सोनिया गांधी के दामाद पर लगे आरोपों की जांच करने वाले वरिष्ठ अधिकारी अशोक खेमका का हरियाणा सरकार द्वारा तबादला किए जाने पर अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा को कठघरे में खड़ा किया है। उन्होंने कहा है कि खेमका को उनकी ईमानदारी की कीमत चुकानी पड़ी, क्योंकि उन्होंने डीएलएफ-वाड्रा के जमीन सौदों की जांच करने के आदेश दिए थे। वहीं भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने भी कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार वाड्रा को बचाने का भरपूर प्रयास कर रही है। जबकि इस मामले पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि तबादले करना सरकार का काम है।
अशोक खेमका ने डीएलएफ-वाड्रा के बीच हुई एक डील को रद कर दिया था। वह लैंड रजिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट में तैनात थे और वाड्रा-डीएलएफ के बीच हुए 58 करोड़ रुपये के जमीन के सौदों की जांच कर रहे थे। खेमका बेहद तेजतर्रार अधिकारी के तौर पर जाने जाते हैं। तबादले पर गहरी नाराजगी जताते हुए खेमका ने कहा कि वह जमीर बेचकर नौकरी नहीं कर सकते। तबादले को लेकर खेमका द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि तबादला करना सरकार का काम है। उन्होंने कहा कि वह अशोक खेमका के आरोपों की जांच अवश्य कराएंगे।
उन्होंने कहा कि पिछले 21 वर्षो में उनका चालीस बार तबादला किया जा चुका है। उन्होंने आरोप भी लगाया कि सभी सरकारें एक ही तरह की होती हैं। उन्होंने कहा कि इक्कीस वर्षो की सर्विस में उन्होंने पहली बार प्रमुख सचिव को इस तबादले के खिलाफ लिखा है। उन्होंने कहा कि ऐसा उन्होंने तब किया जब पानी सर से ऊपर चला गया है।
अधिकारियों के तबादले के आदेश 11 अक्टूबर को दिए गए थे। इस पर अरविंद केजरीवाल ने ट्विट कर हरियाणा के मुख्यमंत्री से पूछा है कि आखिर उन्होंने खेमका के तबादले का कदम क्यों और किसके कहने पर उठाया। खेमका के तबादले पर भाजपा ने भी कांग्रेस पर निशाना साधा है। भाजपा नेता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि वाड्रा जिस तर्ज पर भारत को बनाना रिपब्लिक कह रहे हैं वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं।
गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल ने वाड्रा पर डीएलएफ के साथ मिलकर जमीन खरीदने का आरोप लगाया था। केजरीवाल ने कहा था कि डीएलएफ ने अपने हितों को साधने के लिए वाड्रा के साथ यह साठगांठ की है। उन्होंने इसमें बड़े लोगों का हाथ होने का भी आरोप लगाया था।
खेमका ने इस तबादले पर अपना विरोध दर्ज कराया है। हालांकि उन्होंने कहा कि उनके पास इस आदेश को मानने के अलावा और दूसरा कोई विकल्प नहीं है। खेमका लैंड कंसोलिडेशन एंड लैंड रिकार्ड में डायरेक्टर जनरल के पद पर तैनात थे। 15 अक्टूबर को उन्होंने अपने ऑफिस में अंतिम दिन बिताया।
अशोक खेमका ने अरविंद केजरीवाल द्वारा वाड्रा-डीएलएफ के रिश्तों पर उठाए गए सवालों पर कार्यवाही करते हुए जांच करने की शुरुआत की थी। माना जा रहा है कि इसके ही नतीजे में खेमका का तबादला किया गया है। गौरतलब है कि हरियाणा में कांग्रेस की ही सरकार है।