जदयू अध्यक्ष व राजग के संयोजक शरद यादव ने कहा है कि दलित लड़कियों से दुष्कर्म करने वाले या उनका शोषण करने वालों के हाथ-पैर तोड़ देना चाहिए।
यादव ने यहां चौधरी देवीलाल के जन्मदिवस पर आईएनएलडी द्वारा आयोजित रैली को संबोधित करते हुए कहा कि खाप राज्य की महिलाओं की सुरक्षा करने में नाकामयाब रहा है। उन्होंने कहा कि खाप बढ़ रही दुष्कर्म की घटनाओं पर बेतुकी टिप्पणिया करने के बजाय उनके खिलाफ कोई ठोस कदम उठाए।
गौरतलब है कि पिछले महीने ही खाप पंचायत के एक नेता ने हरियाणा में बढ़ रही दुष्कर्म की घटनाओं के मद्देनजर लड़कियों की शादी की उम्र 18 वर्ष से कम करके 16 वर्ष करने की माग की थी।
यादव ने इस पर कहा कि यह बहुत हैरानी की बात थी कि खाप पंचायतों ने ऐसे बेतुके सुझाव दिए, लेकिन लड़कियों और दलितों की सुरक्षा के बारे में कोई बात नहीं की। उन्होंने कहा कि खाप को यह ऐलान कर देना चाहिए कि वे दलित लड़कियों के साथ दुष्कर्म करने वाले या उनका शोषण करने वाले के हाथ-पाव तोड़ देंगे।
शरद को रास नहीं आई सुनंदा पर मोदी की टिप्पणी
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और महासचिव राहुल गांधी पर लगे आरोपों को भाजपा ने भले ही हाथों हाथ लिया हो, लेकिन राजग संयोजक व जदयू अध्यक्ष शरद यादव को इस पर टिप्पणी तक करना मंजूर नहीं है। उन्होंने केंद्रीय राज्य मंत्री शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी की टिप्पणी पर जरूर आपत्ति जताई।
किसी का नाम लिए बगैर शरद ने शुक्रवार को यहां कहा, ‘औरत और मर्द के बीच रजामंदी के सारे रिश्ते जायज होते हैं। राजनीतिक बहस में मां, बहन, और बेटी को तभी केंद्र में लाना चाहिए जब बात उनकी बेहतरी की हो रही हो, अन्यथा कोई टिप्पणी गैरवाजिब है।’ राजनीतिक दलों की साख पर लगाए जा रहे सवालों से नाराज शरद ने एक साथ सबको सीख दी। उन्होंने कहा, मर्यादा हर जगह होनी चाहिए। मीडिया को भी इसका पालन करना चाहिए और यह ध्यान रखना चाहिए कि राजनीतिक दलों में बड़ी संख्या सच्चे लोगों की है जो जनसेवा करते हैं।
भ्रष्टाचार के खिलाफ भी संसद की ओर से ही बड़ा कदम उठा है। संसद ने ही कई सदस्यों की सदस्यता खत्म कर दी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बिना सुबूत वह राहुल और सोनिया पर लगाए गए आरोपों पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते।
