सस्ते सिलेंडर की संख्या बढ़ाने पर फैसला बाकी: मोइली

चुनाव आयोग की आपत्ति के एक दिन बाद पेट्रोलियम मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने बुधवार को कहा कि सस्ते एलपीजी सिलेंडरों की संख्या बढ़ाए जाने पर फैसला अभी नहीं किया गया है और यदि ऐसा फैसला होता तो इसकी सूचना निर्वाचन आयोग को जरूर दी गई होती।

मोइली ने संवाददाताओं से कहा कि अगर प्रस्ताव तैयार कर लिया गया होता और इसकी घोषणा करनी होती या फैसले ले लिए गए होते तो निश्चित तौर पर मैंने चुनाव आयोग को लिखा होता। मोइली ने कहा कि सरकार बार-बार कहती रही है कि सब्सिडी छह सिलेंडर तक सीमित करने के फैसले की समीक्षा की जा रही है और उन्होंने मंगलवार को सीआईआई [उद्योग मंडल] के एक कार्यक्रम के दौरान अलग से संवाददाताओं द्वारा पूछे गए सवाल पर यही बात दोहराई थी।

उन्होंने कहा कि मैं राजनीतिक फायदे के लिए निर्वाचन आयोग के पीठ पीछे कुछ नहीं करना चाहूंगा। हमारा ऐसा कोई इरादा नहीं है। इसके बारे में हमारी सोच बिल्कुल साफ हैं तथा हम और पारदर्शी तथ्यों पर आधारित काम कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि मंगलवार को मोइली की सब्सिडी वाले गैस सिलेंडरों की संख्या बढ़ाकर नौ करने की घोषणा करने के कुछ देर बाद ही चुनाव आयोग ने आपात बैठक की थी। मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस संपत की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस कदम को रोकने के लिए पेट्रोलियम मंत्रालय को पत्र भेजने का फैसला किया गया था। बता दें कि गुजरात में 13 दिसंबर को पहले चरण का चुनाव है और यहा चुनाव आचार संहिता लागू है। पत्र में पेट्रोलियम मंत्री से उनके बयान पर बुधवार सुबह 11.00 बजे तक स्पष्टीकरण मागा गया था। वहीं दूसरे पत्र में सब्सिडी वाले सिलेंडर पर किसी भी तरह फैसले को तुरंत रोकने के निर्देश दिए गए थे।

पिछले एक वर्ष में सरकार की यह तीसरी घोषणा है, जिस पर चुनाव आयोग ने रोक लगाई है। पिछले हफ्ते नकद सब्सिडी ट्रासफर योजना को लेकर आयोग अपने गुस्से का इजहार कर चुका है। गुजरात और हिमाचल में तो इस पर रोक भी लगा दी गई थी। इससे पहले उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के दौरान भी सरकार ने अल्पसंख्यकों को आरक्षण देने की घोषणा की थी, जिस पर चुनाव आयोग ने रोक लगा दी थी।

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