स्कॉडा ऑटो इंडिया ने नई ऑक्टाविया का उत्पादन शुरू किया

मुंबई, 06 अप्रैल, 2021 – स्कॉडा ऑटो इंडिया ने औरंगाबाद के शेंद्रा में स्थित अपने विनिर्माण केंद्र में बिल्कुल नई ऑक्टाविया का उत्पादन शुरू करने की घोषणा की। लोगों के बीच अत्यंत लोकप्रिय इस लावा ब्लू वाहन पर लॉरेन एंड क्लेमेंट का बैज लगाया गया है, जो लंबे समय से अपनी सेवाएं देने वाली चेक ऑटोमोबाइल कंपनी के संस्थापकों के प्रति श्रद्धांजलि के साथ-साथ इसके 125 वर्षों के समृद्ध इतिहास और विरासत का प्रतीक भी है। स्कॉडा की इस नवीनतम पेशकश को इस महीने के अंत में लॉन्च किए जाने की उम्मीद है, जो निश्चित तौर पर ऑक्टाविया की मजबूत विरासत पर आधारित होगी, तथा टेक्नोलॉजी, सुविधाओं और वाहन की साज-सज्जा को एक नए स्तर तक ले जाएगी।
इस अवसर पर श्री ज़ैक हॉलिस, ब्रांड डायरेक्टर- स्कॉडा ऑटो इंडिया, ने कहा, “स्कॉडा ऑक्टाविया ने शुरू से ही ब्रांड की भावनात्मक डिज़ाइन, विशिष्ट इंटरियर्स, इस श्रेणी में सबसे बेहतरीन सुरक्षा और इंटेलिजेंट कनेक्टिविटी फीचर्स को बड़े ही ख़ूबसूरत अंदाज़ में एकजुट किया है, और अब इनके साथ-साथ नई सुविधाओं को भी शामिल किया गया है जो नए मानदंड स्थापित करता है। 20 सालों के इस सफर में लगभग एक लाख संतुष्ट ग्राहकों की संख्या, वास्तव में भारत जैसे लगातार विकसित हो रहे ऑटोमोटिव बाजार में कार खरीदने वाले समझदार ग्राहकों के बीच हमारी मजबूत साख व विश्वसनीयता का प्रमाण है। हम भारत में अपनी उपस्थिति के दायरे का विस्तार करना चाहते हैं, इसलिए उत्पादन की शुरुआत के साथ ही हम अपने प्रोडक्ट पोर्टफोलियो को बेहद मजबूत बनाने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं। ग्राहकों को केंद्र में रखने की अपनी नीति के अनुरूप, हम अपने नेटवर्क का भी तेजी से विस्तार कर रहे हैं। इसके अलावा, हमने ग्राहकों को स्वामित्व का बेजोड़ अनुभव प्रदान करने के लिए विभिन्न पहलों की शुरुआत की है।”
जनवरी 1959 में, म्लाडा बोलेस्लाव में पहली ऑक्टाविया कार का निर्माण शुरू किया गया था। इस सुप्रसिद्ध वाहन को इसका यह नाम लैटिन शब्द ‘ऑक्टाविया’ से मिला जिसका अर्थ ‘आठवां’ होता है। दरअसल यह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद स्कॉडा ऑटो के प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में शामिल होने वाला आठवां वाहन था, साथ ही यह सभी पहियों के लिए अत्याधुनिक इंडिपेंडेंट सस्पेंशन की सुविधा से सुसज्जित आठवां वाहन था। इसके अलावा, टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कॉइल स्प्रिंग्स के साथ फ्रंट एक्सल तथा टॉर्शन बार स्टेबलाइज़र जैसे इनोवेशन की वजह से ऑक्टाविया को ड्राइव करने का अनुभव बेमिसाल हो गया था और इसकी सवारी सबसे ज्यादा आरामदेह थी। अगले साल, जिनेवा मोटर शो में स्पोर्टी स्कॉडा ऑक्टाविया टूरिंग स्पोर्ट (TS) का प्रीमियर किया गया था। सन 1961, 1962 और 1963 में, मोंटे कार्लो रैली में इसने अपनी श्रेणी में दमदार प्रदर्शन के साथ लगातार तीन बार जीत हासिल की।
स्कॉडा ऑटो जब फोक्सवैगन ग्रुप का हिस्सा बन गया, उसके बाद नेमप्लेट को नया स्वरूप दिया गया तथा 1996 में आधुनिक युग के पहले जनरेशन के ऑक्टाविया को बाजार में उतारा गया। 2001 में, चेक गणराज्य की प्रमुख ऑटो मोबाइल कंपनी ने भारतीय उपमहाद्वीप में प्रवेश किया। जल्द ही इस ब्रांड ने अपने कभी पुराने नहीं होने वाले बेजोड़ डिजाइन, शानदार प्रदर्शन, निर्माण की उत्कृष्ट गुणवत्ता, सुरक्षा और हिफाज़त के लिहाज से पहले से अधिक सुविधाएं, तथा यूरोपीय शिल्प कौशल के आदर्श मिश्रण के रूप में अपनी काबिलियत को सिद्ध किया, और कंपनी ने इसे प्रतिस्पर्धी स्तर पर शानदार कीमतों पर उपलब्ध कराया, और इस तरह ब्रांड ने घरेलू ग्राहकों के बीच अद्वितीय ‘वैल्यू लक्जरी’ का दर्जा हासिल किया। ऑक्टाविया ने भारत में बेहद लोकप्रिय एक्जीक्यूटिव सेडान सेगमेंट में स्कॉडा ऑटो का मार्ग प्रशस्त किया, तथा यह देशभर में मौजूद ब्रांड के वफादार ग्राहकों एवं वाहन प्रेमियों के बीच प्रशंसा का पात्र बन गया।
वर्ष 2006 में स्कॉडा ऑक्टाविया के दूसरे जनरेशन के वाहनों को बाजार में उतारा गया और इसकी सफलता की कहानी पहले की तरह बरकरार रही। नई ऑक्टाविया मॉडल की रेंज अब ब्रांड का पर्याय बन गई थी, जिसने इनोवेशन के दायरे को और विस्तृत किया, तथा पेट्रोल वाहनों में डायरेक्ट इंजेक्शन टेक्नोलॉजी के साथ-साथ ऑटोमेटिक डुएल क्लच ट्रांसमिशन उसकी शुरुआत की गई। तीसरे जनरेशन के स्कॉडा ऑक्टाविया ने अपने सेगमेंट में बेहतर कार्यक्षमता, उपयोगिता और अधिक जगह के लिए नए मानदंड स्थापित किए, तथा RS उपनाम के साथ-साथ पल्स रेसिंग ने इसके मूल्य प्रस्ताव को बेमिसाल बना दिया।
चीन, भारत, रूस और कजाकिस्तान में स्थित कंपनी के विनिर्माण केंद्रों में स्कॉडा ऑटो की सबसे ज्यादा बिकने वाली कार, ऑक्टाविया की लगभग 6.5 मिलियन यूनिट्स का दुनिया भर में उत्पादन किया गया है। इस कार की लोकप्रियता का सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि, स्कॉडा ऑक्टाविया की 100,000 यूनिट्स आज भारतीय घरों की शोभा रहे हैं।

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