जेठमलानी को भाजपा आज दिखाएगी बाहर का रास्ता

अपने बयानों से लगातार भाजपा को मुसीबत में डाल रहे राज्यसभा सदस्य राम जेठमलानी को पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने रविवार देर शाम पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया। पार्टी से उनके निष्कासन के फैसले पर भाजपा संसदीय बोर्ड सोमवार को मुहर लगा देगा।

भाजपा मान रही है कि जेठमलानी के बयानों से कांग्रेस को फायदा पहुंचा है। पार्टी ने इसे अनुशासनहीनता माना है। जेठमलानी ने रविवार को भी पार्टी नेतृत्व को चुनौती देने वाला बयान दिया कि किसी में कूवत नहीं कि उनके खिलाफ कार्रवाई कर सके।

पार्टी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने देर रात जेठमलानी के निलंबन की घोषणा करते हुए कहा, पार्टी संविधान से चलती है और मानती है कि जेठमलानी ने पार्टी का नुकसान किया है। इसका पार्टी अध्यक्ष गडकरी ने सख्ती से संज्ञान लिया है और उनकी सदस्यता निलंबित कर दी है।

भाजपा संविधान के मुताबिक राष्ट्रीय अध्यक्ष को पार्टी के किसी भी सदस्य की सदस्यता निलंबित करने का अधिकार है। चूंकि जेठमलानी सांसद हैं, इसलिए उनके निष्कासन का अधिकार संसदीय बोर्ड को है। गडकरी ने संसदीय बोर्ड से इसकी सिफारिश कर दी है।

बार-बार पार्टी रुख से इतर बयान देकर भाजपा को मुसीबत में डालने वाले जेठमलानी ने शनिवार को सीबीआइ निदेशक के रूप में रंजीत सिन्हा की नियुक्ति के सरकार के फैसले को सही ठहराकर भाजपा के लिए बड़ी समस्या खड़ी कर दी। उन्होंने कहा था कि रंजीत सिन्हा की नियुक्ति एकदम सही है और भाजपा को इसका विरोध नहीं करना चाहिए। जबकि, इस नियुक्त के खिलाफ पार्टी के वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज और अरुण जेटली प्रधानमंत्री को पत्र लिख चुके हैं।

जेठमलानी के विरोधी स्वर सामने आने के बाद पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता भी उसी लाइन पर बयान दे रहे थे। नेतृत्व को पार्टी के भीतर इस तरह की बयानबाजी बढ़ते जाने को लेकर भी चिंता थी।

जेठमलानी पर कार्रवाई कर भाजपा ने यशवंत सिन्हा और शत्रुघ्न सिन्हा समेत उन सभी नेताओं को सख्त संकेत दे दिए हैं जो नेतृत्व की आलोचना करते रहते हैं। जेठमलानी ने इससे पहले नितिन गडकरी के इस्तीफे की भी मांग की थी। उनके बेटे महेश जेठमलानी ने भी गडकरी पर निशाना साधा था।

जबकि, यशवंत सिन्हा और शत्रुघ्न सिन्हा ने गडकरी को विवादों को खत्म करने के लिए इस्तीफे की सलाह दी थी। शत्रुघ्न ने शनिवार को पटना में कहा था कि जेठमलानी और यशवंत सिन्हा की ओर से उठाए गए मुद्दे [गडकरी का इस्तीफा] पर गंभीरतापूर्वक विचार होना चाहिए। रविवार को उन्होंने सीबीआइ निदेशक की नियुक्ति पर जेठमलानी के बयान का समर्थन किया।

आडवाणी अंधेरी सुरंग में रोशनी की लकीर: शत्रुघ्न

पटना [जाब्यू]। भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा [बिहारी बाबू] ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी से इस्तीफा मांग बवाल मचा दिया है। रविवार को भी उन्होंने लालकृष्ण आडवाणी को प्रधानमंत्री पद का सबसे योग्य उम्मीदवार बताया। सिन्हा ने पटना में कहा कि आडवाणी अटल बिहारी वाजपेयी की तरह अंधेरी सुरंग में रोशनी की लकीर हैं।

‘बिहारी बाबू’ ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी प्रधानमंत्री पद के लिए सक्षम उम्मीदवार हैं, लेकिन उम्मीदवार का चयन संख्या बल को ध्यान में रखकर किया जाएगा। इसके बाद सिन्हा ने कहा कि उन्हें किसी अनुशासनात्मक कार्रवाई का डर नहीं। कहा, ‘मैं अब सीनियर हो गया हूं। मैंने कभी मर्यादा का उल्लंघन नहीं किया है। सच बोलने पर सजा नहीं मिलती। भाजपा में आडवाणी, यशवंत सिन्हा, राम जेठमलानी, सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, नरेंद्र मोदी जैसे कई नेता हैं, लेकिन आडवाणी सबसे बेहतर हैं। उनकी दृष्टि, व्यापक अनुभव व स्वच्छ छवि उन्हें सबसे बेहतर उम्मीदवार बनाती है। पार्टी के लिए यह बेहतर रहेगा कि 2014 के आम चुनाव से पहले प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा कर दी जाए।’

रंजीत सिन्हा के सीबीआइ निदेशक बनाए जाने के मामले में भी उन्होंने राम जेठमलानी का पक्ष लेते हुए कहा कि इस मामले में किसी प्रकार का विवाद बेबुनियाद है। उनका चयन सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित कमेटी की अनुशंसा पर किया गया है, जिस पर मुख्य सतर्कता आयुक्त ने भी मुहर लगाई है।

पार्टी फोरम पर कही जाए बात : सुशील मोदी

शत्रुघ्न के बदले हुए तेवर व बयानबाजी पर रविवार को बिहार के कई भाजपा नेताओं ने उन्हें घेरा। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सीबीआइ निदेशक पद पर रंजीत सिन्हा की नियुक्ति के मामले में जिसे भी, जो कुछ भी कहना हो वह पार्टी फोरम पर कहे। पशुपालन एवं मत्स्य संसाधन मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री कौन बने, यह मामला तो राजग तय करेगा। गडकरी इस्तीफा इसलिए दें कि वह व्यवसाय करते हैं, यह मांग करना गलत है। नियम कानून से बिजनेस करना कोई गुनाह नहीं है।

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