मुस्लिम धर्मगुरूओं ने पांच एकड़ जमीन मिलने पर जताई खुशी

संजय सक्सेना,लखनऊ
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या के रौनाही में पांच एकड़ जमीन देने के प्रस्ताव की घोषणा पर शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड सहित तमाम मुस्लिम धर्म गुरूओं और बुद्धिजीवियों और ने खुशी जताते हुए इसे सामाजिक सौहार्द के योगी सरकार का बड़ा कदम बताया। लखनऊ ऐशबाग के ईदगाह इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर निर्माण के लिए केंद सरकार को निर्देश दिया था। सरकार ने तीन महीने के अंदर मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट को कैबिनेट की मंजूरी देकर वर्षो से चले आ रहे एक मुद्दे का अंत कर दिया है।मंदिर-मस्जिद विवाद में अभी तक बहुत सियासत हो चुकी है, पीएम के एलान के बाद इस मुद्दे पर अब किसी को सियासत का मौका नही मिलेगा।
उधर,शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने कहा कि मोदी सरकार ने अपनी जिम्मेदारी निभाई। सरकार ने हिन्दू भाइयो को मंदिर निर्माण का रास्ता साफ करके उनका हक दिया। बाबरी मस्जिद का निर्माण मीर बाकिर ने कराया था, जो शिया थे। इसलिए जो जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड को मिली वो शिया वक्फ बोर्ड को मिलनी चाहिए थी। शियो ने इसके लिए कभी आवाज नही उठाई, सिया वक्फ बोर्ड ने कोर्ट में अपनी बात रखी लेकिन 71 साल की देरी हो चुकी थी। इसकी वजह से सुन्नी वक्फ बोर्ड को जमीन मिली। जो अगर शिया वक्फ बोर्ड को मिलती तो बोर्ड स जमीन पर दूसरा राम मंदिर का निर्माण करता। वहीं शिया मरकजी चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास नकवी ने बताया कि कोर्ट के फैसले के बाद केंद्र सरकार ने 3 महीने का टाइम मांगा था, सरकार ने उस टाइम के अंदर मंदिर निर्माण का फैसला कर कैबिनेट की मंजूरी दे दी। राम मंदिर निर्माण के लिए हमारी शुभकामनाए। मंदिर निर्माण ट्रस्ट में जिन हिन्दू संगठनों ने शामिल होने का दावेदारी पेश की थी, उनको भी शामिल किया जाए। ताकि भविष्य में मंदिर निर्माण में कोई और विवाद न हो। सभी संगठनों को ट्रस्ट में शामिल करके एकजुट होकर मंदिर का निर्माण किया जाना चाहिए। मौलाना सैफ अब्बास कहते हैं,‘सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार सब कुछ किया गया है। इसमें हम ट्रस्ट के लिए सभी को गुडलक कहेंगे। ट्रस्ट में जितने लोग हैं, उनमें असंतोष है। इसके अलावा चुनाव के वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान कर दिया है। यदि वह दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद इसकी घोषणा करते तो ज्यादा बेहतर होता। आज सब यही कह रहे हैं कि दिल्ली के चुनाव में धु्रवीकरण के लिए पीएम मोदी ने ऐसा किया है। राम मंदिर ट्रस्ट के गठन की टाइमिंग पर सवाल असदुद्दीन ओवैसी ने भी उठाया है।
इस पर बाबरी मस्जिद के प्रमुख पक्षकार इकबाल अंसारी ने मुस्लिम वर्ग द्वारा ट्रस्ट के गठन की टाइमिंग पर सवालों को लेकर कहा कि हमारे यहां इतने राज्य हैं कि हर वक्त चुनाव होना लाजमी है। ऐसे में ट्रस्ट के गठन के वक्त को लेकर तो कोई सवाल ही नहीं बनता है। दूसरी चीज यह कि मंदिर के लिए ट्रस्ट का गठन कर दिया गया है अब जल्द से जल्द निर्माण कार्य होना चाहिए। दरअसल, निर्माण कार्य में जितनी देरी होगी उतना अधिक राजनीति बढ़ेगी जो कि सही नहीं है।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वरिष्ठ कार्यकारिणी सदस्य मौलाना यासीन उस्मानी ने मंत्रिमंडल के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बोर्ड, उससे जुड़ी प्रमुख तंजीमों और लगभग सभी मुसलमानों का फैसला है कि हम अयोध्या में मस्जिद के बदले कोई और जमीन नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड मुसलमानों का नुमाइंदा नहीं है। वह सरकार की संस्था है। बोर्ड अगर जमीन लेता है तो इसे मुसलमानों का फैसला नहीं माना जाना चाहिए।
गौरतलब हो, सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल नौ नवंबर को अपने ऐतिहासिक निर्णय में अयोध्या के विवादित स्थल पर राम मंदिर निर्माण करने और मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही पांच एकड़ जमीन मस्जिद निर्माण के लिये देने का आदेश दिया था.

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