में नीतीश सरकार के खिलाफ़ विपक्षी दलों की ओर से सोमवार को बुलाए गए ‘बिहार बंद’ का राज्य भर में ख़ासा असर देखा जा रहा है.

कई जगहों पर रेल सेवाएं ठप्प हो गई हैं और सड़क यातायात में भी बाधित हुई है. राज्य के प्रमुख शहरों में अधिकांश व्यावसायिक और शैक्षणिक संस्थान बंद हैं.

मधुबनी ज़िले में हाल ही पुलिस फायरिंग में दो छात्रों की मौत के बाद लोगों के भड़के गुस्से को देखते हुए सबसे पहले भाकपा- माले समेत अन्य वामपंथी दलों ने बंद का आह्वान किया.

बाद में दूसरे विपक्षी दल भी इसमें शामिल हो गए.

सोमवार सुबह से ही बड़ी संख्या में बंद समर्थक सड़कों पर उतरने लगे. दरभंगा, जहानाबाद, नालंदा, पटना और मधुबनी ज़िले समेत कई स्थानों पर लोग रेल पटरियों पर जमा हो गए थे.

इस कारण राज्य के अनेक रेलमार्गों पर ट्रेन का आना-जाना रुक गया. कहीं-कहीं जबरन बंद कराने वाले जत्थों ने तोड़फोड़ भी की है. यहां से भारी संख्या में बंद समर्थकों को गिरफ्तार किया गया है.

एकजुट विपक्ष

बाद में लालू प्रसाद यादव के राष्ट्रीय जनता दल और रामविलास पासवान की लोक-जनशक्ति पार्टी समेत अन्य सभी विपक्षी दल इस बंद के आयोजन में शामिल हो गए.

बंद के समर्थन में पटना के डाकबंगला चौराहे पर पहुंचे आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने कहा, ”मधुबनी गोली कांड के लिए सीधे तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ज़िम्मेदार हैं. क्योंकि उन्हीं की शह पर वहां गोलियां चलाई गईं और दो छात्रों की हत्या कर दी गई. अब मुख्यमंत्री न्यायिक जांच कराने का ढोंग कर रहे हैं.”

चौराहे पर भाषण दे रहे लालू प्रसाद यादव के साथ-साथ आरजेडी के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर के वहां से हटाया गया.

इससे ठीक पहले बंद के समर्थन में आए लोकजनशक्ति पार्टी के नेता रामविलास पासवान को भी पुलि

स ने गिरफ्तार कर लिया.

पटना में सड़कों पर एक बड़े जुलुस की शक्ल में निकले भाकपा-माले के कार्यकर्ता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ख़िलाफ़ नारे लगा रहे थे.

पार्टी के राज्य सचिव कुणाल ने बीबीसी से कहा ”नीतीश कुमार खुद और उनके पुलिस प्रशासन के लोग लोकतांत्रिक जन प्रतिरोध को कुचलने में जुट गए हैं. राज्य में अपराध और भ्रष्टाचार को इस सरकार ने बेक़ाबू छोड़ दिया है. इसलिए आज बिहार का पूरा विपक्ष इस जनविरोधी सरकार की बर्खास्तगी की मांग लेकर सड़क पर उतरा है, और आम जनता ने बंद को कामयाब बनाया है.”

उधर सत्ता पक्ष के नेताओं ने इस बंद को विफल करार देते हुए आरोप लगाया है कि विरोधी दलों के बेअसर हो चुके नेता अब निराश होकर राज्य में बेवजह अशांति पैदा करने में जुट

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