शहीद चंद्रशेखर आजाद बलिदान दिवस पर हजारों बच्चों को जीवनी से परिचय कराया

पलेरा टीकमगढ़ 27 फरवरी 20 18 को भारत के महान सपूत शहीद चंद्रशेखर आजाद के बलिदान दिवस पर पलेरा ब्लॉक के शासकीय माध्यमिक विद्यालय आलमपुरा में एक संगोष्ठी का आयोजन बुंदेलखंड के समाजसेवी संतोष गंगेले कर्मयोगी के मुख्य तत्व आयोजन किया गया इस अवसर पर संस्था के प्रमुख प्रधानाध्यापक श्री सियाराम अहिरवार अपने संस्था में पधारें अतिथि का सर्वप्रथम स्वागत किया तथा छात्र छात्राओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत किए कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि संतोष गंगेले ने संस्था की होनहार बेटियों का कन्या पूजन एवं माला पहनाकर ज्ञानवर्धक साहित्य सामग्री दी उनका सम्मान किया !
शहीद चंद्रशेखर आजाद का जन्म भाबरा गाँव (अब चन्द्रशेखर आजादनगर) (वर्तमान अलीराजपुर जिला) में २३ जुलाई सन् १९०६ को हुआ था। उनके पूर्वज बदरका (वर्तमान उन्नाव जिला) से थे। आजाद के पिता पण्डित सीताराम तिवारी संवत् १९५६ में अकाल के समय अपने पैतृक निवास बदरका को छोड़कर पहले कुछ दिनों मध्य प्रदेश अलीराजपुर रियासत में नौकरी करते रहे फिर जाकर भाबरा गाँव में बस गये। यहीं बालक चन्द्रशेखर का बचपन बीता। उनकी माँ का नाम जगरानी देवी था। आजाद का प्रारम्भिक जीवन आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में स्थित भाबरा गाँव में बीता अतएव बचपन में आजाद ने भील बालकों के साथ खूब धनुष बाण चलाये। इस प्रकार उन्होंने निशानेबाजी बचपन में ही सीख ली थी। बालक चन्द्रशेखर आज़ाद का मन अब देश को आज़ाद कराने के अहिंसात्मक उपायों से हटकर सशस्त्र क्रान्ति की ओर मुड़ गया। उस समय बनारस क्रान्तिकारियों का गढ़ था। वह मन्मथनाथ गुप्त और प्रणवेश चटर्जी के सम्पर्क में आये और क्रान्तिकारी दल के सदस्य बन गये। क्रान्तिकारियों का वह दल “हिन्दुस्तान प्रजातन्त्र संघ” के नाम से जाना जाता था। उनका निधन 23 फरबरी 1931 को इलाहाबाद में स्वंम की गोली से गया है। संस्था की छात्रा कुमारी वंदना कुशवाहा सोमवती पाल नीलम अहिरवार स्वच्छ भारत बेटी बचाओ नशा मुक्ति पर एवं कुमारी सपना अहिरवार ने पर्यावरण वृक्षारोपण पर अति उत्तम गीत गाए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संतोष गंगेले ने शहीद चंद्रशेखर आजाद की जीवनी पर एवं उनके कार्यों पर प्रकाश डाला उनके राष्ट्रभक्ति समाज सेवा और सशक्त आंदोलन कार्य करने पर विस्तार से बच्चों को बताया संस्था प्रमुख आभार व्यक्त किया तत्पश्चात सामाजिक कार्यकर्ता संतोष गंगेले आलम पुरा से होकर पड़वा प्राथमिक पाठशाला पहुंचे जहां संस्था में उपस्थित श्री कौशल कुमार रिछारिया स्वागत किया अतिथि संतोष गंगेले ने बेटियों का सम्मान किया इसी प्रकार शासकीय माध्यमिक शाला बन्ने बुजुर्ग पलेरा में चंद्रशेखर आजाद के बलिदान दिवस पर बच्चों को उनके जीवन पर प्रकाश डाला गया संस्था के प्रधानाध्यापक श्री तुलसीदास जी अहिरवार समाजसेवी संतोष गंगेले के जीवन के बारे में बच्चों को बताया कार्यालय प्रधानाध्यापक शासकीय प्राथमिक पाठशाला आदिवासी मुहाल पचेर टीकमगढ़ मैं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ स्वच्छ भारत अभियान नैतिक शिक्षा भारतीय संस्कृति पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन सामाजिक कार्यकर्ता संतोष गंगेले ने अपने विचार रखते हुए बच्चों को जीवन जीने की कला एवं परीक्षा में तैयारी कैसे करें विस्तार से बताया इस संस्था में कुमारी रूपा सौर श्री गीता आदिवासी कुमारी पूना आदिवासी का स्वागत और सम्मान किया संस्था के प्रधान अध्यापक श्री नारायण दास यादव शिक्षक श्री प्रेम नारायण शर्मा शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता की सराहना की शहीद चंद्रशेखर आजाद के बलिदान दिवस पर विभिन्न शिक्षण संस्थाओं में आज उनके बलिदान दिवस को याद किया गया लगभग 2,000 से अधिक बच्चों को सामाजिक कार्यकर्ता संतोष गंगेले ने परीक्षा में भयमुक्त होकर सकारात्मक विचारों के साथ परीक्षा देने राष्ट्र के विकास में बच्चों को बौद्धिक विकास के साथ उत्तम ज्ञान अर्जित कराने पर विभिन्न नैतिक शिक्षा की कहानियां और अनुभव बता कर उनको तैयार किया

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