नेषनल लोक अदालतः बिजली चोरी एवं अनियमितताओं के प्रकरण के होंगे समझौते

विदिषा(ष.) अप्रैल म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी (संचा./संधा.) संभाग विदिषा में आज नेषनल लोक अदालत में बिजली चोरी एवं अनियमितताओं के प्रकरण को समझौते के माध्यम से निराकृत किया जाएगे। कंपनी द्वारा विद्युत उपभोक्ताओं एवं उपयोगकर्ताओं से अपील की गई हैं कि वे अप्रिय कानूनी कार्यवाही से बचने के लिए अदालत में समझौते करने के लिए संबंधित बिजली कार्यालय से संपर्क करें।
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135,138 तथा 126 के तहत दर्ज बिजली चोरी एवं अनियमितताओं के प्रकरणों में लोक अदालत में समझौते शर्तो का मसौदा जारी कर दिया गया हैं।
कंपनी द्वारा यह निर्णय लिया गया हैं कि धारा 135 व 138 के न्यायालयों में लंबित प्रकरण एवं जो प्रकरण न्यायालय में दर्ज नही हो सके हैं तथा धारा 126 के अंतर्गत बनाये गये ऐसे प्रकरण जिनमें उपभोक्ताओं द्वारा अपीलीय कमेटी के समक्ष आपत्ति/अपील प्रस्तुत नही की गई हैं, की प्रीलीटिगेषन के माध्यम से निराकरण के लिये निम्नदाब श्रेणी के समस्त घरेलू, समस्त कृषि, 5 किलोवॉट तक के गैर घरेलू एवं 10 अष्व शक्ति भार तक के ओद्योगिक उपभोक्ताओं को छूट दी जाएगी।
प्रिलिटिगेषन स्तर पर- कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राषि पर 40 प्रतिषत एवं आंकलित राषि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेष जारी होने की तिथि 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पष्चात छः माही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिषत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राषि पर 100 प्रतिषत की छूट दी जाएगी।
न्यायालयीन लंबित प्रकरणों में- कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राषि पर 25 प्रतिषत एवं आंकलित राषि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेष जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात प्रत्येक छः माही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिषत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राषि पर 100 प्रतिषत छूट दी जाएगी।
कंपनी ने कहा हैं कि लोक अदालत में छूट कुछ नियम एवं शर्तो के तहत दी जाएगी।
ऽ आवेदक को निर्धारित छूट के उपरांत शेष बिल आंकलित सिविल दायित्व एवं ब्याज क राषि का एकमुष्त भुगतान करना होगा।
ऽ उपभोक्ता/उपयोगकर्ता को विचाराधीन प्रकरण वाले परिसर एवं अन्य परिसरों पर उसके नाम पर किसी अन्य संयोजन/संयोजनों के विरूद्ध विद्युत देयकों की बकाया राषि का पूर्ण भुगतान भी करना होगा।
ऽ आवेदक के नाम पर कोई वैध कनेक्षन न होने की स्थिति में छूट का लाभ प्राप्त करने हेतु आवेदक द्वारा वैध कनेक्षन प्राप्त करना एवं पूर्व में विच्छेदित कनेक्षनों के विरूद्ध बकाया राषि (यदि कोई हो) का पूर्ण भुगतान किया जाना अनिवार्य होगा।
ऽ नेषनल लोक अदालत में छूट आवेदक द्वारा विद्युत चोरी/अनाधिकृत उपयोग पहली बार किये जाने की स्थिति में ही दी जाएगी। विद्युत चोरी /अनाधिकृत उपयोग के प्रकरणों में पूर्व की लोक अदालत/ अदालतो मे छूट प्राप्त किये उपभोक्ता/उपयोगकर्ता छूट के पात्र नही होगें।
ऽ सामान्य बिजली बिलों में जुडी वकाया राषि पर कोई छूट नही दी जाएगी।

यह छूट मात्र नेषनल लोक आदलत/मेगा लोक अदालत 22 अप्रैल 2018 को समझौते करने के लिये लागू रहेगी।

उपमहाप्रबंधक(संचा./संधा.)
म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि.विदिषा

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