टाटा मोटर्स ने नई पहल “सैनिटाइज्ड बाई टाटा मोटर्स” से कस्टमर्स को सुरक्षा का दिलाया भरोसा

मुंबई, 12 अगस्त, 2020 :भारत के प्रमुख ऑटो ब्रैंड टाटा मोटर्स ने “सैनिटाइज्ड बाई टाटा मोटर्स” नाम से नई पहल को लॉन्च करने की आज घोषणा की। इसके माध्यम से टाटा मोटर्स देश भर में कंपनी की सभी कार डीलरशिप में सुरक्षा के उच्च मानकों का पालन किए जाने के संबंध में उपभोक्ताओं को आश्वस्त करेगा।

इस नई पहल के साथ अब उपभोक्ताओं को टाटा मोटर्स की डीलरशिप से अच्छी तरह सेनिटाइज किए गए व्हीकल्स दिए जाएंगे। सेनिटाइजेशन के बाद व्हीकल पर “सेनिटाइज्ड बाई टाटा मोटर्स” के स्पेशल डिजाइन किए गए लेबल चिपकाए जाते हैं, जिससे कंपनी की ओर से इन व्हीकल्स के सेनिटाइजेशन की पुष्टि होती है। सेनिटाइजेशन के बाद कस्टमर को इस व्हीकल की डिलिवरी तक इसे कोई भी हाथ नहीं लगाता। सावधानी के इन उपायों को एक लेवल और ऊपर ले जाते हुए कस्टमर को गाड़ी की चाबी भी सेनिटाइज किए हुए बॉक्स में दी जाती है। इस बॉक्स को इस तरह डिजाइन किया जाता है कि डीलर स्टाफ का कोई आदमी इसके सीधे संपर्क में न आए।

टाटा मोटर्स की पैसेजर व्हीकल बिजनेस यूनिट (पीवीबीयू) में मार्केटिंग विभाग के हेड श्री विवेक श्रीवास्तव ने कहा, “टाटा मोटर्स की प्राथमिकता हमेशा से ही अपने कस्टमर्स और डीलर्स की सुरक्षा रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए हमने सभी डीलरशिप और सर्विस सेंटर्स पर सोशल डिस्टेंसिंग को फॉलो करने के साथ यह ख्याल भी रखा है कि गाड़ियों के संपर्क में डीलर स्टाफ कम से कम आए। इसके साथ ही डीलरशिप में स्वच्छ और सेनिटाइज्ड माहौल का भी काफी ध्यान रखा जा रहा है। “सेनिटाइज्ड बाई टाटा मोटर्स” की पहल से हम अपने कस्टमर में यह भरोसा जगा रहे हैं कि टाटा मोटर्स के साथ जुड़कर वह हमेशा सुरक्षित रहेंगे। यह विश्वास कस्टमर्स को न्यू फोरऐवर रेंज की कारों और एसयूवी तक सुविधाजनक ढंग से पहुंचाने में मदद करेगा।”

इसके अलावा टाटा मोटर्स की सभी डीलरशिप पर कस्टमर्स से बातचीत वर्चुअल तरीके से की जाती है। इसमें डिजिटल टूल्स का इस्तेमाल किया जाता है। उपभोक्ताओं के साथ अगर मीटिंग जरूरी होती है तो अपॉइंटमेंट लेने और सभी जरूरी सत्यापन के बाद ही इस मुलाकात का प्रबंध किया जाता है। गाड़ियों के इंश्योरेंस और रजिस्ट्रेशन के लिए दस्तावेज आपको मेल या विशेष रूप से बनाए ड्रॉप बॉक्स से मिलते हैं। गाड़ी के दस्तावेज सभी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद ही भेजे जाते हैं।

इसके अलावा टेस्ट ड्राइव की किसी कस्टमर की मांग पर यह सर्विस उनके पसंदीदा जगह पर ही ऑफर की जाती है। नियम के अनुसार संबंधित कस्टमर गाड़ी को जब टेस्ट ड्राइव पर ले जाता है तो गाड़ी में डीलर स्टाफ का एक आदमी पीछे की सीट पर बैठा होता है, जिससे उसके शारीरिक संपर्क में आपके आने का खतरा कम से कम रहे। हर टेस्ट ड्राइव के बाद गाड़ी को पूरी तरह से सेनिटाइज किया जाता है। इसके अलावा गाड़ी में अंदर की सीट को ढकने और कस्टमर की सुरक्षा के लिए लगाए जाने वाले कवर भी बदले जाते हैं।

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