दिल्ली में धुंध, यूपी-पंजाब जिम्मेदार

दिल्ली में धुंध छंटने का नाम नहीं ले रही है। गुरुवार सुबह भी दिल्ली और आस-पास के इलाकों में धुंध की मोटी चादर छाई रही। हालांकि, मौसम विभाग का मानना है कि आने वाले एक-दो दिनों में हिमाचल और पंजाब से ऐसी हवाएं चलेंगी जिससे तापमान गिरने के साथ धुंध छंट जाएगी। इस धुंध की वजह से लोगों को सांस लेने में दिक्कत आ रही है। इससे पहले मौसम विभाग ने कहा था कि बुधवार शाम तक धुंध कम हो जाएगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

उधर, दिल्ली सरकार ने राजधानी में बीते कई दिनों से जारी धुंध की स्थिति के लिए पड़ोसी राज्यों-हरियाणा, पंजाब व उत्तर प्रदेश को जिम्मेदार ठहराया है। सरकार ने राजधानी में वायु प्रदूषण की स्थिति के अध्ययन के लिए आइआइटी कानपुर के विशेषज्ञों को नियुक्त करने का फैसला भी किया है।

दिल्ली मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई बैठक में इस मुद्दे पर गहरी चिंता व्यक्त की गई। मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने कहा कि पड़ोसी राज्यों के खेतों में धान के पुआल को जलाए जाने से राजधानी में धुंध की स्थिति बनी है। उन्होंने इस मामले को केंद्र सरकार के समक्ष उठाने की बात कही है। यह भी कहा है कि एनसीआर योजना बोर्ड को भी इस बारे में चिट्ठी भेजी जाएगी। उन्होंने पड़ोसी राज्यों से एक्सप्रेस-वे का काम जल्द से जल्द पूरा करने का आग्रह भी किया है, ताकि भारी वाहन दिल्ली शहर में प्रवेश किए बगैर ही अपने गंतव्य को पहुंच सकें। मुख्यमंत्री ने दिल्ली के लोगों से यह आग्रह भी किया है कि वे दीवाली के मौके पर आतिशबाजी से बचें, क्योंकि प्रदूषण की वजह से राजधानी पहले ही परेशान है। उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण के स्त्रोतों में कोई वृद्धि नहीं हुई है।

बैठक में मौजूद दिल्ली सरकार के पर्यावरण विभाग के सचिव ने बताया कि हवा की धीमी गति, कम तापमान और अधिक उमस से ऐसी स्थिति है। उन्होंने मुख्यमंत्री व अन्य मंत्रियों को बताया कि धुंध बनी होने से नाइट्रोजन आक्साइड जैसे प्रदूषक तत्वों की परत नहीं हटने पा रही है।

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