भगवान महावीर अहिंसा दर्शन से ही विश्व का कल्याण संभव है – उपराष्ट्रपति

नई दिल्ली, 16 अप्रैल 2019: भगवान महावीर जयंती के उपलक्ष मे आज भारत के उपराष्ट्रपति महामहिम श्री वैकैया नायडू ने अपने निवास स्थान पर प्रख्यात जैन आचार्य लोकेश मुनि के नेतृत्व मे एक जैन शिष्ठ मण्डल से भेंट करते हुये कहा कि भगवान महावीर के अहिंसा शांति और सद्भावना के संदेश की जितनी अधिक जरूरत उस समय मे थी उससे अधिक प्रासंगिकता वर्तमान समय में है | उन्होने कहा कि भगवान महावीर के अहिंसा दर्शन से ही विश्व का कल्याण संभव है | आचार्य लोकेश ने महामहिम उपराष्ट्रपति को भगवान महावीर का चित्र भेंट किया |

उपराष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहा कि अहिंसक व शांतिप्रिय जैन समाज का राष्ट्र निर्माण मे महत्वपूर्ण योगदान है| वर्तमान मे विश्व जनमानस को जैन दर्शन अपनाने की आवश्यकता है | उन्होने कहा आचार्य लोकेश जी, भगवान महावीर के दर्शन को दुनिया भर में फ़ैलाने के लिए कार्य कर रहे है यह बेहद प्रशंसनीय है| वे केवल जैन धर्म को ही नहीं समूची भारतीय संस्कृति को विश्व भर मैं फैला रहे है|

इस अवसर पर अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक जैन आचार्य लोकेश ने महावीर दर्शन का उल्लेख करते हुये कहा कि मौजूदा समय मे विश्व तीन प्रमुख समस्याओं से जूझ रहा है, ग्लोबल वार्मिग और जलवायु परिवर्तन, हिंसा और आतंकवाद, असमानता और गरीबी। इन तीनों समस्याओं का समाधान भगवान दर्शन मे प्रस्तुत है |

आचार्य लोकेश ने कहा कि हिंसा और आतंकवाद से आज समूचा विश्व प्रभावित है किन्तु हिंसा और आतंकवाद किसी समस्या का समाधान नहीं | हिंसा प्रतिहिंसा को जन्म देती है भगवान महावीर के अहिंसा और असंग्रह दर्शन से इसका समाधान मिल सकता है | पर्यावरण प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग से पूरा विश्व चिंतित है | भगवान महावीर ने कहा कि पानी, वनस्पति, खनिज आदि का अन्धाधुन उपयोग नहीं करना चाहिए | भगवान महावीर का ‘संयम और त्याग’ का सिद्धांत पर्यावरण संरक्षण के लिए बहुत उपयोगी है | भगवान महावीर ने ट्रस्टी शिप की बात की जिससे असमानता और गरीबी का समाधान संभव है | उन्होंने बताया कि अभाव और अत्यधिक उपलब्धता दोनों ही हानिकारक हैं | आज के समय में धन पर कुछ ही लोगों का अधिकार बढ़ती हुई असहिष्णुता का एक कारण है |

जैन शिष्ठ मण्डल में अहिंसा विश्व भारती फ़ाउंडेशन अमेरिका के चेयरमैन श्री अनिल मोंगा, जैन समाज के वरिष्ठ नेता श्री सुभाष ओसवाल, श्री मनोज जैन, श्री ललित गर्ग। अमेरिका केलिफोर्निया से श्री सुखी चहल, श्री अमरिंदर धीमान, उपस्थित थे|

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