‘द घोस्‍ट मैन’: कहानीकार सुधांशु राय द्वारा रचित रहस्य और रोमांच से भरपूर एक कहानी

एक शाही घोड़ा गाड़ी, लंबा ओवरकोट और हैट पहने एक कोचमैन, और ऊंचे व बलिष्‍ठ पेड़ों से घिरी एक विशाल हवेली – यह पूरा दृश्‍य किसी अंग्रेज़ी ड्रामा सीरीज़ की तरह लगता है जिसके मूल में कोई साम्राज्‍य, सम्राट या सम्राज्ञी हैं। लेकिन यह पूरा मंज़र किसी डरावनी फिल्‍म का भी हो सकता है जो आपके कलेजे को चीरते हुए उसमें भीतर तक सनसनाहट पैदा कर सकता है। अब एक तीसरे विकल्‍प पर विचार कीजिए जिसमें डर और जासूसी का मेल हो सकता है। कहानीकार सुधांशु राय की ताज़ातरीन पेशकश – ‘द घोस्‍ट मैन’ कहानी कहने की उस विधा का शानदार उदाहरण है, जिस तक बहुत कम कहानीकार पहुंच पाए हैं। यह हिंदी कहानी आपको भारत के पूर्वोत्‍तर के सफर पर ले जाती है, जो दरअसल, खूबसूरत नज़ारों से भरा-पूरा इलाका है।

कहानी सिक्किम के एक सुदूर इलाके में घटती है, जो गैंगटोक से करीब 300 किलोमीटर दूर है। इसमें दो लकड़हारे – सिबु और रहमान – प्रमुख किरदार हैं। ये दोनों करीब एक महीने पहले ही रोज़गार की तलाश में इस तरफ आए थे। एक दिन, दोनों जंगल में लकड़‍ियां काट रहे थे और तभी मौसम करवट लेता है। सिबु को जाने क्‍या महसूस होता है कि वह काम बीच में ही छोड़कर जल्‍द से जल्‍द शहर लौटने की सलाह देता है, लेकिन रहमान उसकी बात नहीं सुनता और उसे मालिक का निर्देश याद दिलाता है। आखिरकार जब वे घर लौटने के लिए निकलते हैं, तब तक मौसम और बिगड़ चुका होता है, चारों तरफ घना कोहरा घिर जाता है और स्‍याह अंधेरा उन्‍हें घेर लेता है।

घने जंगल में बढ़ते हुए दोनों रास्‍ता भूल जाते हैं, और तब उनकी मुठभेड़ जंगली जानवरों से होती है| लेकिन तभी उनके सामने एक ‘नरम दिल’ कोचमैन उपस्थित होता है जो उनकी मदद करने की पेशकश करता है। कौन है यह कोचमैन? और वह सिबु तथा रहमान की मदद करने के लिए उन्‍हें कहां ले जाता है? सिबु का भाई उसे फोन पर भागने के लिए क्यों कहता है?

इन तमाम सवालों के जवाब आपको रोमांच से भरपूर कहानी ‘द घोस्‍ट मैन’ के पहले भाग में ही मिल जाएंगे। कहानी के अगले भाग यानी सीक्‍वल में आप देखेंगे कि कैसे डिटेक्टिव बूमराह इस पूरे रहस्‍य का पर्दाफाश करते हैं। कहानी सुनने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

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