पुरी सीधे नल से पीने योग्य पानी की आपूर्ति की उपलब्धि हासिल करने वाला पहला भारतीय शहर बन गया

पुरी, 26 जुलाई, 2021: पुरी 26 जुलाई, 2021 से IS 10500 के गुणवत्ता मानकों के अनुरूप सीधे नल से पीने योग्य पानी की आपूर्ति की उपलब्धि हासिल करने वाला पहला भारतीय शहर बन गया है। ओडिशा के माननीय मुख्यमंत्री, श्री नवीन पटनायक के नेतृत्व में ओडिशा सरकार द्वारा ‘सुजल’ या ‘ड्रिंक फ्रॉम टैप’ मिशन की शुरुआत की गई थी। बदलाव लाने वाली इस पहल से अब शहर के 2.5 लाख नागरिकों के साथ-साथ 2 करोड़ पर्यटक लाभान्वित होंगे, जो हर साल भगवान जगन्नाथ के दर्शनों के लिए इस पवित्र शहर की यात्रा करते हैं। सुरक्षित पेयजल की व्यवस्था से आगे चलकर हर साल 3 करोड़ प्लास्टिक की बोतलों के उपयोग को रोकने में मदद मिलेगी, जिससे 400 मीट्रिक टन प्लास्टिक कचरे को ख़त्म किया जा सकेगा, साथ ही राज्य के कार्बन फुटप्रिंट में और कमी आएगी।

भारत में पहली बार अत्याधुनिक तकनीक की मदद से लोगों को सीधे नल से पीने योग्य पानी उपलब्ध कराने का सपना साकार हुआ है। पुरी में अब घरों में पानी की आपूर्ति के लिए 100% मीटर कनेक्शन लगाए गए हैं जिसके जरिए चौबीसों घंटे सुरक्षित पेयजल की आपूर्ति की जाती है, और इस तरह यह लंदन, सिंगापुर एवं न्यूयॉर्क जैसे वैश्विक शहरों की सूची में शामिल हो गया है।

ओडिशा के माननीय मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 26 जुलाई को पुरी में ‘ड्रिंक फ्रॉम टैप मिशन’- ‘सुजल’ का उद्घाटन किया। चौबीसों घंटे “सीधे नल से पीने योग्य पानी” की आपूर्ति प्रणाली को भगवान जगन्नाथ की महिमा तथा पुरी के नागरिकों को समर्पित करते हुए, माननीय मुख्यमंत्री ने कहा, “हर घर में 24×7 पीने की गुणवत्ता वाला पानी उपलब्ध कराना बड़े पैमाने पर बदलाव लाने वाली परियोजना है, और यह पुरी को विश्व स्तरीय विरासत शहर बनाने के हमारे विज़न की दिशा में उठाया गया एक कदम है। पुरी के निवासी, पर्यटक और तीर्थयात्री अब पूरे शहर में किसी भी स्थान पर नल से पानी पी सकते हैं, जिसमें घर पर मौजूद नल के साथ-साथ सार्वजनिक पेयजल के लिए लगाए गए नल शामिल हैं। ओडिशा के हर घर में नल से पीने योग्य पानी पहुंचाना मेरा सपना रहा है, और अब यह सपना साकार हो रहा है।”

राज्य सरकार की ओर से ग्रैंड ट्रंक रोड किनारे और पुरी के अन्य व्यस्त इलाकों में सार्वजनिक पेयजल के 120 स्रोतों की स्थापना की गई है, जो हवाई अड्डों पर सार्वजनिक इस्तेमाल के लिए लगाए जाने वाले पेयजल के स्रोतों के समान हैं और शहर में आने वाले तीर्थयात्री अब इन स्रोतों से सुरक्षित पेयजल प्राप्त कर पाएंगे। पुरी के अलावा, इस मिशन के अंतर्गत ओडिशा के 16 अन्य शहरों में भी 40 लाख परिवारों तक सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने की योजना सफलता की ओर अग्रसर है। ‘सभी के लिए पानी’ के अपने मिशन के साथ-साथ यह पहल ओडिशा के सभी 114 शहरी स्थानीय निकायों में हर घर तक सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने के लिए तैयार है, जिसमें पूरे राज्य की झुग्गी बस्तियों में रहने वाले सभी परिवारों को शामिल किया गया है।

अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं, चलती-फिरती प्रयोगशालाओं, ऑटोमेटिक क्लोरीन डोजर्स के साथ क्लोरीन एनलाइज़र्स, पानी की गुणवत्ता मापने वाले सेंसर, और हर घर में गुणवत्ता के निरीक्षण की मदद से पेयजल की गुणवत्ता की निगरानी की प्रणाली को सुदृढ़ बनाया गया है। प्रदर्शन पर आधारित और प्रोत्साहन से जुड़े कार्यक्रम के तहत समाज के कमजोर तबके से ताल्लुक रखने वाली स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं, जिन्हें जलसाथी का पदनाम दिया गया है, को जनता और सरकार के बीच एक प्रमुख सामुदायिक कड़ी के रूप में नियुक्त किया गया है, जो महिला सशक्तिकरण और उनके समावेश के लिए ओडिशा की लंबे समय से चली आ रही प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाता है। जलसाथियों को मीटर रीडिंग, राजस्व के संग्रह, जमीनी स्तर पर पानी की गुणवत्ता के परीक्षण और लोगों को मीटर कनेक्शन के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। उनके प्रयासों से पुरी में घरों में पानी की आपूर्ति के लिए 100% मीटर कनेक्शन लगाना सुनिश्चित हुआ है।

इस मिशन के तहत घर वापस लौटने वाले प्रवासियों को भी ध्यान में रखा गया है, साथ ही प्लंबरों को पानी के रिसाव और बर्बादी की जाँच सहित नए नल लगाने एवं उनके रखरखाव जैसे कार्यों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

पुरी में सुचारू रूप से और गुणवत्तायुक्त पेयजल आपूर्ति की निगरानी के लिए पूरे राज्य में अपनाई गई इस स्मार्ट जल प्रबंधन तकनीक को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार व सम्मान प्राप्त हुए हैं — जिसमें दूसरे राष्ट्रीय जल और स्वच्छता नवाचार शिखर सम्मेलन में उत्कृष्टता पुरस्कार, तथा 18वें सीएसआई एसआईजी ई-गवर्नेंस अवॉर्ड्स में उत्कृष्टता पुरस्कार शामिल हैं।

आवास एवं शहरी विकास राज्य मंत्री, श्री प्रताप जेना ने इस कार्यक्रम को संबोधित किया, जिसमें आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव ने भी भाग लिया। फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब के माध्यम से इस कार्यक्रम की लाइव स्ट्रीमिंग की गई।

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